भारत सामरिक और रणनीतिक महत्व को देखते हुए हिमाचल प्रदेश में दुनिया की सबसे ऊँची सुरंग का निर्माण करेगा। 16,580 फीट की ऊँचाई पर स्थित शिंकू ला दर्रे पर बनने वाला यह सुरंग हिमाचल प्रदेश को लद्दाख से जोड़ेगा। इससे दोनों प्रदेशों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ेगी और समय की बचत होगी। इसके साथ ही इसके बन जाने से सेना को लेह-लद्दाख में चीन से सटी सीमा तक पहुँचना आसान हो जाएगा।
सीमा सड़क संगठन (BRO) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने इसकी जानकारी दी। इसके निर्माण का जिम्मा भी BRO के ही हाथों में है और इस साल के जुलाई तक वह लद्दाख की जांस्कर घाटी को जोड़ने वाली इस सुरंग का निर्माण शुरू कर देगा। साल 2025 तक यह सुरंग पूरी तरह तैयार हो जाएगा।
लेफ्टिनेंट चौधरी ने कहा कि इस परियोजना के लिए केंद्र पहले ही BRO की प्रोजेक्ट योजना को स्वीकृत कर चुका है। उन्होंने कहा कि सुरंग का दक्षिण पोर्टल शिंकू ला और उत्तरी पोर्टल लखंग में होगा।
उन्होंने यह बात शिंकू ला दर्रे पर हिमाचल से जांस्कर रोड को खोलते समय कही। यहाँ वाहन ज़ांस्कर की तरफ से मनाली की ओर शिंकू ला दर्रे को पार करते हैं। वर्तमान में मनाली से लेह रोड पर दारचा तक 101 किमी की यात्रा करनी पड़ती है और उसके बाद दारचा से शिंकू ला दर्रे की ओर मुड़कर ज़ांस्कर घाटी में प्रवेश करना पड़ता है।
इस दर्रे पर 4.2 किलोमीटर लंबी सुरंग बनने से कारगिल की मनाली से दूरी 60 किलोमीटर कम होकर 355 किलोमीटर से 295 किलोमीटर रह जाएगी। मनाली-लेह-कारगिल रूट के लिए यह वैकल्पिक है। अभी विश्व में दस हजार से अधिक की ऊँचाई पर अमेरिका में 2.7 किलोमीटर लंबी सुरंग बनी है।
बता देें कि अभी 11,500 फीट की ऊँचाई पर जोजिला पास सुरंग का निर्माण कार्य जारी है, जो साल 2026 तक बनकर तैयार हो जाएगा। लगभग 14 किलोमीटर लंबी यह सुरंग जोजिला दर्रे को बायपास करेगी और सोनमर्ग को लद्दाख से जोड़ेगी। यह सुरंग भारत में बनने वाली अब तक की सबसे ऊँचाई पर बनने वाली सुरंग थी।