कर्नाटक के खाद्य मंत्री बीजेड ज़मीर अहमद ख़ान को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने समन भेजा है। यह समन आईएमए पोंज़ी स्कीम स्कैंडल से जुड़े मामले में भेजा गया है। 3 बार विधायक रहे ज़मीर कर्नाटक में जेडीएस के बड़े नेताओं में से एक हैं और इससे पहले जब एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने थे, तब उन्हें वक़्फ़ मंत्रालय दिया गया था। ज़मीर को 5 जुलाई से पहले जाँच टीम के समक्ष उपस्थित होकर पूछताछ में सहयोग करना होगा। दरअसल, ज़मीर ने चुनाव के दौरान दिए गए हलफनामे में आईएमए के भगोड़ा मैनेजिंग डायरेक्टर मंसूर ख़ान से 5 करोड़ रुपए की संपत्ति ख़रीदने की जानकारी दी थी। आईएमए स्कैंडल अब कई सौ करोड़ का हो चुका है और 40,000 से भी अधिक लोग इस मामले में शिकायत दर्ज करा चुके हैं।
The ED on Friday served a summons on Food and Civil Supplies Minister B Z Zameer Ahmed Khan, seeking to question him over the multi-crore IMA scam, reports Akram Mohammed.#imascam #imajewels https://t.co/Kk56E1wZmQ
— Deccan Herald (@DeccanHerald) June 30, 2019
‘द न्यूज़ मिनट’ के अनुसार, मंत्री के परिवार ने ईडी के नोटिस को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। जब जाँचकर्ताओं की टीम ने उनके आवास पर पहुँच कर नोटिस थमाई, तब मंत्री का परिवार उस नोटिस को लेने से हिचक रहा था। लेकिन, बाद में मंत्री ज़मीर ख़ान के कहने पर उन्होंने उस नोटिस को स्वीकार किया। ज़मीर ख़ान ने इस मामले में अपना पक्ष रखते हुए पत्रकारों से कहा:
“संपत्ति से ख़रीद सम्बन्धी मामले में आए इस नोटिस में क्या ग़लत है? मुझे बस अधिकारियों के समक्ष पेश होकर चीजें स्पष्ट ही तो करनी है। मेरे पास सारे काग़ज़ात हैं और मैं वो सब ईडी को दिखाऊँगा। मैं इस जाँच में पूरी तरह सहयोग करने के लिए तैयार हूँ और अगर पीड़ित निवेशकों को उनके रुपए वापस मिल जाते हैं तो मुझे ख़ुशी होगी। ये 5 करोड़ रुपए की संपत्ति एकमात्र ऐसी ख़रीद है, जो मैंने मंसूर ख़ान के साथ की है। अगर इस मामले में सीबीआई जाँच होती है तो मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं होगी। मैं ईडी के सामने जाऊँगा और उनके सवालों का जवाब दूँगा। अगर सीबीआई जाँच होती है तो मुझसे ज्यादा ख़ुश कोई नहीं होगा। ग़रीब निवेशकों को उनके रुपए मिलने चाहिए।”
बता दें कि जाँच एजेंसियों ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की है और अभी तक आरोपित कम्पनी की 197 करोड़ रुपए की संपत्ति ज़ब्त की जा चुकी है। जाँच एजेंसियों ने कम्पनी के 52 बैंक खातों से 12 करोड़ रुपए अतिरिक्त भी ज़ब्त किए हैं। ईडी का कहना है कि आईएमए किसी भी प्रकार का बिजनेस नहीं कर रही थी बल्कि एक पोंजी स्कीम चला रही थी। मंसूर ख़ान के अभी यूएई में छिपे होने की आशंका है और उसके ख़िलाफ़ जल्द ही रेड कार्नर नोटिस जारी किया जाएगा।
ज़मीर अहमद ख़ान इससे पहले पीएम मोदी के बारे में विवादित बयान दे चुके हैं। उन्होंने चुनाव के दौरान पूछा था कि आख़िर लोग मोदी के चेहरे को देख कर क्यों वोट करते हैं? उन्होंने दावा किया था कि मोदी की एक ही पत्नी थी और उन्होंने भी मोदी को छोड़ दिया क्योंकि मोदी का चेहरा अच्छा नहीं है। उन्होंने आगे कहा था कि क्या आप इसी चेहरे को वोट करना चाहेंगे?