विश्व के कोने-कोने में पहुँचकर महिलाओं के हक़ पर बात करने वाली नोबेल प्राइज विजेता मलाला यूसफ़जई आज न केवल पाकिस्तान में बल्कि समूचे विश्व में कई नारीवाद आंदोलनों का एक बड़ा चेहरा बन चुकी हैं। लेकिन जब उनके ख़ुद के मुल्क़ में दो हिंदू लड़कियों के अपहरण और जबरन धर्मांतरण की ख़बर आई, तो उन्होंने चुप्पी साध ली। आखिर क्यों?
मानवाधिकारों पर और विशेष तौर पर महिलाओं पर बात करने वाली मलाला की चुप्पी को देखकर लगता है कि उनके मुल्क़ में पसरी कट्टरपंथी उनको आवाज़ उठाने की इजाज़त नहीं दे रही हैं। जिसके कारण सोशल मीडिया पर यूजर्स उनकी इस चुप्पी पर उनसे लगातार सवाल कर रहे हैं। और साथ ही उन दोनों हिन्दू बहनों के ऊपर हुए अत्याचार पर आवाज़ उठाने की माँग कर रहे हैं।
The @UN stands with @Malala but does she stand with persecuted girls & women of religious minorities in her country, the Islamic republic which she is proud of? Has @UNHumanRights ever stood up for religious minorities, cleansed systematically by theocratic fascists in Pakistan? https://t.co/7tTPIkrpw5
— Aarti Tikoo Singh (@AartiTikoo) March 25, 2019
कहा जाता है कि ‘नारीवाद’ की लड़ाई, नारी के साथ हो रहे अन्यायों के ख़िलाफ़ होती है, इसमें शायद किसी तय मज़हब, जाति और धर्म का कोई उल्लेख नहीं होता है। इसलिए ‘नारीवाद’ का बीड़ा उठाने वाले हर शख़्स का दायित्व होता है कि उसकी आवाज़ समाज में हर नारी के लिए बराबर उठे। मलाला का न्यूज़ीलैंड के मुद्दे पर दु:ख प्रकट करना और रवीना (13) और रीना (15) पर शांत हो जाना दिखाता है कि इंसान कितना ही प्रोगरेसिव क्यों न हो जाए, लेकिन उसके भीतर मज़हब और मज़हब का डर हमेशा ज़िंदा रहता है।
Dear @Malala Asalamualikum.
— Ibn Sina (@Ibne_Sena) March 25, 2019
Two Hindu girls of your age were kidnapped, molested & forcefully converted to Religion Islam in Pakistan.
Can we expect a tweet against this barbaric act by peaceful Muslims of Pakistan. I know you are afraid of loosing Noble Prize. Speak up!
आज इस घटना ने पूरे विश्व को पाकिस्तान में हिंदुओं की स्थिति पर सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। लेकिन तब भी मलाला को इस संदर्भ में आवाज़ उठाना उचित नहीं लग रहा है। और इसलिए उन्होंने उन सभी यूजर्स को ब्लॉक करना शुरू कर दिया है, जो उनसे इन दोनों हिंदू बहनों के लिए इंसाफ़ की आवाज़ उठाने की माँग कर रहे हैं।
.@malala two Hindu girls of your age were kidnapped from their home, were molested and forcefully converted to your religion, Islam.
— Krishna (@dianoeticpriest) March 24, 2019
The world should know about this barbaric act by Islamists. Please RT in support of those two poor Hindu girls. Thank you. https://t.co/HjKDk3jHgR
Weird but Okay. pic.twitter.com/ufJ6RpjblX
— Krishna (@dianoeticpriest) March 24, 2019
सोशल मीडिया पर कुछ लोग मलाला के इस दोहरेपने को ‘Biggest scam’ बता रहे हैं। और आरोप लगा रहे हैं कि वह विश्व के किसी भी मुद्दे पर बोलने को तैयार हैं, लेकिन अपनी मातृभूमि पर पनप रहे आतंकवाद और कट्टरता पर उनसे एक शब्द भी नहीं बोला जाता। ऐसे हालातों में मलाला पर सवालों का उठना लाज़िमी है क्योंकि जो नोबेल प्राइज विजेता दूर-दूर विश्व में मानवाधिकारों का पाठ लोगों को पढ़ाती-समझाती हो, वह अपने मुल्क़ में हिंदू बहनों पर हुए ऐसे अपराध पर क्यों शांत हैं?
Malala must be one of biggest scams if not biggest in recent times. She’s such a condescending and sanctimonious ‘kid, at times it’s nauseating. Not a word on his terroristan motherland but will tweet on everything else in world.
— Sailor (@sailorsmoon) March 24, 2019
Heartbroken for #NewZealand. Please pray for the victims and their families. https://t.co/nu8w1NuqO6
— Malala (@Malala) March 15, 2019
मलाला की यह चुप्पी एक तरफ जहाँ पाकिस्तान की कट्टरता को दर्शाती है वहीं उनके दोहरे चेहरे को भी उजागर करती है, जिसमें या तो मज़हब के लिए डर है या मज़हब के लिए अथाह प्रेम जो न्यूज़ीलैंड पर जगता है लेकिन ऐसे मुद्दों पर कहीं दुबक जाता है।
ख़ैर, बताते चलें कि रवीना और रीना नामक नाबालिग हिंदू लड़कियों के पिता पुलिस स्टेशन के सामने रोए, गिड़गिड़ाए और विरोध भी किए। वायरल हुए वीडियो में पिता को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “आप मुझे गोली मार सकते हैं, मैंने बहुत सब्र किया, लेकिन अब मैं अपनी बेटियों के वापस आने तक यहाँ से नहीं जाऊँगा”। सोचिए उनकी स्थिति!
Father of Raveena and Reena Hindu girls who held protest at police station.
— Veengas (@VeengasJ) March 23, 2019
“You can kill me, I had the patience, but now I won’t leave.”
I spoke to his son Shaman who said that “Madam – we are not citizen of Pakistan.” “The police kept changing statements.” pic.twitter.com/ODWfIalnyJ
इसी बीच, सिंध प्रांत के कई हिंदुओं ने कथित तौर पर अपहरणकर्ताओं के ख़िलाफ़ शिक़ायत दर्ज करने से इनकार करने के बाद पुलिस अधिकारियों के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया। पाकिस्तान में हिंदू देश के सबसे वंचित और सबसे ज्यादा सताए गए अल्पसंख्यकों में से एक हैं।
Hindus sitting in protest in Ghotki #Sindh as their Holi celebrations were interrupted by goons who broke into the house abducted two sisters, forced them to convert to Islam & then married the underage girls to Muslim men.
— Reham Khan (@RehamKhan1) March 23, 2019
No politician or wadera has enquired yet. pic.twitter.com/kkNV17oRsc
इस घटना के बाद मलाला जैसे लोग भले ही अपने मुल्क़ से इंसाफ़ की माँग करें न करें, लेकिन भारतीय विदेश मंत्री ने रविवार (मार्च 25, 2019) को पाकिस्तान के सिंध प्रांत में होली की पूर्व संध्या पर दो हिंदू लड़कियों के अपहरण पर विवरण मँगाया है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त से घटना पर रिपोर्ट भेजने को कहा है।