सोशल मीडिया पर विपक्ष द्वारा लगभग हर दिन भाजपा नेताओं के बीच मनमुटाव दिखाने का प्रोपेगैंडा तैयार किया जाता है। इसी कड़ी में एक नई फर्जी खबर सोशल मीडिया पर देखने को मिली जिसमें दावा किया जा रहा है कि ANI के लोगो वाली एक चिट्ठी भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी द्वारा लिखी गई है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के नाम कानपुर से पार्टी के मौजूदा सांसद मुरली मनोहर जोशी की एक चिट्ठी जब शनिवार (अप्रैल 13, 2019) को सोशल मीडिया पर वायरल हुई, तो लोगों में हड़कंप मच गया। चिठ्ठी में ये आरोप लगाया गया था कि उन्हें (आडवाणी और जोशी) को घर (पार्टी) के लोगों ने अपमानित कर बाहर निकाल दिया। इसमें लोकसभा चुनाव में बीजेपी की संभावनाओं का भी जिक्र था। हालाँकि, देर शाम होते-होते मुरली मनोहर जोशी के दफ्तर ने स्पष्ट कर दिया गया कि यह फेक चिट्ठी है, उन्होंने ऐसी कोई चिट्ठी नहीं लिखी।
जोशी जी के नाम से वायरल हुई फर्जी चिट्ठी में लिखा गया है कि कैसे पार्टी ने उनके जीवनभर की तपस्या को व्यर्थ कर दिया और पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। चिठ्ठी में लिखा है, “मुझे समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की तरफ से टिकट मिलने का काफी दबाव था, लेकिन जीवनभर भाजपा की सेवा करने के कारण उन्होंने इस ऑफर को ठुकरा दिया।” चिठ्ठी के मुताबिक, मुरली मनोहर जोशी ने सड़क किनारे पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बड़े-बड़े पोस्टरों का जिक्र करते हुए लिखा कि जिन सिद्धान्तों को लेकर उत्साह के साथ पार्टी बनाई गई थी, आज उसी पत्थर को दरकिनार कर दिया गया है। घर के लोगों ने ही अपमानित करके हमें बाहर कर दिया।
इस चिट्ठी पर समाचार एजेंसी ANI का लोगो होने के कारण सोशल मीडिया पर इसे पढ़ रहे लोगों ने इसे सच मान लिया। लोकसभा चुनाव में टिकट न दिए जाने के बाद जोशी की तरफ से आई प्रतिक्रिया के कारण भी लोगों के लिए इस चिट्ठी पर यकीन करना आसान हो गया था।
हालाँकि, शनिवार को सामने आई इस चिट्ठी में कई जगह की गई त्रुटियों के कारण कुछ लोगों के मन में संदेह भी हुआ और जोशी के तरफ से इस चिट्ठी के फेक होने की पुष्टि किए जाने के बाद स्थिति आखिरकार साफ हो गई। समाचार एजेंसी ANI ने भी इसके फेक होने की पुष्टि की है।
Statement: Screenshots of BJP MP Murli Manohar Joshi statement on his letter head is circulating on WhatsApp and Twitter with an ANI watermark. No such letter exists. This is fake.
— ANI (@ANI) April 14, 2019
विपक्ष लगातार फेक खबरों के सहारे अपनी अभिव्यक्ति की आजादी का इस्तेमाल कर के प्रोपगैंडा के कारोबार में प्रतिदिन नए आयाम जोड़ता नजर आ रहा है। शुक्रवार को ही कॉन्ग्रेस ने एक दावा ये भी किया था कि सेना प्रमुखों ने राष्ट्रपति के नाम चिठ्ठी लिखकर मोदी सरकार पर सेना के राजनीतिकरण का आरोप लगाया है, जिसे राष्ट्रपति भवन और पूर्व सेना प्रमुखों की ओर से नकार दिया गया था।