उत्तराखंड पुलिस ने कथित रूप से एक करोड़ रुपये के नोटों से भरे एक बैग को लूटने के आरोप में एक कॉन्ग्रेस नेता और तीन पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया है। लूटपाट की वारदात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली से एक दिन पहले 4 अप्रैल की रात हुई थी। पुलिसकर्मिंयों को विभाग से बर्खास्त भी किया जा सकता है। पुलिस पकड़े गए चारों आरोपितों से लगातार पूछताछ कर रही है।
पुलिस महानिदेशक (कानून व व्यवस्था) अशोक कुमार ने कहा कि चारों को मंगलवार (अप्रैल 16, 2019) रात को गिरफ्तार किया गया, जिनकी पहचान कॉन्ग्रेस नेता अनुपम शर्मा, सब इंस्टपेक्टर दिनेश नेगी, कांस्टेबल मनोज अधिकारी, पुलिस ड्राइवर हिमांशु उपाध्याय के रूप में हुई है।
चारों पर विभिन्न आरोपों समेत प्रॉपर्टी डीलर अनुरोध पंवार को लूटने के आरोप लगाए गए हैं, जिसके पास एक काले थैले में कथित रूप से ₹1 करोड़ थे। यह घटना 4 अप्रैल की है। अनुरोध पंवार ने शुरुआत में जाँच अधिकारी को कहा था कि पैसे का प्रयोग उत्तराखंड में 11 अप्रैल को होने वाले चुनाव के लिए किया जाना था।
IG गढ़वाल की सरकारी गाड़ी में सवार होकर दिया लूट को अंजाम
प्रॉपर्टी डीलर अनुरोध पंवार निवासी कैनाल रोड, बल्लूपुर को WIC में आरोपित अनुपम शर्मा ने प्रॉपर्टी से संबधित रकम लेने के लिए बुलाया। अनुरोध जब वहाँ से बैग लेकर लौट रहे थे, तो रास्ते में होटल मधुबन के पास एक सफेद रंग की स्कॉर्पियो में बैठे तीन लोगों ने ओवरटेक कर उन्हें रोक लिया। उनके रुकते ही स्कॉर्पियो से दो वर्दीधारी पुलिसकर्मी उतरे। चुनाव की चेकिंग के नाम पर उन्होंने कार की तलाशी ली और उसमें रखा बैग कब्जे में ले लिया। 6 अप्रैल को अनुरोध ने दून पुलिस से शिकायत की। पुलिस ने जाँच शुरू की तो पाया कि स्कॉर्पियो IG गढ़वाल के नाम आवंटित है और उसमें बैठे दारोगा दिनेश नेगी, सिपाही हिमांशु उपाध्याय और मनोज अधिकारी ने वारदात को अंजाम दिया है।
प्रारंभिक जाँच से पता चला कि चुनाव उद्देश्यों के लिए कालेधन की तलाशी के नाम पर तीनों पुलिसकर्मियों ने पंवार का बैग जब्त कर लिया। पुलिसकर्मियों ने पंवार को धमकाया और उसे वहाँ से भाग जाने के लिए कहा।
2-3 दिनों के बाद पीड़ित अनुरोध पंवार ने पैसे के बारे में पता लगाना शुरू किया और विभिन्न पुलिस स्टेशनों के चक्कर लगाए। हालाँकि, कोई सूचना नहीं मिलने के बाद, पंवार ने एक FIR दर्ज कराई और पूरी घटना के बारे में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को सूचित कर दिया।
अशोक कुमार ने कहा कि उन्होंने रिद्धिम अग्रवाल की अगुवाई में विशेष कार्य बल (SIT) को जाँच सौंप दी थी। एक सप्ताह की जाँच के बाद, SIT ने 4 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। कुमार ने कहा, “तीनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। उन्हें संभवत: सेवा से हटाया जा सकता है, क्योंकि यह मामला पुलिस विभाग के लिए शर्मिदगी का विषय है।”