अटल आयुष्मान योजना के तहत अस्पतालों द्वारा टालमटोल अब उन्हें भारी पड़ सकता है। अटल आयुष्मान योजना के तहत जब उत्तराखंड के एक अस्पताल ने उपचार नहीं किया तो उस पर ₹11.82 लाख का जुर्माना लगाया गया है। यह रकम इलाज के लिए मरीज को बताई गई अनुमानित राशि का पाँच गुना है। महंत इंदिरेश अस्पताल अस्पताल को ये राशि एक सप्ताह के भीतर राज्य स्वास्थ्य अभिकरण में जमा करानी पड़ेगी। ये अस्पताल देहरादून के केदारपुर रोड, पटेल नगर में स्थित है। इस प्रकरण में उचित इलाज न मिलने के कारण मरीज की हालत लगातार बिगड़ती गई और अंततः उसकी मृत्यु हो गई।
मामला ये है कि 18 जनवरी को कोटद्वार निवासी पिंकी प्रसाद को चंद्रमोहन सिंह नेगी राजकीय बेस चिकित्सालय, कोटद्वार में दाखिल कराया गया था। हृदय रोग के कारण उन्हें दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया गया। इसके परिजनों ने उन्हें महंत इंदिरेश अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल में उन्हें आईसीयू में रखा गया। मेडिकल परीक्षणों के बाद वहाँ उनका उपचार शुरू किया गया। अस्पताल के सीटीवीएस (कार्डियो थोरेक्स एंड वैस्कुलर सर्जरी) विभाग ने कहा कि मरीज को ओपन हार्ट सर्जरी करानी पड़ेगी। इसके बाद अस्पताल ने उचित इलाज करने की बजाए उन्हें डिस्चार्ज कर दिया।
सर्जरी का कुल एस्टीमेट उन्हें ₹3.36 लाख रुपया बताया गया। मरीज को डिस्चार्ज किए जाने के बाद उसकी पत्नी ने कोटद्वार तहसील के सामने धरना दिया और मुख्यमंत्री से पत्र लिखकर इलाज के लिए गुहार लगाई। राज्य स्वास्थ्य अभिकरण ने मामले का संज्ञान लिया और इसे अस्पताल द्वारा अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन माना। अस्पताल ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि चूँकि मरीज की सर्जरी लायक अवस्था नहीं थी, स्टेबल होने के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। ख़र्च का ब्यौरा दिए जाने का भी कोई उल्लेख अस्पताल ने नहीं किया। लेकिन, इसके प्रमाणित साक्ष्य मौजूद थे। राज्य स्वास्थ्य कार्यकारिणी की बैठक में अस्पताल पर अर्थदंड लगाने का निर्णय लिया गया।
Indiresh hospital fined Rs 11.82 lakh for violating norms of Ayushman Yojana https://t.co/YUZILPfVNh
— TOI Cities (@TOICitiesNews) April 24, 2019
इसके अलावा दो अन्य मरीज, शोएब और अमृता देवी के साथ भी पूर्व में ऐसा हो चुका है। राज्य स्वास्थ्य अभिकरण द्वारा जवाब तलब करने पर अस्पताल ने ग़लती स्वीकार की। दो अन्य अस्पताल जीवन ज्योति हॉस्पिटल टिक्कमपुर-सुल्तानपुर हरिद्वार व सहोता मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल, काशीपुर के खिलाफ प्रथम दृष्टि में योजना के संचालन में अनियमितताएं, अनुबंध का उल्लंघन व धोखाधड़ी की पुष्टि हुई है। दोनों ही अस्पतालों की सूचीबद्धता को रोककर तत्काल प्रभाव से इनके सारे भुगतान रोक दिए गए हैं।