बिहार के पूर्णिया में मुस्लिम समाज के आरोपितों ने 150-200 की संख्या में उत्पात मचाया और एक महादलित बस्ती को आग के हवाले कर के एक रिटायर्ड चौकीदार की हत्या कर दी। मझुआ टोली में हुई इस घटना के बाद सोमवार (मई 24, 2021) को SP दयाशंकर ने पीड़ितों से बात की और बायसी थानाध्यक्ष अमित कुमार को लापरवाही बरतने के आरोप में लाइन हाजिर कर दिया गया। धमदाहा के सर्किल इंस्पेक्टर सुनील कुमार सुमन को नया थाना प्रभारी बना कर भेजा गया।
महादलित बस्ती में महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के साथ जैसा व्यवहार किया गया, उसे याद कर के लोग खौफ में आ जा रहे हैं। रिजवी, शाकिद और इलियास इस मामले के मुख्य आरोपित हैं। पुलिस इसे जमीन विवाद बताते हुए कह रही है कि हमलावरों में कोई बाहर से नहीं आया था। भाजपा का कहना है कि हमलावरों की संख्या 300 में थी। विहिप ने उन्हें जिहादी बताते हुए कहा कि इनमें रोहिंग्या मुस्लिम भी शामिल थे।
इस घटना के लोकेश पर ध्यान दीजिए। पूर्णिया में जहाँ ये वारदात हुई, वो उस चिकेन्स नेक से मात्र 8 किलोमीटर की दूरी पर है जिसे काटने के सपने चीन भी देखता है। यही वो संकीर्ण क्षेत्र है, जो शेष भारत को पूर्वोत्तर भारत से जोड़ता है। सिलीगुड़ी इसका प्रमुख क्षेत्र है। नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, सिक्किम, दार्जिलिंग की पहाड़ियाँ इसी क्षेत्र से भारत से जुड़ती हैं। पश्चिम बंगाल का उत्तर दिनाजपुर और बिहार का मुस्लिम बहुल किशनगंज भी इससे जुड़ा हुआ है।
AMU के छात्र रहे शरजील इमाम ने CAA विरोधी शाहीन बाग़ आंदोलन में भाषण देते हुए इस चिकेन्स नेक को काटने की धमकी दी थी और इसके लिए मुस्लिमों को भड़काया था। वो पटना के फुलवारी शरीफ में भी एक बैठक में हिस्सा लेने आया था। उसे जहानाबाद से गिरफ्तार किया गया। भाजपा के विधान पार्षद देवेश कुमार ने कहा कि ममता बनर्जी की सरकार बनने के बाद बंगाल के मुस्लिम बहुल इलाकों में हिन्दुओं पर अत्याचार हो रहा है और वो पलायन कर रहे हैं।
उन्होंने दावा किया कि बिहार में भी कुछ ऐसा ही हो रहा है। उन्होंने कहा कि महादलित बस्ती के लोग दहशत में हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात की, जिन्होंने आरोपितों के स्पीडी ट्रायल का आश्वासन देते हुए कहा कि महादलितों को बेघर नहीं होने दिया जाएगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि मुस्लिम भीड़ ने घर में घुस कर महिलाओं की इज्जत-आबरू उछली और पेट्रोल छिड़क कर घरों में आग लगाई।
बच्चों-बुजुर्गों तक को बेरहमी से पीटा गया। लोगों ने कहा कि वो डर के साए में जी रहे हैं, न रात को सो पाते हैं और न काम के लिए बाहर निकल पाते हैं। खुले आसमान के नीचे चूल्हे जलाने पड़ रहे हैं, ताकि बच्चों को भोजन खिलाया जा सके। एक गर्भवती महिला ने बताया कि इलियास ने उसके साथ बलात्कार की कोशिश हुई। असफल रहने पर बाइक की चेन से उसे पीटा। पीड़िता ने किसी तरह भाग कर अपनी जान बचाई।
पूर्णिया का मझुआ कांड #दैनिकजागरण pic.twitter.com/Hpd5uZ1sOl
— अनंत विजय/ Anant Vijay (@anantvijay) May 25, 2021
उसकी पीठ और शरीर पर आज भी उस वारदात के जख्म मौजूद हैं। एक आशाकर्मी ने बताया कि उसने हमलावरों के घर में कई बार डिलीवरी कराई है, लेकिन उन दरिंदों ने उसकी इज्जत लूटने का प्रयास करते समय ये भी नहीं सोचा। उस पर तलवार से हमला किया गया, जिसके बाद किसी तरह अर्धनग्न अवस्था में भाग कर उसने अपनी जान बचाई। पूर्णिया के DM ने कहा कि पीड़ितों को 50-50 हजार रुपए का मुआवजा दिया जा रहा है।
मृतक मेवालाल राय बहू ने बताया कि उनके ससुर पर लाठी, साइकिल की चेन और फरसा से हमला किया गया। इस मामले में पुलिस की शिथिलता भी सामने आई है क्योंकि 24 अप्रैल को हुई हिंसा की घटना की जाँच के बगैर ही महादलित परिवारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया गया था। महादलितों का कहना है कि स्थानीय DSP ने उन्हें घर खाली करने को कहा था। 2015 के हिंसा के मामले में भी अब तक पुलिस निष्क्रिय रही।
विहिप ने माँग की है कि हमलावरों पर संगत धाराओं में FIR दर्ज कर गिरफ़्तारी हो तथा पीड़ित परिवारों की सुरक्षा, आर्थिक सहायता व पुनर्वास हेतु स्थानीय प्रशासन द्वारा सार्थक कदम अबिलंब उठाए जाएँ। मिलिंद परांडे ने कहा कि पश्चिम बंगाल में इसी माह हुए क्रूर हिंसक हमलों को दोहरा कर, हिन्दू समाज के धैर्य की परीक्षा लेने का पुन: दुस्साहस किया है। हमले, मारपीट, लूटपाट, हिंसा व आगजनी की इन जघन्य घटनाओं पर स्थानीय पुलिस, प्रशासन व शासन की उदासीनता को भी उन्होंने बेहद चिंतनीय बताया।