Tuesday, October 15, 2024
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करतारपुर कॉरिडोर: 5000 लोगों को प्रतिदिन दर्शन करने की माँग पर पाकिस्तान सहमत

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता और 13 सदस्यीय पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के नेता मोहम्मद फैसल ने कहा, “हमें मामलों पर उपयोगी वार्ता होने और समाधान मिलने की उम्मीद है। गलियारे का 70% काम पूरा हो गया है।”

भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर कॉरिडोर को लेकर एक बार फिर अहम बैठक हुई। इस बैठक में कई मुद्दों पर गहनता से विचार-विमर्श किया गया। इस बैठक के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान से रोजाना 5,000 श्रद्धालुओं को गुरुद्वारे में दर्शन करने की अनुमति देने की माँग की। वहीं, पाकिस्तान से अनुरोध किया गया है कि 10,000 अतिरिक्त तीर्थयात्रियों को विशेष अवसरों पर जाने की अनुमति दी जाए। 

ख़बर के अनुसार, भारत की यह माँग पूरी करते हुए प्रतिदिन 5000 तीर्थयात्रियों को वीज़ा-मुक्त करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने की अनुमति पाकिस्तान ने दे दी है। एक बयान में कहा गया कि तीर्थयात्रियों को व्यक्तिगत या समूह के रूप में या फिर पैदल यात्रा करने की भी अनुमति दी जाएगी।

इसके अलावा भारत की ओर से बनाए जा रहे पुल का विवरण साझा किया गया और पाकिस्तान से उनकी तरफ़ से पुल बनाने का आग्रह किया गया है। इससे बाढ़ संबंधी समस्याएँ दूर होंगी और तीर्थ यात्रा सकुशल पूरा होगा। पाकिस्तान इस पुल निर्माण के लिए सहमत है।

इसके अलावा भारत ने यह अनुरोध भी किया कि केवल भारतीय नागरिकों को ही नहीं, बल्कि OCI कार्ड रखने वाले भारतीय मूल (PIO) के व्यक्तियों को भी करतारपुर सुविधा का इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाए।  

करतारपुर कॉरिडोर खोले जाने की तारीख़ निर्धारित है। भारत ने नवंबर 2019 में गुरूनानक देव जी की 550वीं जयंती के ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए गलियारे को चालू करने की पेशकश की थी।

इस बैठक से पहले पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता और 13 सदस्यीय पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के नेता मोहम्मद फैसल ने कहा, “हमें मामलों पर उपयोगी वार्ता होने और समाधान मिलने की उम्मीद है। गलियारे का 70% काम पूरा हो गया है।”

आख़िर क्यों ख़ास है करतारपुर कॉरिडोर

दरअसल, यह गलियारा पाकिस्तान के करतारपुर साहिब को गुरदासपुर ज़िले के डेरा बाबा नानक मंदिर से जोड़ेगा और भारत के सिख तीर्थयात्रियों को वीज़ा-मुक्त आने-जाने की सुविधा भी देगा। इस कॉरिडोर को लेकर पहले दौर की वार्ता 14 मार्च 2019 को अटारी-वाघा बॉर्डर के भारतीय हिस्से अटारी में हुई थी। इस वार्ता में दोनों देशों के मध्य ड्राफ़्ट समझौते को अंतिम रूप देने के मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोबारा सत्ता पर काबिज़ होने के बाद दूसरे दौर की वार्ता की घोषणा की गई थी।

बता दें कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव (आंतरिक सुरक्षा) एससीएल दास, विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (PAI-पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान और ईरान) दीपक मित्तल कर रहे थे। वहीं, इस बैठक में पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ मोहम्मद फैसल की अध्यक्षता में 20 पाकिस्तानी अधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल शामिल था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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