शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने सोमवार (6 सितंबर) को केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को पत्र लिखकर विवादास्पद ‘सुल्ली डील्स’ ऐप के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया। ‘सुल्ली डील्स’ ऐप ने बीते महीनों में अपमानजनक सामग्री पोस्ट करने के बाद काफी सुर्खियाँ बटोरी थी।
जुलाई 2021 में सुल्ली डील्स ऐप ने ऑनलाइन नीलामी के लिए मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें पोस्ट की थी। चतुर्वेदी ने आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव को लिखे पत्र में निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि मंत्रालय ने अपराधियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
शिवसेना सांसद ने आरोप लगाया, ”यह बेहद निराशाजनक है कि इस संवेदनशील मुद्दे पर अभी तक कोई लिखित जवाब या कार्रवाई नहीं की गई है। मैं आपसे अनुरोध करती हूँ कि कृपया इस मामले पर गौर करें, क्योंकि इन घटनाओं ने फिर से साइबर स्पेस में महिला सुरक्षा को लेकर हो रही चूक को उजागर किया है। मैं इस संबंध में मैं आपसे कड़ी कार्रवाई की उम्मीद करती हूँ।”
गौरतलब है कि प्रियंका चतुर्वेदी ने इससे पहले 30 जुलाई को आईटी मंत्री अश्विन वैष्णव को इसी तरह का एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था, ”सुल्ली डील्स ऐप एक विशेष समुदाय की महिलाओं को नीचा दिखाने और अपमानित करने के लिए सामग्री पोस्ट करती है। चतुर्वेदी ने केंद्र सरकार से सख्त और तत्काल कार्रवाई करने को कहा था, क्योंकि महिलाओं की गरिमा की रक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है।”
सुल्ली डील्स के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं?
प्रियंका चतुर्वेदी ने दावा किया है कि सुल्ली डील ऐप के खिलाफ आईटी मंत्रालय ने कोई कार्रवाई नहीं की गई थी, जबकि सच्चाई इसके उलट है। ऐप के सामने आने के एक दिन बाद, दिल्ली पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मुस्लिम महिलाओं की सहमति के बिना उनकी तस्वीरों का इस्तेमाल करने और उनकी बिक्री के लिए एफआईआर दर्ज की थी।
मामले की जाँच से जुड़े सूत्रों ने बताया, ‘सांसद द्वारा सितंबर में पत्र लिखे जाने से दो महीने पहले ही यानी जुलाई में सरकार इस वेबसाइट के खिलाफ कार्रवाई कर चुकी है। उन्होंने ऐप और यूट्यूब चैनल दोनों को ब्लॉक कर दिया गया है।
सूत्रों ने आगे कहा, “दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने 7 जुलाई को अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ YouTube चैनल चलाने पर प्राथमिकी दर्ज की और सांसद द्वारा पत्र लिखे जाने से पहले 9 जुलाई को एक और एफआईआर दर्ज की गई थी।”
ध्यान दें कि सरकार द्वारा बनाए गए आईटी नियमों में पहले से ही ऐसे ऐप्स से निपटने का प्रावधान है। 25 फरवरी को सरकार द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में, आईटी नियमों ने महिलाओं की सुरक्षा से समझौता करने वाले ऐप्स और सूचनाओं से निपटने के प्रावधान किए हैं। नियम कहता है कि किसी भी व्यक्ति द्वारा आपत्तिजनक फोटो या सामग्री शेयर करने वाले ऐप, वेबसाइट की शिकायत प्राप्त होने के 24 घंटे के भीतर ऐप को ब्लॉक कर दिया जाएगा।
शुरुआत में यह माना जा रहा था कि इस ऐप को हिंदुओं द्वारा मुस्लिम महिलाओं को बदनाम करने के बनाया गया था। जबकि ‘sullidealsXpose’ नाम के एक यूजर ने आरोप लगाया था कि इस ऐप का मालिक एक मुस्लिम व्यक्ति है, जिसका नाम जावेद आलम है।
‘एक्सपोज़’ अकाउंट में दावा किया गया कि उसने मथुरा में जीएलए विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई पूरी की है और IT कंपनी एक्सेंचर के साथ काम कर रहा था। उसने बताया कि उसके तीन फोन नंबर भी मिले हैं। मामला सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने इस पर संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि ऐप के लिए कौन जिम्मेदार है, इसकी आगे जाँच की जा रही है।