चीन में उइगर मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार का एक वीडियो सामने आया है। उरुमकी नामक शहर में जाकर गुआन गुआँ नाम के एक पत्रकार ने ये कारनामा किया। वो पर्यटन के बहाने वहाँ गए थे। उन्होंने अपने बैग में कैमरा छिपा रखा था। चीन में कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार द्वारा शिनजियांग के उइगर मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार का खुलासा करना उनका मकसद था। उन्हें इस बात का डर था कि अगर वो पकड़े जाते तो उन्हें भयानक सज़ा मिल सकती थी।
2 वर्ष पहले भी उन्होंने कुछ समय इस शहर में गुजारा था और तब उन्हें पता चला था कि स्कूलों में स्थानीय उइगर भाषा को प्रतिबंधित कर दिया गया है और उइगर मिस्लिमों का इस्तेमाल स्लेव के रूप में किया जा रहा है। विदेशी पत्रकारों को तो वहाँ जाने की भी अनुमति नहीं थी। लेकिन, उन्होंने खतरा मोल लेने की ठानी और 8 शहरों का दौरा कर के 18 प्रताड़ना कैंपों के विवरण जुटाए। इनमें से एक प्रताड़ना कैंप तो 1000 यार्ड्स में फैला हुआ था और वहाँ ‘Reform Through Labour (श्रम से सुधार)’ जैसे नारे लिखे हुए थे।
इन प्रताड़ना कैंपों की खास बात ये है कि मैप पर भी इन्हें मार्क नहीं किया जाता है। लेकिन, पत्रकार गुआन ने कँटीले तारों, बड़े-बड़े टॉवर पर चढ़ कर रखवाली के लिए लगे गार्डों, पुलिस चेकपॉइंट्स, सेना के बैरक और गाड़ियाँ और जेल के भीतर बने दिशा के निशानों का भी वीडियो बनाया। अब उन्होंने यूट्यूब पर 19 मिनट के इस वीडियो क्लिप को डाला है। गुआन गुआँ उनका छद्म नाम है और ऐसा लगता है कि वो ताइवान के किसी विश्वविद्यालय से जुड़े हुए हैं।
उन्होंने बताया कि उन्हें पता चला था कि ऐसे 268 प्रतिबंधित परिसर हो सकते हैं, जहाँ उइगर मुस्लिमों को रखा गया हो। सैटेलाइट इमेज में सिर्फ नक्शा ही दिखता है, लेकिन वहाँ कौन सी इमारतें हैं उनकी तस्वीरें हैं ही नहीं। उसके आसपास क्या है? इन्हीं सवालों के जवाब ढूँढने वो शिनजियांग निकले। उन्होंने बताया कि इस दौरान उनका दिल जोड़ों से धड़क रहा था क्योंकि कैमरा से चीजें शूट करते पकड़े जाने पर उन्हें भी इन्हीं कैंपों में डाल दिया जाता। उरुकमी की राजधानी शिन्शी में उन्हें कई गुप्त कैमरे मिले।
यहाँ तक कि कई पेड़ों पर भी गुप्त कैमरे लगे हुए थे, जिसके माध्यम से वहाँ की सरकार हर क्षेत्र की निगरानी करती है और लोगों पर कड़ी नजर रखती है। साथ ही किले की तरह तारों से परिसरों को घेरा गया था। इसके बाद वो अपनी गाड़ी लेकर एक सफ़ेद रंग के प्रताड़ना कैंप से गुजरे, जिसमें हजारों उइगर मुस्लिमों के होने का अंदेशा है। एक जेल एक फैक्ट्री से सटी हुई थी। दाबांचेंग नामक इलाके में 10,000 उइगर मुस्लिमों को कैद रखने वाले एक प्रताड़ना कैंप बनाया गया था। वीडियो में उन्होंने वो भी दिखाया।
इन प्रताड़ना कैंपों के बाहर चीन की सेना अपने तोप तैनात रखती है। महीनों तक उइगर मुस्लिमों को कैद रखा जाता है। उन्हें श्रम कराए जाते हैं। वहाँ महिलाओं के बलात्कार से लेकर जबरन गर्भपात तक करा दिया जाता है। उन्हें जबरन कम्युनिस्ट इतिहास पढ़ाया जाता है और कम्युनिस्ट पार्टी के नारे और गीत गाने के लिए मजबूर किया जाता है। वीडियो बनाने वाले पत्रकार ने कहा कि उइगर मुस्लिमों पर होने वाले अत्याचार के बारे में हम सोच भी नहीं सकते, वो हमारे-आपके जैसे लोग ही हैं।