Sunday, September 8, 2024
Homeराजनीतिपंजाब का मोगा, अकाली दल वाले बादल की रैली: किसानों ने फेंके पत्थर, पुलिस...

पंजाब का मोगा, अकाली दल वाले बादल की रैली: किसानों ने फेंके पत्थर, पुलिस ने बरसाई लाठियाँ

"हमने प्रदर्शनकारियों को कई बार आगाह किया, लेकिन कुछ ने पथराव शुरू कर दिया, जिसके बाद हमें उन्हें तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का प्रयोग करना पड़ा।"

पंजाब के मोगा जिले में गुरुवार (2 सितंबर 2021) को एक जनसभा कर रहे शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल का विरोध करने पहुँचे कुछ किसान संगठनों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। पुलिस ने वाटर कैनन और लाठीचार्ज किया। इस घटना में कई किसान और पुलिसवाले घायल हो गए।

रिपोर्ट के मुताबिक, सुखबीर बादल विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 100 दिनों के पंजाब यात्रा पर निकले हैं। इसी कड़ी में गुरुवार को वे मोगा जिले पहुँचे थे। यहाँ के धर्मकोट स्थित नई अनाज मंडी में उनकी जनसभा हो रही थी। इस दौरान दोपहर के करीब 12 बजे कुछ किसान वहाँ पहुँचे और उनका विरोध करना शुरू कर दिया। ये सभी केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की माँग कर रहे थे। ज्ञात हो कि शिअद ने मोगा से पूर्व मंत्री जत्थेदार तोता सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह मक्खन बराड़ को अपना उम्मीदवार घोषित किया है।

पुलिस ने किसानों को रोक वहाँ से हटाने की कोशिश की, जिससे वे भड़क गए। किसानों पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिसके बाद पुलिस और किसानों में तीखी झड़प हुई। इसमें 24 किसान और 6 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। घायलों में डीएसपी (सिक्योरिटी ब्रांच) गुरुदीप सिंह और 2 इंस्पेक्टर भी शामिल हैं। इसके अलावा एक होमगार्ड के जवान औऱ एक मीडियाकर्मी का सिर फट गया है। इतना ही नहीं किसानों के साथ झड़प में एक दर्जन से अधिक गाड़ियाँ क्षतिग्रस्त हो गईं।

एकबारगी तो प्रदर्शनकारियों के आक्रोश से डरकर पुलिस पीछे हट गई थी। लेकिन बाद में मोर्चा सँभालते हुए लाठीचार्ज औऱ वाटर कैनन से भीड़ को तितर-बितर किया गया। इसके बाद किसानों ने तलवंडी-लुधियाना हाईवे को जाम कर दिया। मोगा के एसपी ध्रुमन निंबाले ने कहा, “हमने प्रदर्शनकारियों को कई बार आगाह किया, लेकिन कुछ ने पथराव शुरू कर दिया, जिसके बाद हमें उन्हें तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का प्रयोग करना पड़ा। उन्होंने घटनास्थल के पास एक राष्ट्रीय राजमार्ग भी जाम कर दिया था, जिसे बाद में खाली कराया गया।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -