हालिया विधानसभा चुनावों में बीजेपी को वोट देने के कारण उत्तर प्रदेश के बरेली में एक मुस्लिम महिला को रिश्तेदारों ने घर से निकाल दिया है। महिला का कहना है कि उसे तीन तलाक की धमकी भी दी जा रही है। करीब साल भर पहले ही उसका निकाह हुआ था। पीड़ित महिला की पहचान उजमा के तौर पर हुई है। वह शहर के बारादरी थाना क्षेत्र के जगतपुर की रहने वाली है।
रिपोर्ट के अनुसार उजमा ने बताया कि उसने विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को अपना वोट दिया। इसके बाद घर में विवाद शुरू हो गया। मामला इतना बढ़ गया कि उसे तलाक की धमकी दी जा रही। इसके चलते महिला ने ‘मेरा हक फाउंडेशन’ की अध्यक्ष फहरत नकबी से इस मामले की शिकायत की है। बता दें कि समाज सेविका फरहत नकवी केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की बहन है। पीड़िता ने उनसे इंसाफ के लिए फरियाद की है। उन्होंने पीड़ित की आवाज बनकर लड़ाई लड़ने की बात कही है। साथ ही पीड़ित महिला ने इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कार्रवाई की गुहार लगाई है।
उजमा ने 1 साल पहले मोहल्ले के ही तस्लीम अंसारी के साथ प्रेम विवाह किया था। निकाह के बाद से दोनों का जीवन सामान्य तरीके से चल रहा था। लेकिन विधानसभा चुनाव में उसके शौहर और ससुराल के सभी लोग समाजवादी पार्टी को सपोर्ट कर रहे थे। जानकारी के मुताबिक तस्लीम अंसारी के मामा तैयब अंसारी समाजवादी पार्टी के सदस्य हैं। उन्होंने उजमा को भी समाजवादी पार्टी को ही वोट देने के लिए कहा था। लेकिन उजमा ने भारतीय जनता पार्टी की कार्यशैली से आकर्षित होकर उसके उम्मीदवार को वोट दे दिया।
उजमा का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी ने धर्म और जाति से ऊपर उठकर समाज के लिए कुछ किया है। फ्री में राशन दिया है, महिलाओं को सुरक्षा दी, तीन तलाक विरोधी कानून लाई। लेकिन, जब यह बात तैयब अंसारी और उजमा के देवर आरिफ अंसारी को पता चली तो उन्होंने पीड़िता को पीटा और घर से निकाल दिया। तैयब और आरिफ ने धमकी दी कि अब उसका पति तलाक देगा। महिला के मुताबिक दोनों ने ये भी कहा कि अगर बीजेपी सरकार में हिम्मत है, तो वो तलाक रुकवाकर दिखाए। पुलिस से शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी भी दी।
पीड़ित के पिता ताहिर अंसारी मजदूरी करते हैं। इस मामले में उलमा-ए-इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने ‘हिंदुस्तान’ से बात करते हुए कहा कि किसी को भी कोई वोट दे सकता है। इसे सियासी नजरिए से देखना गलत है। अगर ससुराल के लोग या शौहर तलाक की धमकी दे रहे हैं, तो ये गलत है। मौलाना शहाबुद्दीन का कहना है कि ससुराल वालों को उजमा से माफी माँगनी चाहिए। उन्होंने इसे शरीयत के खिलाफ बताया है।