सीपीएम ने एक बार फिर भगवान अय्यपा के भक्तों का अपमान करने की दुस्साहस किया है। जन्मभूमि की ख़बर के अनुसार, आज (24 जून) त्रिशूर के केरेलेवर्मा कॉलेज में, स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) ने सबरीमाला के भगवान अयप्पा का अपमानजनक पोस्टर लगाया। SFI केरल में सत्ताधारी दल CPM का छात्र संगठन है।
SFI put a portrait of Lord Ayyappa hanging down in b/w legs of a woman in Kerala varma college.
— Pratheesh Viswanath (@pratheesh_Hind) June 24, 2019
The same LDF govt were agnst Lalitha Kala academy’s decision to give award for a cartoon of Franko Bishop who was arstd in rape case.
This anti Hindu party wil b wiped off in no time. pic.twitter.com/nAqlNvAPeo
SFI team of Kerala varma college thrissur again trying to creat religious tension in the college inflicting religious sentiments of ayyappa devotees. pic.twitter.com/APDmqD7HP3
— Adv Nivedida BJP (@AdvNivedida) June 24, 2019
फ्लेक्स बोर्ड पर चित्रित पोस्टर में भगवान अय्यप्पा को मासिक धर्म के ख़ून में सराबोर एक महिला के पैरों के बीच उल्टा लटकते हुए दिखाया गया है। ख़बर अनुसार, पोस्टर में लिखा है, “जहाँ भी मासिक धर्म को अशुद्धि के रूप में देखा जाता है, वहाँ वे अपने स्वयं के जन्म से इनकार कर रहे हैं।”
हिंदू संगठन, अयप्पा भक्त और राजनेता ने मौके पर पहुँचकर उन्होंने कॉलेज के अधिकारियों से अपमानजनक पोस्टर को हटाने का अनुरोध किया। भाजपा ने इसे अय्यप्पा भक्तों का अपमान कहा है।
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता केरल में मुफ़्त में नहीं आती और सत्ता पक्ष हिंदुओं के ख़िलाफ़ अपना पक्ष रखने के लिए जाना जाता है। हाल ही में, कम्युनिस्ट सरकार ने बलात्कार के आरोपी बिशप फ्रैंको का मजाक बनाने से संबंधित एक कार्टूनिस्ट को पुरस्कार देने के अपने फ़ैसले को पलट दिया था क्योंकि इससे ईसाई मतावलम्बियों की भावनाओं को ठेस पहुँची थी। एक चौंकाने वाले रहस्योद्घाटन में, सरकार के सत्ता संभालने के बाद से 119 लोगों को सोशल मीडिया पर सीएम के ख़िलाफ़ अपमानजनक पोस्ट के लिए गिरफ़्तार कर लिया गया था।
राज्य सरकार ने भक्तों की दलीलों के विपरीत, सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की सभी महिलाओं के लिए सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को स्वीकार कर लिया था। अपनी परम्पराओं को बचाने की कोशिश के लिए लगभग 2000 प्रदर्शनकारियों को गिरफ़्तार किया गया था।