हाल ही में कर्नाटक पुलिस हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों को तोड़ने वाले शख्स पर शिकंजा कसने में कामयाब रही। कर्नाटक (Karnataka) पुलिस (Police) ने 10 दिसंबर को केआर नगर के पास सालीग्राम गाँव से मूर्तियों को तोड़ने वाले शख्स को गिरफ्तार किया था। आरोपित ने पुलिस को बताया कि वह हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों को इसलिए तोड़ रहा था, क्योंकि उसे लग रहा था कि पत्थर की मूर्तियों की पूजा करके लोगों को मूर्ख बनाया जा रहा है और उन्हें धोखा दिया जा रहा है। पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए आरोपित की पहचान को गुप्त रखा है।
भेर्या गाँव (Bherya village) स्थित श्री सिद्धलिंगेश्वर और महादेश्वर मंदिर (Male Mahadeshwar Temple) में तोड़-फोड़ कर आरोपित ने ‘शिवलिंग’ को भी खंडित कर दिया था। इसी 7 दिसंबर को हुई इस घटना के बाद से इलाके में तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी।
एक रिपोर्ट के अनुसार, जिला अधीक्षक आर. चेतन ने घटनास्थल का दौरा किया और पुलिस उपाधीक्षक ए.आर. सुमित के नेतृत्व में स्पेशल टीम का गठन कर मामले की जाँच शुरू कर आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ के दौरान आरोपित ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है।
बताया गया था कि आरोपित ने लक्ष्मी देवी की मूर्ति को खंडित कर उसे कुएँ में फेंक दिया था। यह घटना केआर पेट ग्रामीण थाना क्षेत्र की है। आरोपित ने पुलिस को बताया कि वह बीरवल्ली गाँव में ताला तोड़कर हनुमान मंदिर में प्रवेश करने वाला था, लेकिन स्थानीय लोगों के मौके पर पहुँचते ही उसे भागना पड़ा।
पुलिस के अनुसार, आरोपित लंबे समय से हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों को निशाना बना रहा है। उसका मानना है कि लोगों को धोखा दिया जा रहा है, क्योंकि वे मूर्तियों की पूजा करते हैं। उसने मंदिरों में सोने, चाँदी के आभूषणों और चढ़ाए गए पैसों को भी नहीं चुराया। इस मामले की जाँच जारी है।
बता दें कि इस साल अप्रैल में कर्नाटक के मंगलुरु में एक मंदिर की दान पेटी से कंडोम मिलने के बाद दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था। यह मंदिर स्वामी कोरगज्जा का था, जिन्हें भगवान शिव का अवतार माना जाता है। गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान मंगलुरू के जोकट्टे इलाके के रहीम (32) और तौफीक (35) के रूप में हुई थी, जिन्होंने मंदिर की दान पेटी में पेशाब करने की बात भी कबूल की थी।