जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में आतंकियों की गोली से जान गंवाने वाले बिहार के भागलपुर जिले के सैदपुर गाँव के रहने वाले वीरंजन पासवान का अंतिम संस्कार बुधवार को श्रीनगर में झेलम नदी के किनारे स्थित दूधगंगा घाट पर किया गया। जिला प्रशासन ने उनके शव को हवाई जहाज के जरिए भागलपुर भेजने को कहा था, लेकिन मृतक के परिवार की सहमति के बाद श्रीनगर में ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
घटना के बाद श्रीनगर के जिलाधिकारी मोहम्मद एजाज असद ने सहायता स्वरूप वीरंजन पासवान की पत्नी पुतुल देवी के नाम पर सवा लाख रुपए का चेक भी पीड़ित परिवार को सौंपा। पीड़ित को दी गई धनराशि में से एक लाख एसडीआरएफ और 25 हजार रेड क्रॉस सोसायटी की ओर से दिया गया है। श्रीनगर के मेयर जुनैद अजीम मट्टू ने कहा कि पहले उन्हें इस घटना की जानकारी नहीं थी, लेकिन अब वो श्रीनगर में पीड़ित के परिजनों को सांत्वना देने के लिए जाएँगे।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, वीरंजन के बड़े बेटे विक्रम ने बताया है कि उसके पिता पहले कोलकाता में मजदूरी करते थे और ढाई साल पहले ही श्रीनगर गए थे। वो वहाँ पर गोलगप्पे का ठेला लगाते थे। विक्रम ने बताया कि वह 6 भाई-बहन है। मृतक की पत्नी पुतुल देवी के मुताबिक, बीते सोमवार को वीरंजन का फोन आया था कि नवरात्रि में वह घर आएँगे। उन्होंने अपना टिकट भी करा लिया था। लेकिन, बाद में उनके भाई ने फोन कर बताया कि आतंकियों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी है। वह अपने घर में इकलौता कमाने वाले थे। परिवार पर 73,000 रुपए का कर्ज भी है। इस हत्या की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट जम्मू-कश्मीर ने ली है। इसे इस्लामिक स्टेट विलाया हिंद के नाम से भी जाना जाता है।
गौरतलब है कि बीते मंगलवार को (5 अक्टूबर 2021) को श्रीनगर में आतंकियों ने तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इनमें से एक वीरंजन पासवान थे। वीरंजन पासवान श्रीनगर के मदीनसाहब लाल बाजार में गोलगप्पे का ठेला लगाते थे। शाम को जब वह घर जा रहे थे उसी दौरान ये घटना हो गई। उन्हें घायल अवस्था में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्होंने दम तोड़ दिया।