बांग्लादेश (Bangladesh) की राजधानी ढाका में कॉलेज की एक प्रोफेसर ने आरोप लगाया है कि एक पुलिस कॉन्स्टेबल ने उन्हें बिंदी लगाने पर परेशान किया और जान से मारने की कोशिश की। उन्होंने पुलिस के उच्च अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाते हुए सुरक्षा की माँग की है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया के मुताबिक, ढाका के तेजगाँव कॉलेज में थिएटर और मीडिया स्टडीज पढ़ाने वाली लता समद्दर (College Teacher Lata Samaddar) के साथ यह घटना शनिवार (2 अप्रैल, 2022) की सुबह कॉलेज के पास हुई। उन्होंने शेर-ए-बांग्ला नगर पुलिस स्टेशन में उस पुलिस कॉन्स्टेबल की शिकायत भी की है।
महिला प्रोफेसर ने अपनी शिकायत में बताया कि शनिवार सुबह उनके कॉलेज के पास मोटरसाइकिल पर खड़े एक पुलिस कॉन्स्टेबल ने उन्हें बिंदी लगाने पर परेशान किया और जब उन्होंने इस बात पर उसका विरोध किया तो उसने =उन्हें जान से मारने की कोशिश की। प्रोफेसर लता समद्दर का कहना है कि उसने उन्हें बाइक से धक्का देने और चोटिल करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने तेजी से बाइक के सामने से हटते हुए अपनी जान बचा ली, पर इस दौरान वह सड़क पर गिर गईं, जिसकी वजह से उन्हें कुछ चोटें आई हैं। उनका कहना है कि इस घटना के बाद से वह बेहद असुरक्षित महसूस कर रही हैं।
ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस के तेजगाँव डिवीजन के डिप्टी कमिश्नर बिप्लब कुमार सरकार ने बताया, “उस कॉन्स्टेबल का नाम नजमुल तारेक है। जाँच में सामने आया है कि वह इस घटना में शामिल था।” पुलिस कॉन्स्टेबल के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी, इसके जवाब में ढाका के पुलिस कमिश्नर (Md Shafiqul Islam) मोहम्मद शफीकुल इस्लाम ने कहा, “उसके खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।”
वहीं, शेर-ए-बांग्ला नगर पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर जहाँगीर आलम ने कहा कि घटनास्थल के पास से सीसीटीवी फुटेज जुटाए गए थे, लेकिन हम शुरुआत में इस बात की पुष्टि नहीं कर पाए थे कि प्रोफेसर को परेशान करने वाला कोई पुलिसकर्मी था।
सोशल मीडिया पर यह खबर वायरल होने के बाद, यूजर्स इसकी कड़ी आलोचना कर रहे हैं। अभिनेत्री और सांसद सुबोरना मुस्तफा (Suborna Mustafa) ने रविवार (3 अप्रैल 2022) को संसद में इस घटना पर चर्चा करते हुए प्रोफेसर को प्रताड़ित करने और जान से मारने की कोशिश करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की माँग की। वहीं, भारत में रह रहीं बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने भी बंगाली संस्कृति पर हमला करने वालों की आलोचना की है। उन्होंने ट्वीट किया, “बांग्लादेश में एक कट्टरपंथी पुलिस कॉन्सटेबल ने बिंदी लगाने पर कॉलेज की प्रोफेसर लता समद्दर को परेशान किया। तब से सभी समुदायों के पुरुष और महिलाएँ बिंदी लगाकर इस घटना का विरोध कर कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि बंगाली संस्कृति पर कोई हमला न हो।”
College teacher Lata Samaddar was harassed by a fanatic police in Bangladesh for wearing a bindi. Since then freethinking men & women from all communities have been wearing bindis & protesting against the harassment. They want no attack on Bengali culture. pic.twitter.com/tBfDI0xHcy
— taslima nasreen (@taslimanasreen) April 4, 2022
बता दें कि तस्लीमा नसरीन ने इससे पहले भी कई बार सोशल मीडिया के जरिए बांग्लादेश के कट्टरपंथियों के खिलाफ आवाज उठाई है। पिछले साल अक्टूबर में हिन्दुओं, उनके मंदिरों और प्रतिष्ठानों पर इस्लामी कट्टरपंथियों के हमले को लेकर तस्लीमा नसरीन ने सोशल मीडिया पर लिखा था, “पैगम्बर मुहम्मद ने काबा में पेगन समुदाय की 360 मूर्तियों को खंडित कर दिया था। उनका अनुसरण करने वाले उनके ही नक्शेकदम पर चल रहे हैं।” लेखिका ने यह भी कहा था कि बांग्लादेश में जिहाद रोकने का एक ही उपाय है कि सभी मदरसों, मस्जिदों, वाज़ महफ़िलों और इज्तेमा को पूर्णरूपेण बंद कर देना चाहिए।