जम्मू-कश्मीर में आतंकी संगठनों को हथियारों की सप्लाई करने के मामले में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बिहार के छपरा से तकरीबन 20 वर्ष की उम्र के एक संदिग्ध आतंकी अरमान मंसूरी को गिरफ्तार किया है। जाँच एजेंसी ने आरोपित को कोर्ट में पेश किया, जहाँ से उसे चार दिन की ट्रांजिट रिमांड पर भेज दिया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, अरमान मूलत: छपरा के मढ़ौरा थाना क्षेत्र के देव बहुआरा गाँव का रहने वाला है और जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को हथियार सप्लाई करने के मामले में वह आरोपित है। नईमुद्दीन अंसारी और ओहिदा खातून के तीन लड़कों में अरमान सबसे बड़ा है और नौवीं कक्षा तक पढ़ा है। आतंकवाद के कनेक्शन में इस गाँव से गिरफ्तार होने वाला अरमान तीसरा शख्स है।
इसके पहले, जाँच एजेंसियों ने इसी गाँव के दो भाईयों, जावेद और मुश्ताक को इसी साल फरवरी में गिरफ्तार किया था। वहीं, आतंकी कनेक्शन के मामले में ही एक हफ्ते पहले ही जाँच एजेंसी ने मोहम्मद गुड्डू नाम के युवक पकड़ा था, जिससे पूछताछ के आधार पर अरमान की गिरफ्तारी हुई है।
इस गिरफ्तारी को लेकर आरोपित अरमान के परिवार का कहना है कि गुरुवार (22 जुलाई 2021) की सुबह जब अरमान सोया था, तभी पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। एनआईए ने उसके परिजनों के फोन और उसके दो फोन को जब्त कर लिया। बाद में परिजनों के फोन और अरमान का बेसिक फोन लौटा दिया गया, लेकिन अरमान का एंड्रॉइड फोन जब्त कर लिया गया।
अरमान पहले केरल में टाइल्स लगाने का काम करता था, लेकिन बीते 6 महीने से घर पर ही रहता है। उसके अब्बा भी पहले सऊदी अरब में थे, लेकिन वो भी अभी घर पर ही रह रहे हैं।
इससे पहले, 16 फरवरी 2021 को एनआईए ने आतंकियों को हथियार सप्लाई करने के मामले में जावेद और मुश्ताक को इसी गाँव से गिरफ्तार किया था। जावेद ने पूछताछ में अरमान के बारे में बताया था। जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने उसे गवाही के लिए नोटिस भी जारी किया था, लेकिन वो नहीं आया था। इसके बाद एनआईए और बिहार एटीएस की टीम ने अरमान मंसूरी को गिरफ्तार कर लिया।
रिपोर्ट के मुताबिक, जाँच एजेंसी की पूछताछ में आरोपित अरमान ने कबूल किया है कि उसने ही जावेद के कहने पर एक बैग की डिलीवरी की थी। उसने बताया कि डिलीवरी के बदले में उसे 10 हजार रुपए मिले थे। हालाँकि, पूछताछ में उसने ये नहीं बताया कि बैग में क्या था।