महाराष्ट्र आतंकरोधी दस्ते (ATS) ने रिजवान इब्राहिम मोमिन नाम के एक संदिग्ध आतंकी को पकड़ा है। वह शिक्षक है और मुंबई में चार कोचिंग संस्थान चलाता है। रविवार (19 सितंबर 2021) को उसे गिरफ्तार किया गया।
दिल्ली पुलिस ने जिस आतंकी मॉड्यूल का खुलासा किया है उसी से संलिप्तता को लेकर रिजवान की गिरफ्तारी हुई है। उसे यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया है। जाकिर हुसैन शेख ने पूछताछ में उसका नाम लिया था। शेख को एटीएस ने 18 सितंबर को पकड़ा था। शेख के तार दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए 6 आतंकियों में से एक जान मोहम्मद से जुड़े हैं। शेख पाकिस्तानी हैंडलर्स के संपर्क में भी था। रिजवान और जाकिर को सोमवार को विशेष अदालत में पेश किया गया जहाँ से उन्हें 4 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
एक अधिकारी ने बताया, “जान मोहम्मद की गिरफ्तारी के बाद शेख को अपने घर पर छापे का डर सताने लगा था। इसके बाद वह दो दिन तक मुंब्रा स्थित रिजवान के घर पर रहा।” एटीएस का यह भी कहना है कि शेख ने रिजवान के फोन का इस्तेमाल पाकिस्तान में अपने हैंडलर्स को कॉल करने के लिए किया था। उसकी गिरफ्तारी के बाद रिजवान ने कथित तौर पर अपना फोन तीन टुकड़ों में तोड़ घर के पास एक नाले में फेंक दिया।
रिजवान को शनिवार की शाम उसके घर से एटीएस दफ्तर पूछताछ के लिए लाया गया था और रविवार सुबह उसे गिरफ्तार कर लिया गया। एक अधिकारी ने बताया कि उससे पूछताछ कि बाद फेंके गए मोबाइल के सभी टुकड़े नाले से बरामद कर फोरेंसिक जाँच के लिए भेजे गए हैं और डाटा रिट्रीव करने की कोशिश हो रही है। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार एक साझेदार के साथ रिजवान अंधेरी, कुर्ला, बांद्रा में बीते एक साल से ट्यूटोरियल स्कूल चला रहा था। एटीएस ने कहा है कि रिजवान किसी विदेशी से सीधे संपर्क में नहीं था। लेकिन पैसों के लिए शेख के निर्देशों पर काम कर रहा था।
दिल्ली पुलिस ने 14 सितंबर को 6 आतंकियों को गिरफ्तार किया था। इनमें मुंबई का 47 साल का जान मोहम्मद शेख उर्फ समीर कालिया भी है। पेशे से ड्राइवर समीर को हमलों को अंजाम देने के लिए हथियार जुटाने और टारगेट की पहचान का काम दिया गया था। यह बात भी सामने आई थी कि 2001 में उसे यौन शोषण के एक मामले में गिरफ्तार किया था। वह सीधे दाऊद इब्राहिम के भाई अनीस इब्राहिम के संपर्क में था। उससे वाट्सऐप के जरिए बात करता था। उसे आतंकियों को आईडी और लॉजिस्टिक मुहैया कराने की जिम्मेदारी दी गई थी। गिरफ्तारी से पहले उसने अपने मोबाइल का सारा डिलीट कर दिया था। जाँच एजेंसी के अनुसार आईएसआई की इस साजिश के लिए फंडिंग अनीस ही कर रहा था।
अलग-अलग राज्यों से पकड़े गए इन आतंकियों के निशाने पर 6 राज्यों के 15 शहर थे। नवरात्रि और रामलीला के दौरान भीड़भाड़ में हमलों को अंजाम देने की इनकी प्लानिंग थी। कुछ नामचीन भी इनके निशाने पर थे। इनके पास से विस्फोटक भी मिले थे।