Tuesday, May 7, 2024
Homeराजनीतिछात्रों को आत्मनिर्भर बनाने और शिक्षा प्रणाली को पुनर्जीवित करने में अहम भूमिका निभाएगी...

छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने और शिक्षा प्रणाली को पुनर्जीवित करने में अहम भूमिका निभाएगी NEP-2020: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

“राष्ट्रीय शिक्षा नीति को तैयार करने के लिए 2.5 लाख ग्राम पंचायतों, 12500 से अधिक स्थानीय निकायों, लगभग 675 जिलों और 2 लाख सुझावों को शामिल किया गया था। मुझे इस बात का हर्ष है कि 2018-19 के ऑल इंडिया सर्वे ऑफ़ हायर एजुकेशन के अनुसार महिलाओं का सकल नामांकन अनुपात (GER) पुरुषों से थोड़ा अधिक था।"

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार (19 सितंबर 2020) को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मुद्दे पर भाषण दिया। भाषण के दौरान उन्होंने एनईपी के तमाम अहम पहलुओं का ज़िक्र किया। उन्होंने कहा एनईपी का उद्देश्य 21वीं सदी की आवश्यकताओं को पूरा करना है और शिक्षा प्रणाली को पुनर्जीवित करना है। एनईपी की मदद से देश के हर छात्र को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी साथ ही साथ एक न्यायसंगत और जीवंत समाज विकसित करने की नींव रखी जाएगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की मदद से समाज में जोड़ने की भावना पैदा होगी।   

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, “हमारी परम्पराओं में हमेशा से जिज्ञासा को अहमियत दी गई है, उसे बढ़ावा दिया जाता रहा है। हमारे समाज में जिगीषा (विजय की इच्छा) से अधिक जिज्ञासा को महत्त्व दिया जाता है।”

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़ राष्ट्रपति ने भाषण के दौरान कहा, “राष्ट्रीय शिक्षा नीति को तैयार करने के लिए 2.5 लाख ग्राम पंचायतों, 12500 से अधिक स्थानीय निकायों, लगभग 675 जिलों और 2 लाख सुझावों को शामिल किया गया था। मुझे इस बात का हर्ष है कि 2018-19 के ऑल इंडिया सर्वे ऑफ़ हायर एजुकेशन के अनुसार महिलाओं का सकल नामांकन अनुपात (GER) पुरुषों से थोड़ा अधिक था। हालाँकि, अभी तकनीकी शिक्षा और राष्ट्रीय संस्थानों में महिलाओं की भूमिका और भागीदारी कम है। इस पर काम करने की पूरी सम्भावना है।”

राष्ट्रपति ने कहा एनईपी अंक या ग्रेड के लिए रट्टा मारने को लेकर हतोत्साहित करता है। यह छात्रों में एक अहम मानसिकता और रचनात्मकता की भावना का विकास करता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की मदद से साल 2035 तक सकल नामांकन अनुपात (GER) 35 फ़ीसदी तक बढ़ाने का लक्ष्य तय किया गया है। प्रौद्योगिकी की मदद से भी इस लक्ष्य को हासिल करने में आसानी होगी। 

उनके मुताबिक़ अकादमिक बैंक ऑफ़ क्रेडिट (ABC) में एक मुख्य परिवर्तन किया गया है जिससे छात्रों को बहुत सहायता मिलेगी। सबसे पहले यह देश के उच्च शिक्षण संस्थानों से इकट्ठा किए गए अकादमिक क्रेडिट का डिजिटल माध्यम से संग्रह करेगा। इसके बाद छात्रों द्वारा अर्जित किए गए क्रेडिट के आधार पर उन्हें डिग्री दी जाएगी। ABC की मदद से छात्र अपनी बौद्धिक ज़रूरतों के अनुसार पाठ्क्रम ले सकेंगे। यह छात्रों के हित में साबित होगा। 

इसके बाद उन्होंने कहा, “मुझे इस बात का विश्वास है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारतीय शिक्षा के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगी। यह हमारे देश के छात्रों आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाएगी और उनका आने वाला कल बेहतर बनाएगी। प्राचीन काल में हमारा देश वैश्विक स्तर पर शिक्षा का केंद्र माना जाता था। तक्षशिला और नालंदा जैसे शिक्षण संस्थानों को प्रतिष्ठित दर्जा प्राप्त था लेकिन आज भारत के शैक्षणिक संस्थानों को वैसा दर्जा नहीं मिला है। हमारे देश को संस्थानों को अपनी रैंकिंग में सुधार लाने के लिए काम करने की आवश्यकता है और एनईपी इस प्रक्रिया में अहम किरदार निभाएगी।”  

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

राजदीप सरदेसाई कॉन्ग्रेस की गोद में बैठ पाकिस्तान और 26/11 आतंकी हमले पर दे रहे थे ज्ञान, पुराने कॉन्ग्रेसी नेता ने सरेआम धो डाला

राजदीप सरदेसाई ने इस बार शिवसेना सांसद मिलिंद देवड़ा से ऑन टीवी अपनी फजीहत करवाई है। इस बार उन्हें कॉन्ग्रेस का बचाव करने पर लताड़ा गया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -