प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा चूक (Narendra Modi Security Breach) को लेकर भी अब गीतकार से ट्रोल बने जावेद अख्तर (Javed Akhtar) ने अपना प्रोपेगंडा फैलाना शुरू कर दिया है। उन्होंने ‘मुस्लिमों के नरसंहार’ (Muslims Genocide) की बात करते हुए डर का माहौल बनाने की कोशिश की। बता दें कि पंजाब के बठिंडा (Bathinda) स्थित हुसैनीवाला फ्लाईओवर (Hussainiwala Flyover) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गाड़ी किसान प्रदर्शनकारियों के कारण 20 मिनट तक फँसी रही और उन्हें फिरोजपुर की रैली रद्द करके वापस लौटना पड़ा। इसके बाद से ही पंजाब की कॉन्ग्रेस सरकार पर तरह-तरह के सवाल उठ रहे।
जावेद अख्तर ने सोमवार (10 जनवरी, 2022) को किए गए ट्वीट में लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद पर एक अस्पष्ट और कई लोगों द्वारा काल्पनिक बताए जा रहे खतरे पर चर्चा करने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और इस पर विचार-विमर्श किया। वो एक LMGs (लाइट मशीनगन) से सुसज्जित बॉडीगार्ड्स के घेरे में बुलेटप्रूफ गाड़ी में बैठे हुए थे। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 करोड़ भारतीयों पर नरसंहार के खतरे पर एक शब्द भी नहीं कहा।”
Our PM has met the president to discuss a vague n according to many an imaginary threat to himself when he was in a bullet proof vehicle surrounded by the body guards with LMGs but has not uttered a word when 200 M Indians are openly threatened by a genocide. Why Mr Modi ?
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) January 10, 2022
इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री को ‘मिस्टर मोदी’ कह कर सम्बोधित करते हुए पूछा कि वो ऐसा क्यों कर रहे हैं? बता दें कि लंदन स्थित खालिस्तानी संस्था ‘सिख फॉर जस्टिस’ ने पंजाब के बठिंडा फ्लाईओवर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला रोके जाने की जिम्मेदारी ली है। संगठन ने अधिवक्ताओं को धमकी देते हुए कहा है कि इस मामले को वो सुप्रीम कोर्ट में न लड़ें। SFJ की तरफ से लगभग 50 वकीलों को फोन कॉल कर के धमकाया गया है। संगठन ने कहा कि 1984 सिख नरसंहार के पीड़ितों को अब तक न्याय नहीं मिला है, इसीलिए ये मामला अदालत में न चले।
उधर पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा चूक मामले की जाँच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक रिटायर्ड जज के नेतृत्व के समिति बनाने का निर्णय लिया है। कमिटी के गठन को लेकर सुप्रीम कोर्ट आज ही बाकी वीरान जारी करेगा। इस कमिटी में चंडीगढ़ के DGP, ‘नेशनल इंवेस्टिगेटिंग एजेंसी (NIA)’ के IG, पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल और पंजाब के ADGP (सिक्योरिटी) को शामिल किया जाएगा। ‘लॉयर्स वॉइस’ नाम के एक NGO ने इस मामले के जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने की माँग की थी।