‘राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (NCM)’ द्वारा ‘इंडिया टुडे ग्रुप’ को नोटिस भेजा गया है। एनजीओ संचालक आरपी सिंह द्वारा की गई शिकायत के आधार पर NCM ने ये कार्रवाई की है। ‘इंडिया टुडे’ ने सरसंघचालक मोहन भागवत के एक बयान को लेकर ट्वीट किया था, जिसे भ्रामक बताते हुए आरपी सिंह ने NCM से शिकायत की थी। अब ‘राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग’ ने इस पर जवाब देने के लिए ‘इंडिया टुडे ग्रुप’ को 15 दिनों का समय दिया है।
NCM के सदस्य आतिफ रशीद द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, ‘इंडिया टुडे ग्रुप’ से कहा है कि वो इस मामले में 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपे, ताकि इसे आयोग के समक्ष आगे की कार्रवाई के लिए रखा जा सके। दरअसल, ‘इंडिया टुडे’ ने दावा किया था कि RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि हमारा संविधान ये कभी नहीं कहता है कि भारत में सिर्फ हिन्दू ही रह सकते हैं, इसीलिए यहाँ केवल हिन्दुओं की सुनी जाएगी और अगर मुस्लिम यहाँ रहना चाहते हैं तो उन्हें उच्चतर मानना पड़ेगा।
Mr. @aroonpurie please issue a statement retracting fake tweet posted by your organization & make a public apology for this irresponsible deduction that has sparked furore among the minorities. pic.twitter.com/HdL5ubwUMX
— R.P. Singh: ਆਰ ਪੀ ਸਿੰਘ (@rpsinghkhalsa) October 10, 2020
आरपी सिंह ने इसे फेक न्यूज़ बताते हुए कहा था कि ये खबर सांप्रदायिक सद्भाव को भंग करने वाला है। उन्होंने ‘इंडिया टुडे ग्रुप’ के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ अरुण पुरी से इस ‘फेक न्यूज़’ को लेकर माफ़ी माँगने को कहा था। हालाँकि, ‘इंडिया टुडे’ ने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया है। आरपी सिंह ने जो वीडियो ट्वीट किया, उसमें मोहन भागवत कहते दिख रहे हैं कि भारत का संविधान सबके लिए है।
श्री @rpsinghkhalsa जी आपकी शिकायत का संज्ञान लेते हुए अल्पसंख्यक आयोग ने CEO इंडिया टुडे ग्रुप को नोटिस जारी कर 15 दिन के अंदर अपना जवाब दाखिल करने का आदेश जारी कर दिया है ! https://t.co/La2sXKAgf8 pic.twitter.com/YVEs8UkMAC
— Atif Rasheed (@AtifBjp) October 12, 2020
उन्होंने कहा था कि जब बँटवारा हुआ तो इस्लाम के नाम पर पाकिस्तान का गठन हो गया लेकिन भारत में ऐसा कुछ भी नहीं था कि यहाँ सब कुछ हिन्दुओं के लिए ही है, यहाँ का संविधान तो सबके लिए था। जबकि ‘इंडिया टुडे’ की खबर में इसके उलट बताया गया था। अब इसकी शिकायत के बाद NCM ने ‘इंडिया टुडे ग्रुप’ को नोटिस जारी कर के 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है।