Sunday, November 24, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयजहीर ने तोड़ी 'शेर-ए-पंजाब' महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा, मौलाना रिजवी से प्रभावित होकर...

जहीर ने तोड़ी ‘शेर-ए-पंजाब’ महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा, मौलाना रिजवी से प्रभावित होकर दिया अंजामः साल भर में दूसरी बार लाहौर में तोड़ी गई मूर्ति

जहीर ने बताया कि मौलाना रिजवी ने अपने भाषणों में कहा था कि महाराजा रणजीत सिंह ने मुसलमानों की हत्या की थी। इसी नफरत की वजह से उसने प्रतिमा का हाथ तोड़ कर रॉयल फोर्ट लाहौर में लगा दिया।

पाकिस्तान के लाहौर में शुक्रवार (11 दिसंबर 2020) को महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ मौलाना खैम हुसैन रिज़वी के कट्टरपंथी विचारों से प्रभावित लाहौर के ही एक युवक ने इस घटना को अंजाम दिया है। आरोपित युवक को गिरफ्तार कर लिया गया है।  

आरोपित का नाम ज़हीर है और वह लाहौर के हरबंसपुरा का रहने वाला है। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि महाराजा रणजीत सिंह के प्रति आक्रोश और नफ़रत की वजह से उसने प्रतिमा का हाथ तोड़ कर रॉयल फोर्ट, लाहौर में लगा दिया। इस दौरान आरोपित युवक ने बताया कि मौलाना खैम हुसैन रिज़वी ने अपने भाषणों में महाराजा रणजीत सिंह पर मुसलमानों की हत्या का आरोप लगाया था। पाकिस्तानी कट्टरपंथी मौलाना खैम हुसैन रिज़वी का नवंबर 2020 में इंतकाल हो गया था।  

यह पहला ऐसा मौक़ा नहीं है जब पाकिस्तान से महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा को तोड़ने की ख़बर सामने आई है। अगस्त 2019 के दौरान जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किए जाने के बाद भी उनकी प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने का मामला सामने आया था। इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ ईशनिंदा कानून के तहत मामला दर्ज किया था।

बता दें कि, महाराजा रणजीत सिंह की 9 फुट ऊँची प्रतिमा का अनावरण लाहौर किले में इसी साल जून में किया गया था। इस प्रतिमा का अनावरण महाराजा रणजीत सिंह की 180 पुण्यतिथि के मौके पर किया गया था। लगभग 9 फुट ऊँची प्रतिमा का निर्माण फ़कीर खाना संग्रहालय के निर्देशानुसार हुआ था। महाराजा रणजीत सिंह सिख साम्राज्य के नेता थे जिन्होंने 19 वीं शताब्दी में उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर में शासन किया था। उन्हें ‘शेर-ए-पंजाब’ भी कहा जाता है।   

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

वादा अच्छी जिंदगी का, पर भोजन को भी मोहताज: इस्लामी मुल्कों में घुट रही पंजाब की लड़कियों की सिसकियाँ, कुछ ही लौट पाती हैं...

पंजाब के एक दर्जन से अधिक जिलों की 100 से अधिक महिलाएँ पिछले 2 वर्षों में खाड़ी देशों लौट कर वापस आई हैं जिन्हे प्रताड़ित किया गया था।

जामा मस्जिद की गलियों में कहाँ से आकर बसी दंगाई भीड़, कैसे जमा किए इतने पत्थर… किसकी साजिश में जला संभल?

संभल में इतनी बड़ी संख्या में भीड़ कहाँ से आई? इतने पत्थर एक साथ कैसे बरसे कि उससे सड़क पट गई, ट्रैक्टरों में पत्थरों को लादकर ले जाना पड़ा?
- विज्ञापन -