चीन के खतरनाक इरादों से जहाँ दुनिया परेशान है, वहीं चीन की मुस्लिमों के प्रति सख्त कार्रवाई जारी है। अब चीन ने मुस्लिमों की सांस्कृतिक पहचान को खत्म करने के लिए मस्जिदों से गुंबद और मीनारें हटाकर उनका ‘चीनीकरण’ करना शुरू कर दिया है। चीन ने मुस्लिमों की सांस्कृतिक पहचान को खत्म करने के लिए अपना अभियान तेज कर दिया है और मस्जिदों से गुंबद और मीनारों को खत्म कर रहा है।
चीन के उत्तर-पश्चिमी शहर जिनिंग में स्थित डोंगुआन मस्जिद चीन की कम्युनिस्ट सरकार की ताजा शिकार हुई है। लगभग 700 वर्ष पुरानी इस ऐतिहासिक मस्जिद के हरे गुंबदों को नष्ट कर दिया गया है। एनपीआर की रिपोर्ट में बताया गया है कि डोंगगुआन मस्जिद के बाहर अनार बेचने वाले मुस्लिम किसान अली ने कहा कि चीन सरकार के अधिकारी कहते हैं कि वे इस जगह को बीजिंग के तियानमेन चौक की तरह खूबसूरत बनाना चाहते हैं। दरअसल उनकी इच्छा इन मस्जिदों का चीनीकरण करने की है।
किसान अली ने यह भी कहा कि एनपीआर सिर्फ उनके पहले नाम का ही इस्तेमाल करें क्योंकि यहाँ लोगों को आदेश है कि वे गुंबद को हटाने के बारे में किसी को न बताएँ। चीन देश भर में हजारों मस्जिदों से गुंबद और मीनारें हटा रहा है ताकि मुस्लिमों की धार्मिक पहचान खत्म हो सके। चीनी अधिकारी मानते हैं कि ये गुंबद और मीनारें विदेशी धार्मिक प्रभाव का प्रतीक हैं और ये देश के चीनीकरण में सबसे बड़ी बाधा है।
शिनजियांग प्रांत में मुस्लिमों के साथ चीन सरकार एक सुनियोजित रणनीति के तहत उनकी धार्मिक पहचान मिटाने की दिशा में काम कर रही है। करीब दो साल पहले यहाँ पर चीनी अधिकारियों ने मस्जिदों के आगे बड़े-बड़े होर्डिंग्स और बैनर लगाकर उन्हें ढँकने की कोशिश की। अब वह गुंबदों को गिराने की कार्रवाई कर रहा है।
एनपीआर के मुताबिक, चीन में अपनाई जाने वाली जातीय नीति, सोवियत दृष्टिकोण पर आधारित है जिसमें नागरिकों को 55 अलग-अलग जातीय अल्पसंख्यक समूहों में वर्गीकृत किया गया था। इनमें से प्रत्येक को उनके क्षेत्र में सीमित सांस्कृतिक स्वतंत्रता दी जाती थी। चीन भी इसी तर्ज पर काम कर रहा है।
अमेरिकी यूनिवर्सिटी में चीनी मूल के इतिहास विशेषज्ञ मा हैयून बताते हैं कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के लोग अब सांस्कृतिक रूप से भी चीन पर शासन करना चाहते हैं। इसके तहत वे देश में सिर्फ मंदारिन भाषा का प्रसार चाहते हैं। चीन में हजारों मस्जिदों से गुंबद और मीनारें हटाने का यह अभियान एक नई नीति के तहत 2016 में छेड़ा गया था। इसके तहत आतुश के सुंगाग गाँव में भी एक मस्जिद को गिरा दिया गया था और वहाँ पर शौचालय का निर्माण कराया गया था।