हिन्दू विरोधियों ने अमेरिका में ‘Dismantling Global Hindutva’ कॉन्फ्रेंस आयोजित किया, जिसका अर्थ है वैश्विक हिंदुत्व के टुकड़े-टुकड़े करना। लेकिन, उनका ये प्रयास फ्लॉप रहा। YouTube पर भी इस कॉन्फ्रेंस को इक्का-दुक्का लोग ही देखते हुए नजर आए। वहीं इसके खिलाफ हुए हिन्दू कार्यकर्ताओं के कॉन्फ्रेंस में बड़ी संख्या में लोगों ने मौजूदगी दर्ज कराई व वक्ताओं को हजारों लोगों ने सुना।
आइए, आपको बताते हैं कि ‘वैश्विक हिंदुत्व के टुकड़े-टुकड़े’ करने का दावा करने वाले इस कॉन्फ्रेंस में किस-किस किस्म की बातें की गईं। इसमें आयुर्वेद को भी भला-बुरा कहा गया और वैदिक विज्ञान को नीचा दिखाने की कोशिश की गई। कहा गया कि पश्चिमी मेडिकल विज्ञान को चुनौती देने के लिए ‘बोगस’ आयुर्वेद को लाया गया। कहा गया की आयुर्वेद के जरिए गोरक्षा के नाम पर हिंसा को ढका जा रहा है।
इस ‘Dismantling Global Hindutva’ में ये भी कहा गया कि नरेंद्र मोदी की सरकार ‘झूठे इतिहास’ के जरिए खुद के वैज्ञानिक सभ्यता होने की बात को आगे बढ़ा रही है। हिंदुत्व को ‘राजनीतिक राष्ट्रवाद’ बताते हुए वक्ताओं ने इसकी तुलना महामारी तक के कर दी। साथ ही भारत को शरणार्थियों के खिलाफ भी बताया गया। जम्मू कश्मीर में मोदी सरकार की कार्रवाई को लेकर हिंदुत्व को ‘मुस्लिम विरोधी’ भी करार दिया गया।
साथ ही इस कॉन्फ्रेंस के वक्ताओं ने ‘अखंड भारत’ की परिकल्पना पर भी तंज कसते हुए इसे एक ‘मिथक’ करार दिया। साथ ही कहा कि ‘हिन्दू राष्ट्र’ में उत्तर-पूर्व भारत व आदिवासियों के लिए कोई जगह नहीं होगी। कहा गया कि भावनाओं के अधिकार को भी ‘तानाशाही सरकार’ कुचल रही है। कहा गया कि असम के मुस्लिमों को ‘बाहरी’ बताया जा रहा है। साथ ही घुसपैठ की समस्या की आड़ में सरकार विरोधियों की गिरफ़्तारी के भी आरोप लगाए गए।
साथ ही ‘सवर्ण महिलाओं’ पर हिंदुत्व के लिए काम करने का आरोप भी लगाया गया। कहा गया कि ‘हिंदुत्व महिलाएँ’ सामाजिक कार्यों के नाम पर हिन्दू धर्म को फैला रही हैं। आरोप लगाया गया कि इसके जरिए वो ‘पितृसत्ता’ का भी प्रचार कर रही हैं। उन पर पुरुषों की हिंसा को बढ़ावा देने के आरोप लगाए गए। ‘यौन हिंसा’ को हिंदुत्व की नीति बताते हुए मुजफ्फरनगर दंगों को याद किया गया। साथ ही हिन्दू धर्म को मानने वालों को बलात्कारी बताने की कोशिश हुई।
What rubbish! #Savarkar popularized "Hindutva" & stood tall against "Caste based discrimination."
— Aabhas Maldahiyar 🇮🇳 (@Aabhas24) September 11, 2021
He wanted "Varnawyawastha" dismantled completely.
Whether "Varna" is right or wrong is diff thing but your academic level is pathetic @dghconference https://t.co/KWYCSglZmf
हिन्दू महिलाओं पर आरोप मढ़ा गया कि वो शाखाओं व शिक्षा में अपनी जगह बना कर हिन्दू धर्म का प्रचार कर रही हैं। हिन्दुओं पर ‘यौन राजनीति’ करने के आरोप लगाए गए। उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई घटना पर भी चर्चा हुई। साथ ही कहा गया कि अब तक हिन्दुओं ने जाति-प्रथा के भेदभाव के खिलाफ कोई अभियान नहीं छेड़ा। कहा गया कि हिंदुत्व में दलितों के लिए कोई जगह नहीं। ब्राह्मणों को भी भला-बुरा कहा गया।
इस ‘Dismantling Global Hindutva’ कॉन्फ्रेंस के वक्ताओं ने कहा कि ब्राह्मणों का साहित्य एक ऐसी दुनिया के बारे में बात करता है, जिसका कभी कोई अस्तित्व ही नहीं था। जाति व जातिवाद को समान बताते हुए कहा गया कि RSS प्रमुख मोहन भागवत लाठी चलना सिखाते हैं, जो ‘घातक ब्राह्मणवाद’ है। हिटलर की विचारधारा को भी ब्राह्मणों से जोड़ा गया। दिल्ली में रेप की एक घटना को लेकर हिन्दू पुजारियों को भला-बुरा कहा गया।