पाकिस्तान के रावलपिंडी में रविवार (दिसंबर 6, 2020) को एक मुस्लिम लड़के ने ईसाई लड़की की गोली मारकर हत्या कर दी। मृत लड़की का नाम सोनिया था। गोली मारने वाले की पहचान शहजाद के तौर पर हुई है। उसकी तलाश की जा रही है।
बताया जा रहा है कि शहजाद ने मृतका से शादी का प्रस्ताव उसके घर वालों को भेजा था। इसे लड़की के माता-पिता ने ठुकरा दिया था।
इस संबंध में रावलपिंडी के कोराल पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, रावलपिंडी के कोरल पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने दावा किया कि फैजान नाम के एक आरोपfl को गिरफ्तार किया गया है, जबकि प्रमुख संदिग्ध शहजाद की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
बताया जा रहा है कि शहजाद की माँ ने भी अपने बेटे की शादी का प्रस्ताव पीड़िता सोनिया के लिए भेजा था। लेकिन उसके माता-पिता ने इनकार कर दिया था, क्योंकि वे अपनी बेटी की शादी फैजान नाम के दूसरे लड़के से करवाना चाहते थे।
पुलिस ने आपसी रंजिश का मामला बताया
पुलिस के मुताबिक, लड़की रविवार को फैजान के साथ हाइवे पर जा रही थी। इस बीच, शहजाद ने उस पर गोलियाँ चला दी। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने कहा कि प्रारंभिक जाँच के अनुसार, हत्या व्यक्तिगत आक्रोश से की गई है। यह आपसी रंजिश का मामला लग रहा है। हालाँकि, पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) ने कहा कि पुलिस सभी पहलुओं की जाँच कर रही है।
बता दें कि पाकिस्तान में पिछले महीने एक ईसाई लड़की आरजू रजा को अगवा करने, धर्म परिवर्तन करवाने और जबरन एक 44 साल के मुस्लिम व्यक्ति से शादी कराने का मामला सामने आया था।
वहीं अगस्त 2020 में लाहौर हाई कोर्ट ने एक हैरान करने वाले फैसले में ईसाई नाबालिग लड़की को उस व्यक्ति के पास लौटने का हुक्म दिया, जिसने उसे अगवा किया था। अपहरणकर्ता ने जबरन धर्मांतरण कर उससे निकाह कर लिया था। मारिया शहबाज़ (Maria Shahbaz) नाम की इस 14 साल वर्षीय लड़की को अप्रैल में मोहम्मद नक्श और उसके साथियों ने फैसलाबाद में अगवा कर लिया था। काम पर जाते वक्त उसे अगवा किया गया था। इस मामले में फैसलाबाद की अदालत ने कहा था कि लड़की को पुनर्वास केंद्र भेजा जाए। साथ ही उसकी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाए। लेकिन लाहौर की हाई कोर्ट ने इस आदेश को ही बदल दिया।
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों से होता है भेदभाव
पाकिस्तान ने कई मौकों पर अल्पसंख्यक समुदायों की रक्षा का भरोसा दिलाया है। लेकिन, इनके साथ भेदभाव की घटना हर दिन सामने आती है। हिंसा, हत्या, अपहरण, रेप और जबरन धर्म परिवर्तन जैसी घटनाएँ होती रहती है। हिंदू, ईसाई, सिख, अहमदिया, और शियाओं को बहुत मुश्किलें झेलनी पड़ती हैं। पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) ने हाल ही में कहा था कि अल्पसंख्यक समुदायों पर भयानक हिंसा हुई है।