देश भर में आत्मघाती हमलों और सीरियल ब्लास्ट की योजना बनाने के आरोप में गिरफ्तार आईएसआईएस के एक कथित आतंकी ने बुधवार (9 जून 2021) को अदालत में याचिका दायर कर आरोप लगाया कि उसे जेल के कैदियों ने पीटा और ‘जय श्री राम’ जैसे धार्मिक नारे लगवाए।
आरोपित राशिद जफर को देश में सीरियल ब्लास्ट और राजनेताओं को निशाना बनाने की साजिश रचने के मामले में 2018 में गिरफ्तार किया गया था। इसकी योजना सरकारी संस्थानों को भी निशाना बनाने की थी। आरोपित के वकील एमएस खान ने याचिका में दावा किया है कि उसके मुवक्किल ने तिहाड़ जेल से ही अपने पिता को फोन कर कैदियों द्वारा पीटने और जबरन ‘जय श्री राम’ बुलवाने की घटना के बारे में बताया था।
वकील कौसर खान ने यह याचिका दायर की, इसमें उन्होंने अदालत से इस मामले की जाँच के लिए जेल सुपरिटेन्डेंट को निर्देश देने की माँग की है।
एनआईए ने 2018 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल यूनिट, यूपी एटीएस के साथ मिलकर दिल्ली के जाफराबाद, सीलमपुर और उत्तर प्रदेश के 11 स्थानों पर सर्च ऑपरेशन के बाद 9 लोगों को आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के मामले में गिरफ्तार किया था। ये सभी गिरफ्तारियाँ 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह से एक महीने पहले तलाशी अभियान के दौरान हुई थीं।
NIA ने कई विस्फोटक जब्त किए थे
जाँच एजेंसी ने इस सर्च अभियान के दौरान स्थानीय स्तर पर बनाया गया एक रॉकेट लॉन्चर, सुसाइड जैकेट के लिए सामान और टाइमर के लिए इस्तेमाल की जाने वाली 112 अलार्म घड़ियों को बरामद किया गया था। इसके अलावा 25 किलो पोटैशियम नाइट्रेट, अमोनियम नाइट्रेट और सल्फर जैसे विस्फोटक पदार्थों को जब्त किया गया था।
आतंकियों ने रिमोट कंट्रोल इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेज को असेंबल करने के लिए रिमोट कंट्रोल कार और वायरलेस डोरबेल भी खरीदी थी। जाँच एजेंसी को तलाशी के दौरान स्टील के कंटेनर, बिजली के तार, 91 मोबाइल फोन, 134 सिम कार्ड, 3 लैपटॉप, चाकू, तलवार, आईएसआईएस से जुड़े सामान भी मिले थे।
एनआईए ने इस अभियान की शुरुआत में ‘हरकत उल हर्ब ए इस्लाम’ आतंकी संगठन के 16 लोगों को हिरासत में लिया था, जो इस्लाम के लिए युद्ध करते थे। एजेंसी ने कहा था कि हिरासत में लिए गए 16 लोगों में से 10 को बाद में गिरफ्तार किया गया, जिसमें से पाँच यूपी के अमरोहा से और पाँच उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर और जाफराबाद इलाकों से गिरफ्तार किए गए थे।