मिजोरम सरकार ने त्रिपुरा-मिजोरम अंतरराज्यीय सीमा के पास फूलदुंगसी गाँव में एक मंदिर के निर्माण को लेकर त्रिपुरा सरकार से आपत्ति जताई है। इस सीमा को लेकर पहले भी कई विवाद खड़े हो चुके हैं। दो महीने पहले ही इस गाँव के 130 निवासियों की पहचान मिज़ोरम की मतदाता सूची में की गई थी, बावजूद इसके कि गाँव को पारंपरिक रूप से त्रिपुरा का हिस्सा माना जाता है।
मिजोरम ने अब एक मंदिर के निर्माण के साथ-साथ त्रिपुरा के ब्रू आदिवासियों द्वारा किए जा रहे ‘सामुदायिक कार्य’ पर भी आपत्ति जताई है। मिजोरम के गृह सचिव लालबिआकसाँगी ने त्रिपुरा के अपने समकक्ष को लिखे अपने एक पत्र में दावा किया है कि ‘विवादित’ अंतरराज्यीय सीमा पर कोई भी काम कानून व्यवस्था में समस्या पैदा कर सकता है। साथ ही उन्होंने क्षेत्र में हो रहे सभी कार्यों को तत्काल बंद करने की भी माँग की।
इंडियन एक्सप्रेस को मिले एक पत्र के अनुसार, “….त्रिपुरा के SONGRONGMA (ब्रू आर्गेनाईजेशन) द्वारा ममित जिले के थीडावार तलाँग में फुलडुंगसेई के पास विवादित अंतरराज्यीय सीमावर्ती गाँव में एक मंदिर के निर्माण के प्रयासों के संबंध में मिजोरम सरकार द्वारा रिपोर्ट मिली हैं। यह भी बताया गया है कि सामुदायिक कार्य 19 और 20 अक्टूबर, 2020 को आयोजित किया जाना है। चूँकि विवादित अंतरराज्यीय सीमा के भीतर कोई भी गतिविधि कानून व्यवस्था की समस्याओं का कारण बन सकती हैं, इसलिए प्रस्तावित निर्माण को तत्काल रोकने के लिए संबंधित जिला प्रशासन को हस्तक्षेप करने और आवश्यक निर्देश जारी करने का अनुरोध किया जाता है।”
त्रिपुरा के कंचनपुर के उप-मंडल मजिस्ट्रेट चांदनी चंद्रन ने 17 अगस्त को उत्तर त्रिपुरा के डीएम को पत्र में लिखा था, “…पारंपरिक फुलदुंगसी वीसी को त्रिपुरा के हिस्से के रूप में स्वीकार किया गया है। इसलिए, वीसी और इसके निवासियों को मिजोरम में मतदाता सूची में शामिल करना समस्या पैदा कर सकता है। मिजोरम और त्रिपुरा के बीच सटीक सीमा का सीमांकन करने की तत्काल आवश्यकता है, जिसमें त्रिपुरा में ही पूरा फुलदुंगसी वीसी शामिल हो।”
बता दें कि त्रिपुरा के गृह सचिव बीके साहू ने पत्र मिलने की पुष्टि की है और कहा है कि राज्य प्रशासन द्वारा इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।