झारखंड के खूँटी जिले में 5 लड़कियों के गैंगरेप के मामले में न्यायालय ने चर्च के एक पादरी समेत तीन अभियुक्तों को दोषी करार दिया गया। खूँटी के जिला व सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार ने पूरे मामले को सुनने के बाद 7 मई को फादर अल्फांसो को षडयंत्रकारी मानते हुए उसकी जमानत को रद किया और न्यायिक हिरासत में भेजा। कोर्ट दोषियों को 15 मई को सजा सुनाएगा।
यह मामला पिछले साल का है जब 19 जून 2018 को कोचांग के गाँव स्थित स्कॉट मैन मिडिल स्कूल में नुक्कड़ नाटक करने आई 5 लड़कियाँ का अपहरण कर उनका बलात्कार किया गया था। एफआईआर के मुताबिक 18 जून 2018 को खूँटी के पिस्टाकोली में आशा किरण नाम की संस्था के कुछ लोग नुक्कड़ नाटक करने पहुँचे थे। इनका उद्देश्य लोगों में सरकारी योजनाओं को लेकर जागरूकता फैलाना था।
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— Great India (@GreatIn58317225) May 9, 2019
नाटक के दौरान टीम की एक सिस्टर को एक व्यक्ति मिला, जिसने खुद को कोचांग का मुखिया बताया। उसने सिस्टर से कहा कि उसे उनका कार्यक्रम पसंद है और वह चाहता है कि कोचांग में भी ऐसे कार्यक्रम किए जाएँ। मीडिया खबरों के मुताबिक पहले तो सिस्टर ने वहाँ नाटक करने से मना कर दिया, लेकिन बाद में व्यक्ति के कहने पर टीम वहाँ जाने को तैयार हो गई। 19 जून को टीम वहाँ पहुँची और बाजार में नुक्कड़ नाटक शुरू हुआ।
इस दौरान टीम की दोनों सिस्टर बगल के स्कूल के फादर से मिलने चली गईं, जहाँ बाद में पूरी टीम को भी बुलाया गया, यहाँ भी टीम ने नुक्कड़ नाटक किया। इसके बाद वहाँ 2 लड़के फादर से बात करने आए। बात खत्म हुई तो फादर ने टीम की लड़कियों को उन लड़कों के साथ जाने के लिए कहा, जब लड़कियों ने विरोध किया तो हथियारों के बल पर लड़कियों को लड़कों के साथ भेजा गया।
इसके बाद सुनसान जगह ले जाकर उनका रेप किया गया। उनके गुप्तांगों पर सुलगती सिगरेट दगाई गई। उन्हें पेशाब पिलाया गया। जब लड़कियों ने इसकी शिकायत फादर से की तो अल्फांसो ने उन्हें धमकी दी कि अगर उन्होंने इस घटना का जिक्र किसी से किया तो उनके माता-पिता को मार दिया जाएगा। 20 जून को जब इस बात की जानकारी पुलिस को मिली तो बड़ी मुश्किल से पुलिस ने एक लड़की को बयान के लिए राजी किया।
इस गैंग रेप मामले में पुलिस ने बलराम समद, बाजी समद उर्फ टकला, जूनास मुंडा, जॉन जुनास तिडू, आशीष लूंगा, फादर अल्फांसो आईंद और नोएल सांडी पूर्ती को आरोपित बताया था, लेकिन एक अभियुक्त नाबालिग घोषित हुआ और नोएल सांडी पूर्ति के ख़िलाफ़ जाँच जारी है। इस मामले में अल्फांसो को हाइकोर्ट ने 2018 में जमानत दे दी थी, लेकिन अपराधी और षड्यंत्रकारी सिद्ध होने के बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।