केरल के उपभोक्ता निवारण आयोग ने मलयालम अभिनेता अनूप मेनन और आयुर्वेद उत्पाद कंपनी ‘धात्री’ पर ‘फर्ज़ी’ वादे करने के लिए जुर्माने के रूप में एक उपभोक्ता को ₹10,000-₹10,000 का भुगतान करने को कहा है। 2012 में एक उपभोक्ता ने यह आरोप लगाते हुए ‘धात्री’ की शिकायत की थी कि कंपनी की हेयर क्रीम से उसे कोई फायदा नहीं हुआ।
डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर रिड्रेसल फोरम, त्रिशूर ने ‘धात्री हेयर क्रीम’ के निर्माताओं और एक विज्ञापन में उत्पाद का समर्थन करने वाले सेलिब्रिटी फिल्म अभिनेता अनूप मेनन को “झूठा वादा” करने के लिए एक उपभोक्ता को 10,000 रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया।
दरअसल फ्रांसिस वडक्कन द्वारा ए-वन मेडिकल, धात्री आयुर्वेद प्राइवेट लिमिटेड और अनूप मेनन के खिलाफ दायर उपभोक्ता शिकायत पर यह आदेश पारित किया गया। शिकायतकर्ता की ओर से पेश एडवोकेट एडी बेनी ने फोरम से कहा कि उन्होंने पहली बार जनवरी 2012 में विज्ञापन देखने के बाद 376 रुपए में क्रीम खरीदी थी, जिसमें अनूप मेनन ने वादा किया था कि 6 सप्ताह के लिए उत्पाद का उपयोग करने से बालों में वृद्धि होगी।
हालाँकि उन्होंने क्रीम का इस्तेमाल किया, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। उन्होंने शिकायत की कि उत्पाद खरीदने के लिए उनके दोस्तों और परिवार द्वारा उनका मजाक उड़ाया गया। अपमानित महसूस करते हुए, उन्होंने 5 लाख रुपए मुआवजे के लिए फोरम से संपर्क किया।
अनूप मेनन ने फोरम में अपने बयान में स्वीकार किया कि उन्होंने कभी भी उत्पाद का इस्तेमाल नहीं किया है और उन्होंने केवल अपनी माँ द्वारा तैयार हेयर ऑयल का इस्तेमाल किया है।
उन्होंने कहा, “मैंने कभी भी उल्लेखित उत्पाद का उपयोग नहीं किया है। मैं केवल बालों के तेल का उपयोग करता हूँ, जो मेरी माँ मेरे लिए बनाती है।” उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि विज्ञापन के दौरान क्या बताया गया क्योंकि यह निर्माताओं की ‘कहानी’ थी। उन्होंने कहा कि उन्हें लगा कि यह उत्पाद बालों की देखभाल के लिए है न कि बालों के विकास के लिए।
फोरम ने कहा, “इस प्रकार यह स्पष्ट है कि ब्रांड एंबेसडर विज्ञापन में उत्पाद का उपयोग किए बिना ही दिखाई दिए। अदालत द्वारा यह भी देखा गया कि निर्माता उस उत्पाद में परिणाम नहीं दे सका, जैसा कि उसके द्वारा दावा किया गया था।”
फोरम ने विज्ञापन में अनूप मेनन द्वारा कहे गए बयानों को भी संदर्भित किया, जिसमें कहा गया था, “बालों में वृद्धि की गारंटी है। सिर्फ 6 सप्ताह के भीतर, परिणाम तीन गुना हो जाएगा।” न्यायालय ने यह भी पाया कि उत्पाद के साथ-साथ विवरणिका में बताई गई सावधानियाँ इस तरह से छपी हुई हैं कि मैग्नीफ़ाइंग ग्लास की सहायता से देखने पर भी यह दिखाई नहीं देती है।
फोरम ने कहा, “विज्ञापन को एक सूचित उपभोक्ता संस्कृति के विकास में मदद करनी चाहिए ताकि उपभोक्ता फर्जी उत्पादों को अस्वीकार करके सही विकल्प बना सके।”
सभी साक्ष्यों को देखते हुए, डिस्ट्रिक्ट फोरम के अध्यक्ष सी टी साबू और सदस्यों डॉ के राधाकृष्णन नायर और श्रीजा एस ने अनूप मेनन को उत्पाद की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के बाद ही भविष्य के विज्ञापन में शामिल होने का निर्देश दिया। उन्होंने अभिनेता और कंपनी, प्रत्येक को 10000 रुपए का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया। अदालत ने ‘ए वन मेडिकल’ (मेडिकल स्टोर), जहाँ से उत्पाद खरीदा गया था, को 3,000 रुपए का जुर्माना देने का निर्देश दिया।