मणिपुर के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम और राजनीतिक एक्टिविस्ट एरेन्द्रो लेइचोमबम के खिलाफ ‘राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA)’ के तहत मामला दर्ज किया गया है। इससे पहले इन दोनों को अदालत से जमानत मिल गई थी। दोनों के वकील चोंगथम विक्टर ने कहा कि लेइचोमबम और वांगखेम को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। इन्हें गुरुवार (मई 13, 2021) को गिरफ्तार कर के रविवार तक के लिए पुलिस कस्टडी में भेजा गया था।
इन दोनों के खिलाफ भाजपा महासचिव पी प्रेमानंद मितेई और पार्टी के उपाध्यक्ष उषम देबाम की शिकायत के बाद मामला दर्ज किया गया था। मणिपुर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष प्रोफेसर साइखोम टिकेंद्र सिंह के निधन के बाद इन दोनों ने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इन्होंने भाजपा नेता की मौत का मजाक बनाते हुए लिखा था कि गोमूत्र और गोबर से कोरोना ठीक नहीं हो सकता।
वांगखेम ने लिखा था, “गोबर और गोमूत्र कोरोना को ठीक नहीं कर सकते। ये एक आधारहीन तर्क है। अब कल हम मछली खाएँगे।” वहीं लेइचोमबम ने लिखा था, “कोरोना गोबर व गोमूत्र से नहीं, बल्कि विज्ञान और कॉमन सेन्स से ठीक होता है। प्रोफेसर जी की आत्मा को शांति मिले।” सोमवार को इम्फाल वेस्ट के DM द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार 40 वर्षीय लेइचोमबम और 41 वर्षीय वांगखेम के खिलाफ NSA की धाराएँ लगाई गईं।
Imphal, Manipur: A journalist, Kishorchandra Wangkhem, & an activist, Erendro Leichombam booked under NSA over their Facebook posts after the demise of state BJP chief.
— ANI (@ANI) May 19, 2021
Their lawyer (in pic) says, “His (journalist) post was against cow dung & urine, being used against Corona.” pic.twitter.com/eS8m6ia0DU
इस मामले की FIR पहले ही दर्ज की जा चुकी है। DM ने कहा कि ये दोनों ही आरोपित पुलिस कस्टडी में हैं और निकट भविष्य में जमानत पर छूट कर बाहर आ सकते हैं, जिसके बाद आशंका है कि वो फिर से उन्हें गतिविधियों में लिप्त हो जाएँगे जो न सिर्फ प्रदेश की सुरक्षा के लिए खतरा है बल्कि कानून-व्यवस्था को बनाए रखने में भी बाधक है। इसीलिए, ‘वैकल्पिक बचाव की व्यवस्था’ के तहत इनके खिलाफ कार्रवाई ज़रूरी है।
अब अगली नोटिस तक वो हिरासत में रहेंगे। वकील विक्टर ने कहा कि इस कार्रवाई को अदालत में चुनौती दी जाएगी। उन्होंने कहा कि गोबर और गोमूत्र पर बातें की जा रही थीं और दोनों ने बस उस पर प्रतिक्रिया भर दी है, जिसके लिए कठोर कानून नहीं लगाया जा सकता। इससे पहले इम्फाल वेस्ट के CJM ने दोनों को 50,000 के मुचलके पर जमानत दी थी और कहा था कि वो भविष्य में ऐसी गलती न करें और पूछताछ के लिए उपलब्ध रहें।