Sunday, September 15, 2024
Homeविविध विषयधर्म और संस्कृति31 वर्षों बाद खुला श्रीनगर का शीतल नाथ मंदिर: इस्लामी आतंकियों ने जला डाला...

31 वर्षों बाद खुला श्रीनगर का शीतल नाथ मंदिर: इस्लामी आतंकियों ने जला डाला था, विशेष पूजा के साथ दर्शन चालू

श्रीनगर के हब्बा कदल क्षेत्र में स्थित शीतल नाथ मंदिर को 3 दशकों बाद पुनः खोला गया। श्रद्धालुओं ने यहाँ विशेष पूजा का भी आयोजन किया। बाब शीतल नाथ भैरों की जयंती पर...

श्रीनगर का शीतल नाथ मंदिर पिछले 31 वर्षों से बंद पड़ा हुआ था, जिसे मंगलवार (फरवरी 16, 2021) को वसंत पंचमी के मौके पर खोला गया। इस मंदिर को इस्लामी आतंकवाद और हिन्दुओं के पलायन के कारण बंद किया गया था। ये मंदिर जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के हब्बा कदल क्षेत्र में स्थित है। मंदिर को 3 दशकों बाद पुनः खोलने के बाद श्रद्धालुओं ने यहाँ विशेष पूजा का भी आयोजन किया।

मंदिर में पूजा करने आए एक श्रद्धालु संतोष राजदान ने कहा कि स्थानीय लोगों ने इस मंदिर को खोलने में बड़ी भूमिका निभाई है। वहीं कई लोग इसे ‘नया जम्मू कश्मीर’ का कमाल भी बता रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब तो मुस्लिमों ने भी मंदिर को खोलने में मदद की है। यहाँ आसपास पहले काफी सारे हिंदू रहा करते थे, जिन्हें इस्लामी आतंकवाद के कारण पलायन करना पड़ा था। अब यहाँ दर्शन चालू हो गया है।

शीतल नाथ मंदिर में आयोजित पूजा के आयोजकों में से एक रवींद्र राजदान ने कहा कि स्थानीय लोगों ने मंदिर की साफ़-सफाई में खासी मदद की है। पहले प्रत्येक वर्ष इस तरह की पूजा की जाती थी। बाब शीतल नाथ भैरों की जयंती भी वसंत पंचमी के दिन ही पड़ती है, इसीलिए ये दिन श्रद्धालुओं के लिए विशेष है। जब कश्मीरी पंडित यहाँ रहा करते थे, तब वो नियमित रूप से यहाँ पूजा-पाठ किया करते थे।

शीतल नाथ मंदिर से ग्राउंड रिपोर्ट (वीडियो साभार: Times Now)

यहाँ अब आसपास कोई हिंदू परिवार नहीं बचा है। रवींद्र राजदान इस मंदिर के सेवादार हैं, जिन्होंने इसे खोलने में बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि वे इस जगह के निवासी हैं। उन्होंने बताया कि इस मंदिर को 1991 में जला दिया गया था। उन्होंने कहा कि 3 दशक पहले यहाँ मेला लगा करता था और दुकानें सजती थीं। उन्होंने बताया कि अब हम फिर उसी महिमा को वापस लाना चाहते हैं, जिसके लिए सरकार की भी मदद चाहिए।

उन्होंने कहा, “ये कश्मीरी पंडितों का निवास स्थान है। हम चाहते हैं कि हम यहाँ आएँ और रहें। उसी वैभव के साथ, जैसे पहले हम यहाँ निवास किया करते थे। लेकिन, राज्य और केंद्र सरकारों को भी हमें इसके लिए सहायता करनी चाहिए। स्थिति ऐसी बनाई जानी चाहिए, ताकि हम यहाँ रहने लायक बनें। सरकारें सिर्फ वादा करती हैं, लेकिन वादों से पेट नहीं भरता है।” उन्होंने उम्मीद जताई कि कश्मीरी पंडितों की वापसी होगी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘कॉन्ग्रेस अर्बन नक्सल का नया रूप, तुष्टिकरण उसका लक्ष्य’: PM मोदी ने कुरूक्षेत्र में भरी हुँकार, कहा- नेहरू आरक्षण के खिलाफ थे, इंदिरा ने...

हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनावों के प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने कुरुक्षेत्र में कॉन्ग्रेस और गाँधी परिवार पर जमकर हमला बोला।

‘हिमाचल प्रदेश में हथियार लेकर मुस्लिमों के नरसंहार को निकले हिन्दू’: जानिए उस वीडियो का सच जिसके जरिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन को बताया जा रहा...

गुलाम अब्दुल कादिर इलाहाबादी ने लिखा, "हिमाचल प्रदेश में शिमला में मस्जिद शहीद करने के लिए हथियार लेकर निकलना एक गंभीर और खतरनाक कदम है।"

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -