विश्व हिन्दू परिषद (VHP) ने केंद्र सरकार से तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) पर भारत में बैन लगाने की माँग की है। साथ ही इन्हें समर्थन और बढ़ावा देने वाले दारूल उलूम देवबंद और पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) पर भी कार्रवाई की माँग की है। विहिप की ओर से गुरुवार 16 दिसंबर को जारी किए गए प्रेसनोट में तबलीगियों, तबलीगी जमात और इज्तिमा पर पूर्ण प्रतिबंध की माँग की गई है।
तबलीगी जमात पर सऊदी अरब के प्रतिबंध का भी विहिप का केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने स्वागत किया है। साथ ही कहा है कि तबलीगी जमात और निजामुद्दीन का मरकज भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए संकट है। इन्हें इस्लामी कट्टरपंथ की फैक्ट्री और आतंकवाद का पोषक बताते हुए भारत में भी इन पर पूरी तरह से प्रतिबंध की माँग की है।
प्रेस विज्ञप्ति :
— Vishva Hindu Parishad -VHP (@VHPDigital) December 16, 2021
तबलीगी ज़मात पर भारत में भी लगे पूर्ण प्रतिबन्ध : @AlokKumarLIVE pic.twitter.com/ukEL9zhGG6
प्रेस नोट में तबलीगी जमात से जुड़े तमाम आर्थिक स्रोतों की जाँच करते हुए उनके बैंक खातों और ऑफिसों को सील करने की माँग उठाई गई है। साथ ही कहा गया है, “रूस ने भी तबलीगी जमात की हरकतों के चलते प्रतिबंध लगा रखा है। दारूल उलूम देवबंद को तबलीगी जमात का जन्मदाता है। तबलीगी जमात 1926 में निजामुद्दीन से शुरू हो मेवात क्षेत्र में व्यापक स्तर पर धर्मान्तरण करवाने में सफल रही। वर्तमान में यह 100 देशों और करोड़ों लोगों को संक्रमित कर चुकी है। भारत के तमाम हिस्सों में मस्जिदों और मदरसों में मिले हथियार और आतंकी कहीं न कहीं तबलीगी जमात की फैलाई सोच का परिणाम हैं।”
विहिप ने कहा है, “निजामुद्दीन मरकज़ वहाबी विचारधारा की ट्रेनिंग देता है। यहाँ से निकलकर तमाम लोग दुनिया भर में कट्टरता फैलाते हैं। ये सभाएँ इज्तिमा, मस्जिदों और मदरसों में की जाती हैं। दुनिया के तमाम आतंकी दलों को शुरू भी तबलीगी जमात से जुड़े लोगों ने किया है। भारत में स्वामी श्रद्धानन्द की हत्या, गोधरा ट्रेन जलाने की घटना से लेकर अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमले का रिश्ता मरकज़ निजामुद्दीन से है।”