Thursday, December 12, 2024
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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में BJP की अगुवाई वाली महायुति ने रचा इतिहास, यूपी-बिहार-राजस्थान उपचुनावों में INDI गठबंधन को दी पटखनी: जानिए 15 राज्यों के उपचुनावों के नतीजे

यूपी और बिहार के उपचुनावों में भी बीजेपी ने बाजी मारी। यूपी में बीजेपी ने समाजवादी पार्टी को बुरी तरह से हराया, तो बिहार में आरजेडी-जेडीयू गठबंधन को बीजेपी और उसके सहयोगी दलों ने पीछे छोड़ दिया।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, झारखंड विधानसभा चुनाव और कई राज्यों में हुए विधानसभा उप-चुनाव के नतीजों ने देश की सियासी तस्वीर को बदलकर रख दिया है। महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन ने महाविकास आघाड़ी गठबंधन को बुरी तरह से हराया, तो झारखंड में इंडी गठबंधन ने एनडीए को रोकने में कामयाबी पाई। ये चुनाव न सिर्फ राजनीतिक दलों के लिए अहम साबित हुए बल्कि जनता के मूड का भी साफ संकेत देते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं इन चुनावों के बड़े नतीजे और उनका असर।

महाराष्ट्र में महायुति का जलवा, महाविकास अघाड़ी ध्वस्त

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे बीजेपी और शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति के लिए शानदार रहे। 288 सीटों वाली विधानसभा में महायुति ने 223 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया। वहीं महाविकास अघाड़ी सिर्फ 55 सीटों पर सिमट गई।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट), और एनसीपी (अजित पवार गुट) की तिकड़ी ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए बहुमत से सरकार बनाने का रास्ता साफ किया। दूसरी ओर, विपक्षी INDI गठबंधन, जिसमें कॉन्ग्रेस, एनसीपी (शरद पवार गुट), और उद्धव ठाकरे की शिवसेना शामिल थी, उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाया।

बीजेपी और शिवसेना (शिंदे गुट) की बड़ी जीत ने महाविकास अघाड़ी के अस्तित्व पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वर्ली सीट से शिवसेना (उद्धव गुट) के आदित्य ठाकरे ने जीत हासिल की, लेकिन बाकी गुट की हालत भी खस्ता रही। कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोराट संगमनेर सीट से चुनाव हार गए। कॉन्ग्रेस की इस चुनाव में बुरी गति दिखी, राहुल गाँधी और महाविकास आघाड़ी गठबंधन बुरी तरह से फ्लॉप साबित हुआ।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जीत के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मतदाताओं का धन्यवाद दिया, जबकि देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सीएम पद पर फैसला महायुति करेगी। बताया जा रहा है कि महायुति सरकार 25 नवंबर को शपथ ले सकती है। अजित पवार की एनसीपी ने भी सरकार को समर्थन पत्र देने की तैयारी कर ली है।

यह जीत न केवल महायुति के लिए ऐतिहासिक है, बल्कि विपक्ष के लिए करारी शिकस्त भी है। वहीं, हार से बौखलाए विपक्षी नेता ईवीएम, सरकार और पूंजीपतियों पर दोष मढ़ते नजर आ रहे हैं। संजय राउत ने तो इसे जनता पर ‘थोपा गया नतीजा’ तक बता दिया। यही नहीं, सपा से एनसीपी-शरद पवार में आए फवाद अहमद की एक्ट्रेस बीवी स्वरा भास्कर ने तो ईवीएम पर ही उंगली उठा दी और मशीन में खराबी का घिसा-पिटा राग अलापने लगी।

झारखंड में हेमंत सोरेन का दम, इंडी गठबंधन की बड़ी जीत

झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले इंडी गठबंधन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 81 में से 55 सीटें जीतीं। बीजेपी और एनडीए महज 25 सीटों पर सिमट गए।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बरहेट सीट से आगे चल रहे हैं, तो जेएमएम के स्टीफन मरांडी ने महेशपुर सीट से बड़ी जीत दर्ज की। वहीं, बीजेपी ने कोडरमा से अपनी उम्मीदवार डॉ. नीरा यादव को जीत दिलाई। परिवार की सियासत पर नजर डालें, तो सोरेन परिवार के 4 सदस्यों में से 3 चुनाव हार गए। केवल हेमंत सोरेन अपनी सीट बचा सके।

उप-चुनाव में बीजेपी ने दिखाया दम

विधानसभा उप-चुनाव में बीजेपी ने परचम लहराया, लेकिन कुछ झटके भी लगे। 15 राज्यों में हुए 48 विधानसभा सीटों और 2 लोकसभा सीटों के उप-चुनावों में बीजेपी ने अपना दबदबा बनाए रखा। खासकर उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में पार्टी ने बढ़त हासिल की।

उत्तर प्रदेश में बीजेपी और ने 9 में से 7 सीटें जीत लीं। कुंदरकी सीट पर बीजेपी की बड़ी जीत रही, जो 2002 से सपा के कब्जे में थी।

राजस्थान की झुंझुनूं, देवली, रामगढ़ और खींवसर जैसी सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की। कॉन्ग्रेस ने दौसा सीट पर बढ़त बनाए रखी।

बिहार उपचुनाव में NDA ने किया क्लीनस्वीप

बिहार उप चुनाव में एनडीए ने क्लीनस्वीप किया है। बिहार की 4 विधानसभा सीटों पर हुए उप-चुनाव में से 2 पर बीजेपी ने जीत हासिल की है, तो 2 पर उसकी सहयोगी पार्टियों ने। बीजेपी ने बिहार की तरारी और रामगढ़ विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं, इमामगंज विधानसभा सीट पर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) की दीपा कुमारी ने जीत हासिल की है, वहीं बेलागंज में जेडीयू की मनोरमा देवी ने जीत हासिल की है। बिहार विधानसभा उप-चुनाव में न सिर्फ आरजेडी को, बल्कि नई नवेली पार्टी लेकर मैदान में उतरे प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को भी मुँह की खानी पड़ी है।

पंजाब, पश्चिम बंगाल, केरल और असम का हाल

पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) ने 4 सीटें जीतकर अपनी ताकत दिखाई, तो पश्चिम बंगाल में तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) ने सभी 6 सीटें अपने नाम कीं। वहीं, असम में बीजेपी और उसके गठबंधन ने कई सीटों पर कब्जा किया, जबकि केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर कॉन्ग्रेस की प्रियंका गाँधी वाड्रा ने जीत दर्ज की।

चुनाव के प्रमुख मुद्दे और असर

इन चुनावों में अलग-अलग राज्यों के अपने मुद्दे थे। महाराष्ट्र में जहां विपक्ष की कमजोर रणनीति बीजेपी की जीत का बड़ा कारण बनी, वहीं झारखंड में हेमंत सोरेन ने अपने गठबंधन के जरिए आदिवासी और ग्रामीण वोटों को साधा।

महाराष्ट्र: महाविकास अघाड़ी के गुटबाजी और नेतृत्व के संकट ने उन्हें भारी नुकसान पहुँचाया।

झारखंड: एनडीए को आदिवासी क्षेत्रों में खासा नुकसान हुआ, जबकि सोरेन सरकार ने इन इलाकों में अच्छा प्रदर्शन किया।

उत्तर प्रदेश: बीजेपी की सरकार ने लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद उप-चुनावों में वापसी की। बीजेपी और आरएलडी ने 9 में से 7 सीटों पर जीत हासिल की है, तो सपा को सिर्फ 2 सीटों पर जीत मिली।

पश्चिम बंगाल: ममता बनर्जी की TMC ने एक बार फिर अपनी पकड़ मजबूत दिखाई और सभी 6 सीटों पर हुए उप चुनाव में जीत हासिल की।

चुनावों से जुड़ी कुछ रोचक बातें

वर्ली सीट से जीत: आदित्य ठाकरे ने 8801 वोटों से जीत हासिल की, जो उनके लिए राहत लेकर आई।

सोरेन परिवार का प्रदर्शन: झारखंड में सोरेन परिवार के तीन सदस्य चुनाव हार गए, जो परिवार की राजनीति के लिए बड़ा झटका है।

लोकसभा उप-चुनाव: वायनाड सीट से प्रियंका गाँधी ने जीत दर्ज की, जिससे कॉन्ग्रेस को नई ऊर्जा मिली। हालाँकि विधानसभा उप-चुनावों में कॉन्ग्रेस का प्रदर्शन बेहद निराशा जनक रहा

भविष्य की राजनीति पर असर

महाराष्ट्र: बीजेपी की अगुवाई में महायुति को मिली यह जीत उन्हें लोकसभा चुनाव 2029 के लिए मजबूत आधार देगी।

झारखंड: इंडी गठबंधन की जीत विपक्षी दलों को एकजुट रहने का संदेश देती है।

उत्तर प्रदेश: उप-चुनाव में बीजेपी की वापसी 2027 के विधानसभा चुनाव की दिशा तय करेगी।

सिर्फ परफॉर्मेंस और रणनीति से मिलेगी जीत, हवाबाजी से नहीं

इन चुनावों ने साफ कर दिया कि राजनीति में अब सिर्फ परफॉर्मेंस और रणनीति से जीत मिलती है। महाराष्ट्र में बीजेपी और शिंदे गुट की बड़ी जीत ने दिखाया कि गुटबाजी और कमजोर नेतृत्व विपक्ष को कितना नुकसान पहुँचा सकता है। वहीं, झारखंड में हेमंत सोरेन के इंडी गठबंधन ने साबित किया कि जनता के मुद्दों पर काम करने से भरोसा कायम रहता है। उप-चुनावों में भी बीजेपी ने यूपी और राजस्थान जैसे राज्यों में दमदार वापसी की। हालाँकि, बंगाल और पंजाब जैसे राज्यों में क्षेत्रीय दलों का दबदबा जारी है।

कुल मिलाकर ये नतीजे लोकसभा 2029 के चुनावों की तैयारी का ट्रेलर लगते हैं। अब देखना ये है कि पार्टियाँ इन जीत-हार से क्या सीखती हैं और जनता के लिए क्या नया लाती हैं। क्योंकि आखिरकार जीत उसी की होगी जो जनता के दिल में जगह बनाएगा।

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श्रवण शुक्ल
श्रवण शुक्ल
Shravan Kumar Shukla (ePatrakaar) is a multimedia journalist with a strong affinity for digital media. With active involvement in journalism since 2010, Shravan Kumar Shukla has worked across various mediums including agencies, news channels, and print publications. Additionally, he also possesses knowledge of social media, which further enhances his ability to navigate the digital landscape. Ground reporting holds a special place in his heart, making it a preferred mode of work.

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