भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर कॉरिडोर को लेकर एक बार फिर अहम बैठक हुई। इस बैठक में कई मुद्दों पर गहनता से विचार-विमर्श किया गया। इस बैठक के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान से रोजाना 5,000 श्रद्धालुओं को गुरुद्वारे में दर्शन करने की अनुमति देने की माँग की। वहीं, पाकिस्तान से अनुरोध किया गया है कि 10,000 अतिरिक्त तीर्थयात्रियों को विशेष अवसरों पर जाने की अनुमति दी जाए।
ख़बर के अनुसार, भारत की यह माँग पूरी करते हुए प्रतिदिन 5000 तीर्थयात्रियों को वीज़ा-मुक्त करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने की अनुमति पाकिस्तान ने दे दी है। एक बयान में कहा गया कि तीर्थयात्रियों को व्यक्तिगत या समूह के रूप में या फिर पैदल यात्रा करने की भी अनुमति दी जाएगी।
इसके अलावा भारत की ओर से बनाए जा रहे पुल का विवरण साझा किया गया और पाकिस्तान से उनकी तरफ़ से पुल बनाने का आग्रह किया गया है। इससे बाढ़ संबंधी समस्याएँ दूर होंगी और तीर्थ यात्रा सकुशल पूरा होगा। पाकिस्तान इस पुल निर्माण के लिए सहमत है।
MEA on #KartarpurCorridor: Details of bridge that India is building on its side were shared&Pakistan was urged to build a bridge on their side.This would address flooding related concerns & ensure smooth pilgrimage. Pakistan agreed, in principle, to build bridge at earliest (1/2) pic.twitter.com/ePUhWrnr7P
— ANI (@ANI) July 14, 2019
इसके अलावा भारत ने यह अनुरोध भी किया कि केवल भारतीय नागरिकों को ही नहीं, बल्कि OCI कार्ड रखने वाले भारतीय मूल (PIO) के व्यक्तियों को भी करतारपुर सुविधा का इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाए।
MEA: India requested Pakistan that 10,000 additional pilgrims be allowed to visit on special occasions. Also, India requested Pakistan that not only Indian nationals, but also Persons of Indian Origin (PIOs) holding OCI cards be allowed to use #KartarpurCorridor facility. https://t.co/zMOzVMU1sd
— ANI (@ANI) July 14, 2019
करतारपुर कॉरिडोर खोले जाने की तारीख़ निर्धारित है। भारत ने नवंबर 2019 में गुरूनानक देव जी की 550वीं जयंती के ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए गलियारे को चालू करने की पेशकश की थी।
SCL Das, Joint Secretary (Internal Security) in Ministry of Home Affairs: The Government is fully confident that India would be ready to commence the pilgrimage through Kartarpur corridor on the auspicious occasion of the 550th birth Anniversary of Guru Nanak Dev ji. pic.twitter.com/nv2RWiNIB9
— ANI (@ANI) July 14, 2019
इस बैठक से पहले पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता और 13 सदस्यीय पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के नेता मोहम्मद फैसल ने कहा, “हमें मामलों पर उपयोगी वार्ता होने और समाधान मिलने की उम्मीद है। गलियारे का 70% काम पूरा हो गया है।”
Dr Mohammad Faisal, Spokesperson of Ministry of Foreign Affairs Pakistan, at Wagah (Pakistan): Pakistan is fully committed & cooperating to operationalize #KartarpurCorridor. More than 70% of Gurdwara’s construction work is completed. We hope to have productive discussion today. pic.twitter.com/zoAEgfHwnK
— ANI (@ANI) July 14, 2019
आख़िर क्यों ख़ास है करतारपुर कॉरिडोर
दरअसल, यह गलियारा पाकिस्तान के करतारपुर साहिब को गुरदासपुर ज़िले के डेरा बाबा नानक मंदिर से जोड़ेगा और भारत के सिख तीर्थयात्रियों को वीज़ा-मुक्त आने-जाने की सुविधा भी देगा। इस कॉरिडोर को लेकर पहले दौर की वार्ता 14 मार्च 2019 को अटारी-वाघा बॉर्डर के भारतीय हिस्से अटारी में हुई थी। इस वार्ता में दोनों देशों के मध्य ड्राफ़्ट समझौते को अंतिम रूप देने के मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोबारा सत्ता पर काबिज़ होने के बाद दूसरे दौर की वार्ता की घोषणा की गई थी।
बता दें कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव (आंतरिक सुरक्षा) एससीएल दास, विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (PAI-पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान और ईरान) दीपक मित्तल कर रहे थे। वहीं, इस बैठक में पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ मोहम्मद फैसल की अध्यक्षता में 20 पाकिस्तानी अधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल शामिल था।
#WATCH Indian delegation arrives at Wagah border in Pakistan, to hold bilateral meeting with their Pakistani counterparts on #KartarpurCorridor. pic.twitter.com/PaCuKDMvZf
— ANI (@ANI) July 14, 2019