प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ज़ाकिर नाइक पर अपना शिकंजा और मजबूत कर लिया है। मनी लॉन्डरिंग एक्ट के तहत एजेंसी ने इस्लामिक उपदेशक की ₹16 करोड़ की संपत्ति ज़ब्त कर ली। शनिवार (जनवरी 19, 2019) को इस बात की जानकारी देते हुए एजेंसी ने कहा कि पुणे और मुंबई में ज़ाकिर नाइक के परिवार के नाम पर रजिस्टर्ड सम्पत्तियों को ज़ब्त करने के लिए प्रॉवीजनल ऑर्डर जारी किया गया है। ज़ाकिर नाइक पर 2016 में युवाओं को बरगला कर आतंकी गतिविधियों की तरफ़ ले जाने के आरोप भी लग चुके हैं।
बता दें कि अभी विवादित इस्लामिक उपदेशक मलेशिया में रह रहा है और भारत ने उसके प्रत्यर्पण की अपील भी की है। ED ने नाइक की जिन अचल सम्पत्तियों को अपने शिकंजे में लिया है, उनमे मुंबई में फातिमा हाइट्स और आफियाह हाइट्स, मुंबई के ही भांडूप में स्थित एक अनाम संपत्ति और पुणे में अंग्रेशिया नामक संपत्ति शामिल है। ED ने ज़ाकिर नाइक पर ग़ैरक़ानूनी गतिविधियों के रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज़ कर आगे की करवाई भी शुरू कर दी है। इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए ED ने बताया:
“धन की उत्पत्ति और संपत्तियों के वास्तविक स्वामित्व को छिपाने के लिए, नाइक के बैंक खाते से किए गए प्रारंभिक भुगतानों को उसकी पत्नी, बेटे और भतीजी के खातों में वापस कर दिया गया और लेन-देन करने के उद्देश्य से फिर से दोबारा ट्रांसफर किया गया। ऐसा इसीलिए किया गया ताकि नाइक के बजाय उसके परिवार के सदस्यों के नाम पर बुकिंग की जा सके।”
अक्टूबर 2017 में NIA ने ज़ाकिर नाइक के ख़िलाफ़ मुंबई की एक अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया था। उस पर 2016 में एंटी-टेरर क़ानून के तहत मामला दर्ज किया गया था। भारत ने इंटरपोल से भी ज़ाकिर नाइक के ख़िलाफ़ नोटिस जारी करने की अपील की थी। भारतीय अधिकारियों ने इसके लिए इंटरपोल के समक्ष सबूत के रूप में कई दस्तावेज़ भी पेश किए थे।
ख़बरों के मुताबिक़ नाइक की जितनी संपत्ति ज़ब्त की गई है, उसके पास उस से कहीं ज्यादा संपत्ति अभी भी मौजूद है। उसकी संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के पास ₹100 करोड़ से भी ज्यादा की अचल संपत्ति है। इस से पहले भी ED उसकी संपत्ति को ज़ब्त कर चुका है। 2017 में ED ने उसकी और उस से जुड़ी संस्था की ₹18 करोड़ से भी अधिक की सम्पत्तियों को ज़ब्त किया था।
सरकार ने ज़ाकिर नाइक की संस्था को ग़ैरक़ानूनी करार देकर प्रतिबंधित किया हुआ है। कुल मिलाकर देखा जाए तो सरकारी एजेंसियाँ अब तक नाइक की ₹50 करोड़ से भी अधिक की संपत्ति ज़ब्त कर चुकी है। वित्त मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाली एजेंसी ED के मुताबिक़ ये कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।