इंडियन एक्सप्रेस ने दिल्ली दंगों पर 15 जुलाई को एक ख़बर प्रकाशित की थी। इसका शीर्षक था, Resentment in Hindus on arrests, take care: Special CP to probe teams। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि फरवरी में उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में कुछ स्थानीय हिंदू युवकों की गिरफ्तारी को लेकर स्पेशल कमिश्नर ऑफ़ पुलिस (अपराध) ने अपने सीनियर अधिकारियों को एक पत्र लिखा। पत्र में कहा गया था कि युवकों की गिरफ्तारी से हिंदू समुदाय में काफी गुस्सा है।
इसके अलावा रिपोर्ट में मुद्दे से जुड़ा एक और अहम दावा किया गया था। उन्होंने अपने पत्र में कथित तौर पर उत्तर-पूर्वी दिल्ली के खजूरी ख़ास और चाँद बाग़ इलाकों के युवकों की गिरफ्तारी के लिए एक ‘इंटेलिजेंस इनपुट’ का हवाला दिया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि प्रवीर रंजन के मुताबिक़ समुदाय के लोगों का आरोप है कि ये गिरफ्तारियाँ बिना सबूतों के की गई हैं। साथ ही जितने युवकों की गिरफ्तारी हुई है उनमें से कई निजी कारणों से भी हुई है।
साथ ही उसमें दो मुस्लिम युवकों का ज़िक्र है। हिंदू समुदाय के लोगों के गुस्से का एक बड़ा कारण यह भी था कि पुलिस ने दोनों मुस्लिम युवकों पर कोई कार्रवाई नहीं की थी। जबकि उन दोनों पर सीएए-एनआरसी के दौरान विरोध-प्रदर्शन को हिंसक बनाने और मुस्लिम समुदाय के लोगों को भड़काने का आरोप है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट का यह भी कहना था कि दिल्ली पुलिस द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार ‘किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने से पहले पूरी सावधानी बरती जाए। हर तरह के सबूतों की (सीधे या तकनीकी) अच्छे से जाँच की जाए जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि गिरफ्तारियों के समर्थन में पर्याप्त संदर्भ मौजूद सबूत हैं।
मामले में कोई मनमानी गिरफ्तारी न हो और हर सबूत के बारे में सरकारी अभियोजकों से पूरी बातचीत हो। जिन अधिकारियों के अंतर्गत इस मामले की जाँच चल रही हो (एसीपी, डीसीपी, एएसआईटी अतिरिक्त मंडलायुक्त, अपराध) वह जाँच अधिकारियों को इस मामले पर उचित दिशा-निर्देश देते रहें।
गुरुवार को दिल्ली पुलिस ने इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए विस्तृत रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस ने इंडियन एक्सप्रेस के सभी दावों को खारिज कर दिया और कहा यह पूरी तरह भ्रामक और चर्चा बटोरने वाली खबर के अलावा कुछ नहीं है। इस रिपोर्ट में ऐसा बताने की कोशिश की गई है जैसे दिल्ली पुलिस ने एकतरफ़ा कार्रवाई की हो, जबकि असल में ऐसा कुछ नहीं है।
दिल्ली पुलिस ने इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट का जवाब देते हुए कहा कि इससे अच्छी सनसनी बटोरने वाली खबर नहीं हो सकती है। पूरी रिपोर्ट खोखली है और जिसने भी इस पर काम किया है उसे पुलिस की कार्यशैली की ज़रा भी समझ नहीं है।
दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी मंदीप एस रंधावा ने कहा उन्हें जिस पैमाने पर आम लोगों (मुख्य रूप से प्रतिनिधियों), खुफ़िया एजेंसियों और पुलिस की खुफ़िया शाखा से जानकारियाँ मिल रही हैं, वह इससे परेशान हो चुके हैं।
#ExpressFrontPage | The order comes amid the ongoing investigation, arrests and prosecution by the Delhi Police in a slew of riot cases.https://t.co/XXagPRaHgs
— The Indian Express (@IndianExpress) July 15, 2020
दिल्ली पुलिस के जवाब के अनुसार इस मामले से जुड़ी हर जानकारी निष्पक्ष रूप से देखी जानी चाहिए। जिस तरह की रिपोर्ट तैयार की गई है वह दिल्ली पुलिस के आदेश को पूरी तरह नज़रअंदाज़ करती है। इसके विपरीत दिल्ली पुलिस ने अपने शुरूआती आदेश में ही लिखा था कि सबूतों के आधार पर जो भी आरोपित होगा, उसकी गिरफ्तारी जाति, धर्म और समुदाय देखे बिना की जाएगी। जिससे कहीं ऐसा संदेश न जाए कि दिल्ली पुलिस मनमानी कार्रवाई/गिरफ्तारी कर रही है।
दिल्ली पुलिस ने मंडलायुक्त प्रवीर रंजन के मुद्दे पर भी अपना मत रखा। दिल्ली पुलिस के मुताबिक़ मंडलायुक्त रंजन ने जाँच अधिकारियों को सूचित करने के लिए आदेश जारी किया। इतना ही नहीं आदेश के मुताबिक़ दोनों समुदायों से प्रतिनिधित्व मिल रहा है और आदेश की मदद से जाँच अधिकारियों को दिशा-निर्देश देकर उनकी मदद भी की गई थी। दिल्ली पुलिस ने साफ़ तौर पर कहा कि उन्होंने दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाकों में हुए दंगों में निष्पक्ष तरीके से कार्रवाई की। कार्रवाई के दौरान क़ानून का पूर्णतः पालन किया गया और सबूत के आधार पर मिले हर आरोपित को जाति, धर्म या समुदाय देखे बिना गिरफ्तार किया गया।
दिल्ली पुलिस ने इंडियन एक्सप्रेस द्वारा किए गए दावों को खारिज करते हुए कुछ और अहम बातें कहीं। मामले से जुड़े सीनियर अधिकारियों ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि जाँच के दौरान सभी का रवैया पेशेवर और संगठित होना चाहिए। इस आदेश में उन खुफ़िया इनपुट का भी ज़िक्र था जिनके जरिए जाँच अधिकारियों की मदद मिलनी थी, क्योंकि इस तरह के मामले पहले ही बेहद संवेदनशील होते हैं। आदेश के अनुसार जाँच अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि पूरी कार्रवाई पारदर्शी और साक्ष्यों के आधार पर हो।
The @DelhiPolice’s rejoinder and @IndianExpress’s response https://t.co/hOJ5oGLGLv pic.twitter.com/UJAzPaLR0i
— The Indian Express (@IndianExpress) July 16, 2020
इन जवाब पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इंडियन एक्सप्रेस ने कहा कि उनका पक्ष यही रहने वाला है। इसके अलावा इंडियन एक्सप्रेस ने कहा मंडलायुक्त रंजन के जाँच अधिकारियों को दिए गए आदेश पर उनकी रिपोर्ट किसी भी लिहाज़ से गलत नहीं है। उस रिपोर्ट में सारी बातें सही लिखी हुई हैं। साथ ही इंडियन एक्सप्रेस ने बताया कि उन्होंने मंडलायुक्त रंजन और दिल्ली पुलिस जनसंपर्क अधिकारी रंधावा को इस मामले से जुड़ी एक प्रश्नावली भेजी थी। इस पर दोनों ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।