Sunday, September 8, 2024
Homeदेश-समाज25 गायों की मौत, 35 घायल: मवेशियों की तस्करी कर भाग रहा ट्रक पलटा,...

25 गायों की मौत, 35 घायल: मवेशियों की तस्करी कर भाग रहा ट्रक पलटा, ओडिशा पुलिस पर सवाल

ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि स्थानीय पुलिस गायों की तस्करी को लेकर निष्क्रिय है और कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। बजरंग दल ने पुलिस से मवेशी तस्करों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की माँग की है।

ओडिशा में एक ट्रक पलट जाने के कारण 25 गायों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। 35 अन्य गायों के घायल होने की भी ख़बर है। इस ट्रक में गायों को अवैध तरीके से ले जाया जा रहा था। अवैध ट्रांसपोर्टिंग के दौरान ही यह हादसा हुआ। यह घटना ओडिशा के बालासोर में सोमवार (जुलाई 15, 2019) को सुबह 6 बजे घटी। इन मवेशियों को अवैध तरीके से ट्रांसपोर्ट कर पश्चिम बंगाल ले जाया जा रहा था। पुलिस के अनुसार, राष्ट्रीय राजमार्ग 60 पर इन मवेशियों को लेकर जा रहा वाहन अचानक से फिसल गया, जिस कारण यह दुर्घटना हुई।

इन मवेशियों को काफ़ी बुरी स्थिति में रखा गया था। अवैध ट्रांसपोर्टिंग को अंजाम देने के लिए उनके साथ बेरहमी की गई थी। सभी गायों के पाँव बाँध कर रखे गए थे। 60 गायों को लेकर जा रहे ट्रक ड्राइवर और उसका सहयोगी भाग खड़े हुए। इसी वर्ष फरवरी को स्थानीय लोगों ने 3 ऐसे ट्रकों को पकड़ा था, जिसमें मवेशियों को अवैध तरीके से ले जाया जा रहा था। ग्रामीणों ने कुछ मवेशी स्मगलरों की पिटाई भी की थी। ताज़ा मामले में ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि स्थानीय पुलिस गायों की तस्करी को लेकर निष्क्रिय है और कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। बजरंग दल ने पुलिस से मवेशी तस्करों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की माँग की है।

पर्यावरण एवं पशु कल्याण मंत्रालय ने ओडिशा सरकार को पहले से ही आगाह कर रखा है कि राज्य के 6 जिलों से मवेशियों को ट्रांसपोर्ट कर पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना ले जाया जा रहा है। मंत्रालय ने ओडिशा के परिवहन विभाग को सभी प्रमुख जगहों ख़ासकर राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में चेक पोस्ट बनाने को कहा था ताकि ‘कैटल ट्रैफिकिंग’ कर रहे अपराधियों को दबोचा जा सके।

मंत्रालय ने ओडिशा सरकार से एक कण्ट्रोल रूम स्थापित करने की भी सलाह दी थी, जहाँ जनता मवेशियों की ट्रैफिकिंग और संदिग्ध ट्रांसपोर्टिंग को लेकर अपनी शिकायतें दर्ज करा सके। जानवरों पर क्रूरता के ख़िलाफ़ पहले से ही क़ानून है। करंदर ने ओडिशा सरकार को उस क़ानून के तहत कार्रवाई करने को कहा था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -