भारतीय इतिहासकार विक्रम संपत (Vikram Sampath) को राहत देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने इतिहासकार ऑड्रे ट्रुश्के (Audrey Truschke) को उनके खिलाफ किए गए विवादास्पद ट्वीट्स को 48 घंटे के भीतर हटाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने गुरुवार (24 फरवरी 2022) को संपत की याचिका पर सुनवाई की, जिसमें ऑड्रे ट्रुश्के समेत दूसरे लोगों द्वारा कथित साहित्य की चोरी का आरोप लगाकर उनके खिलाफ किए गए अपमानजक ट्वीट को हटाने की माँग की गई थी।
कोर्ट में मामले की सुनवाई जस्टिस अमित बंसल की सिंगल बेंच ने की। अदालत में इतिहासकार विक्रम संपत की तरफ से पेश हुए वकील राघव अवस्थी ने कहा कि विक्रम संपत पर ऑनलाइन हमलों का सिलसिला लगातार जारी है। संपत के खिलाफ किए जा रहे ट्वीट अदालती अधिकार पर भी हमले हैं। गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने 18 फरवरी 2022 को ऑड्रे ट्रुश्के, जो चोपड़ा और अनन्या चक्रवर्ती को संपत के खिलाफ ट्वीट करने से रोकने के लिए अंतरिम आदेश जारी किया था।
दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान अवस्थी ने कहा कि ऑड्रे ट्रुश्के, जो चोपड़ा और अनन्या चक्रवर्ती ने लंदन स्थित द रॉयल हिस्टोरिकल सोसाइटी को जो पत्र लिखा था, उसके संपत सदस्य हैं। 2017 में विक्रम संपत ने इंडिया फाउंडेशन जर्नल में एक स्पीच दिया था, जिसको लेकर इस प्रोफेसर की तिकड़ी ने उनके ऊपर साहित्यिक चोरी का आरोप लगाते हुए यह पत्र लिखा था। वकील जवाहर राजा ने विक्रम संपत पर आरोप लगाया था कि उन्होंने जो भाषण दिया था वो असल में एक रिसर्च पेपर था। जानकी बाखले (जिनका जिक्र विक्रम संपत ने अपने लेख में किया था) ने भी इसका विरोध किया है।
हालाँकि, हाईकोर्ट ने बाखले की आपत्तियों को स्वतंत्र मामला बताने के दावे को खारिज करते हुए कहा, “मेरा विचार है कि जो डॉक्यूमेंट्स वकील राघव अवस्थी रिकॉर्ड पर लाए हैं, उन्हें रिकॉर्ड में रखने की अनुमति दी जानी चाहिए, क्योंकि ये केस अभी अपने शुरुआती चरण में है।”
BREAKING: “I hold the view that the said documents which advocate @raghav355 for @vikramsampath has brought on record be allowed to be placed on record as the suit is oi early stages,” says Delhi High Court.
— LawBeat (@LawBeatInd) February 24, 2022
अवस्थी ने अदालत में तर्क दिया कि ट्रुश्के ने वो पत्र किसी तीसरे व्यक्ति को प्रस्तुत किया था, जिसमें इसे ‘संभावित साहित्यिक चोरी’ का मामला बताया गया है। अवस्थी ने ये भी कहा कि ये लोग अब डायरेक्ट चोरी से संभावित चोरी पर आ गए हैं।
Another aspect she (@AudreyTruschke) adds in her letter(s) is that there is potential plagiarism. “From plagiarism they have now come to potential plagiarism,” *laughs* Awasthi adds@raghav355 #vikramsampath
— LawBeat (@LawBeatInd) February 24, 2022
इसके साथ ही राघव अवस्थी ने कोर्ट में ऑड्रे ट्रुश्के के ‘द वायर’ का उल्लेख करने पर कटाक्ष करते हुए आरोप लगाया कि वायर ने आतंकी शरजील इमाम को एक कॉलमनिस्ट बताया था। दलीलों के बाद जस्टिस बंसल ने कहा कि कोर्ट ऑड्रे ट्रुश्के को संपत के खिलाफ ट्वीट को हटाने का आदेश दे रही है।
BREAKING: “We will order to take down subsequent tweets by the Defendant @AudreyTruschke towards @vikramsampath“, Court says
— LawBeat (@LawBeatInd) February 24, 2022
हालाँकि, विरोधी पक्ष के वकील जवाहर राजा ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बताते हुए कोर्ट के फैसले पर आपत्ति जताई थी और कहा, “विक्रम संपत ने प्रथम दृष्टया मामला बनाया है! आप डॉक्टर ऑड्रे के वकील भी नहीं हैं! आप इस पर बहस क्यों करना चाहते हैं? यह आपको सीधे तौर पर प्रभावित भी नहीं करता है! इससे हमारे मन में आशंकाएँ पैदा होती हैं! आप मामले को सनसनीखेज बनाना चाहते हैं!”
Court rejects contentions raised by Advocate Raja.
— LawBeat (@LawBeatInd) February 24, 2022
“@vikramsampath has made a prime Facie case! You are not even Dr. Audrey’s lawyer! Why do you want to argue this at all? It doesn’t even directly affect you! This puts apprehensions in our mind! You want to sensationalise!”
अंतिम फैसला सुनाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि उसने पहले ही ट्रुश्के और अन्य को विक्रम संपत से संबंधित पत्र और ईमेल या किसी अन्य मानहानिकारक सामग्री को पोस्ट करने से रोक दिया है।