पिछले कुछ दिनों में चीन को दोहरा झटका लगा है। समोआ ने उसके एक महत्वाकांक्षी परियोजना को रद्द कर दिया है। यूरोपियन संसद ने निवेश संधि पर रोक लगा दी है।
समोआ ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप का एक द्वीपीय देश है। उसकी आबादी करीब 2 लाख है। प्रोजेक्ट रद्द करने के उसके फैसले से ऑस्ट्रेलियाई महाद्वीप में रणनीतिक स्थिति मजबूत करने की मुहिम को तगड़ा झटका लगा है।
वहीं, यूरोपीय यूनियन के साथ निवेश संधि को लेकर संसद में गुरुवार (20 मई 2021) को मतदान हुआ। 599 सदस्यों ने संधि पर रोक के पक्ष में मतदान किया। 30 ने संधि का समर्थन किया, जबकि 58 सदस्यों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।
BREAKING!
— Finbarr Bermingham (@fbermingham) May 20, 2021
Landslide vote in the European Parliament to put the EU’s investment deal with China in the freezer.
Motion on stopping discussions on CAI passes by a margin of 599 to 30, with 58 abstensions
यूरोपीय यूनियन और चीन की निवेश संधि को कॉम्प्रेहेंसिव एग्रीमेंट ऑन इनवेस्टमेंट (CAI) का नाम दिया गया था। इस पर तब तक रोक लगी रहेगी जब तक चीन यूरोपीय यूनियन के अधिकारियों और संगठनों के खिलाफ लगाए गए बैन को नहीं हटाता। दरअसल चीन ने आरोप लगाया था कि यूनियन के अधिकारी और कुछ संगठन चीन के शिनजियांग प्रांत में चीन की कम्युनिस्ट सरकार के द्वारा मानव अधिकारों के उल्लंघन की झूठी अफवाह फैला रहे हैं।
ऐसे में अब चीन अपने ही बनाए हुए जाल में फँसा हुआ नजर आता है, क्योंकि यदि चीन बैन हटाता है तो शिनजियांग प्रांत में मानव अधिकारों के उल्लंघन का मुद्दा फिर से जोर पकड़ेगा। वहीं बैन नहीं हटाने पर निवेश संधि अटकी रहेगी।
पिछले कुछ समय से कई छोटे-बड़े देश चीन के खिलाफ खुल कर निर्णय ले रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया ने भी कुछ हफ्तों पहले चीन के साथ बेल्ट एण्ड रोड इनिशिएटिव (BRI) के अंतर्गत किए गए समझौते रद्द कर दिया था। ऑस्ट्रेलिया ने कहा था कि चीन के साथ किए गए ये समझौते उसकी विदेश नीति के हित में नहीं हैं।
अब वैसा ही रुख ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप में स्थित समोआ ने दिखाया है। समोआ का यह रुख इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उसकी जनसंख्या हमारे देश के कई छोटे जिलों के बराबर है।
#Gravitas | Samoa’s PM-designate has promised to cancel a $100mn port project funded by #China. She says the island has bigger priorities than a brand new wharf. Samoa joins a growing list of Pacific islands that are standing up to Chinese aggression. @palkisu gets you the report pic.twitter.com/E39qSHcnMT
— WION (@WIONews) May 20, 2021
मात्र 2,831 वर्ग किमी में फैले और लगभग 2,00,000 की जनसंख्या वाले समोआ ने 100 मिलियन डॉलर (लगभग 729 करोड़ रुपए) का चीन का पोर्ट प्रोजेक्ट रद्द कर दिया है। चीन अरसे से सामरिक महत्व वाले देशों को अपने कर्ज के जाल में फँसा वहाँ रणनीतिक रूप से पहुँच बनाने की रणनीति पर काम कर रहा है। ऐसे में समोआ ने उसे जोरदार झटका दिया है।
समोआ के पूर्व प्रधानमंत्री तुईलीफा मालिया लेगोआय चीन समर्थक माने जाते रहे हैं और उन्हीं के शासनकाल में पोर्ट प्रोजेक्ट मँजूर हुआ था। लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस पर काम आगे नहीं बढ़ पाया। इसी बीच वहाँ सत्ता परिवर्तन हुआ और लेगोआय चुनाव हार गए। उनकी जगह फियामे नाओमी मटाफ़ा ने सत्ता सँभाली।
समोआ की पहली महिला प्रधानमंत्री ने निर्णय लिया कि उनके देश में चीन का यह पोर्ट प्रोजेक्ट रद्द किया जाएगा। मटाफ़ा ने चीन के पोर्ट प्रोजेक्ट को रद्द करने पीछे कारण बताया, “समोआ एक छोटा सा देश है और यहाँ के बंदरगाह और एयरपोर्ट हमारी जरूरतों की पूर्ति के लिए पर्याप्त हैं। हमारे पास कई ऐसे सरकारी प्रोजेक्ट्स हैं जिन्हें प्राथमिकता दिए जाने की जरूरत है और इसलिए हम चीन का यह प्रोजेक्ट रद्द कर रहे हैं।“
समोआ के अलावा प्रशांत क्षेत्र में स्थित पलाओ द्वीप समूह ने भी चीन के खिलाफ ऐसा ही रूख अपनाया था। दुनिया के सबसे छोटे देशों में से एक पलाओ ने भी चीन को लेकर यह स्पष्ट किया कि वह अब चीन के चंगुल में नहीं फँसना चाहता है। पलाओ उन 15 देशों में से है जिन्होंने ताइवान को मान्यता दी है। पलाओ का कहना है कि यदि ताइवान के साथ खड़ा होने वाला वह आखिरी देश होगा तो भी यह उसे मँजूर है।
पलाओ में भी पहले चीन समर्थित सरकार थी लेकिन पिछले साल ही 52 वर्षीय सुरांगेल व्हिप्स सत्ता में आए और राष्ट्रपति बने जिन्होंने चीन के साथ अपने संबंधों पर पुनर्विचार करना प्रारंभ किया। इसी साल मार्च में चीन के दबाव के बावजूद पलाओ के राष्ट्रपति व्हिप्स ने ताइवान की यात्रा की थी।
समोआ और पलाओ जैसे छोटे देश दुनिया के उन बड़े देशों को रास्ता दिखा रहे हैं जो चीन के बुने हुए जाल में फँसने से खुद को रोक नहीं पा रहे। हालाँकि यह एक उम्मीद के तौर पर भी देखा जाना चाहिए कि आज दुनिया कई देशों ने चीन के खिलाफ अपना रवैया स्पष्ट करना शुरू कर दिया है।