स्कूल की बच्चियों को अश्लील मैसेज भेजने वाले ईसाई उपदेशक को कोयंबटूर में गिरफ्तार कर लिया गया। एक निजी कॉलेज में पढ़ने वाली किशोरी ने जे सैमुअल जयसुंदर नाम के उपदेशक के ख़िलाफ़ बुधवार (अक्टूबर 28, 2020) को केस दर्ज करवाया था। उसने नाबालिग लड़कियों को अश्लील मैसेज भेजने वाली उपदेशक की आदत जानने के बाद यह कदम उठाया।
अपनी शिकायत में उसने बताया कि वह अपने स्कूल के दिनों में यानी साल 2011 से 2016 के बीच जयसुंदर द्वारा दी जाने वाली बाइबल की क्लास को अटेंड करती थी। इसी बीच प्रीचर ने उसे अश्लील संदेश फेसबुक पर भेजने शुरू किए। लेकिन उसने उन्हें बिलकुल नजरअंदाज कर दिया।
जब कुछ दिनों पहले वेल्लोर की लड़की ने पुलिस थाने जाकर इस संबंध में शिकायत दर्ज करवाई तो उसमें भी जयसुंदर के ख़िलाफ़ आवाज उठाने की हिम्मत जगी। इस बात को स्वयं पुलिस ने बताया। पुलिस ने कहा, “जब बच्ची को इस संबंध में शिकायत के बारे में पता चला और उसने जाना कि उपदेशक कई लड़कियों को निशाना बना चुका है, तब वह आगे बढ़कर शिकायत करवाने आई।”
शुरुआती जाँच में पुलिस को पता चला है कि जयसुंदर स्क्रिप्चर यूनियन के साथ साल 2006 से काम कर रहा था। वह कई प्राइवेट स्कूलों में भी घूमा है। खासकर उन स्कूलों में जहाँ ईसाई प्रबंधकों द्वारा स्कूलों संचालन किया जाता है और गर्मियों की छुट्टियों में बाइबल की पढ़ाई की जाती है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार पुलिस इंस्पेक्टर अमूठा ने इस संबंध में बताया कि जयसुंदर फेसबुक से लड़कियों की जानकारी इकट्ठा करता था और फिर उनको आपत्तिजनक संदेश भेजता था। कुछ लड़कियों ने मैसेंजर पर उसे रिप्लाई भी किया था।
उन्होंने उन सभी लड़कियों से अपील की है जिन्हें ईसाई उपदेशक द्वारा अश्लील संदेश या फिर धमकियाँ मिलीं, वह सामने आएँ और शिकयात दर्ज करवाएँ। जयसुंदर के खिलाफ़ पॉक्सो एक्ट की धारा 11, 12 के तहत केस दर्ज हुआ है और बुधवार को ही उसकी गिरफ्तारी हुई।
गौरतलब है कि इससे पहले ईसाई मिशनरी स्कूलों में बाइबिल की शिक्षा देने वाली संस्था ‘स्क्रिप्चर यूनियन (SU)’ के तमिलनाडु के निदेशक सैम जयसुंदर ने अपने खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोप के कुछ दिनों बाद अपनी सफाई देते हुए कहा था कि उसके मैसेज को नाबालिग छात्राओं द्वारा गलत तरीके से पढ़ा गया। न्यू इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए, सैम जयसुंदर ने कहा कि लड़कियों के साथ बातचीत में उसका इरादा ‘दुर्भावनापूर्ण नहीं’ था।
आरोपित सैम ने वायरल हो रहे स्क्रीनशॉट की प्रमाणिकता पर कोई सवाल नहीं उठाए थे। उसने कबूल किया था कि वो छात्राओं के साथ बात किया करता था, हालाँकि उसने अपना बचाव करते हुए कहा कि उसके मैसेज को गलत तरीके से पढ़ा गया था।
बता दें कि कुछ दिन पहले सैम जयसुंदर को उसके पद से हटा दिया गया था। वह तमिलनाडु में कई वर्षों तक ‘स्क्रिप्चर यूनियन’ का डायरेक्टर था। ये कई ईसाई मिशनरी स्कूलों में पढ़ने वाली छात्राओं को आपत्तिजनक मैसेज भेजते हुए उन्हें वीडियो कॉल करने और अकेले में मिलने की माँग करते हुए उन्हें आलिंगन करने की इच्छा जता रहा था। ये सब 2016 से ही चल रहा था और पिछले दिनों कई लड़कियों ने आगे आकर इसका खुलासा किया था।