शाहीन बाग़ में अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए MCD (दिल्ली महानगरपालिका) के बुलडोजर तो पहुँचे, लेकिन वहाँ के स्थानीय लोग और खासकर महिलाएँ बुलडोजरों के सामने बैठ गईं। 2019 के अंत में और 2020 के शुरुआत में अहहीं बाग़ CAA-NRC के खिलाफ उपद्रव के लिए सुर्ख़ियों में आया था, जहाँ मुस्लिम महिलाओं ने महीनों जाम लगा कर लाखों लोगों को परेशान किया था।अब यही महिलाएँ बुलडोजरों पर चढ़ गईं, तो कई लोग इनके सामने ही लेट गए।
इसके बाद दोपहर के करीब साढ़े 12 बजे MCD के बुलडोजरों को वापस लौटना पड़ा। जैसा कि जहाँगीरपुरी मामले में हुआ था, सुप्रीम कोर्ट में MCD की कार्रवाई के खिलाफ याचिका पहुँच चुकी है और इस पर आज ही सुनवाई भी हो सकती है। जहाँगीरपुरी में हिन्दू विरोधी दंगे के बाद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर कुछ ही घंटों में सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। इस दौरान लोगों ने जम कर हंगामा किया। पुलिस फोर्स भी शाहीन बाग़ में मौजूद है।
SDMC (दक्षिणी दिल्ली नगर निगम) की कार्रवाई ठीक से शुरू भी नहीं हो पाई थी कि उपद्रवी वहाँ पर जुट गए थे। ‘आम आदमी पार्टी (AAP)’ के विधायक अमानतुल्लाह खान भी वहाँ पर आ धमके और इस कार्रवाई का विरोध किया। कॉन्ग्रेस के कई नेताओं ने भी सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। अमानतुल्लाह खान का कहना है कि उन्होंने तीन दिन पहले यहाँ आकर लोगों को समझाया था, जिसके बाद उन्होंने खुद ही अवैध अतिक्रमण हटा लिए थे।
उन्होंने दावा किया कि मस्जिद के बाहर वजूखाना था, उसे भी हटा दिया गया है। AAP विधायक ने कहा कि सड़क PWD की है और यहाँ स्थानीय पुलिस भी हैं, ऐसे में लोग प्रशासन से बात करेंगे और वो लोग खुद बचा-खुचा अतिक्रमण हटा लेंगे। उन्होंने इसे एक राजनितिक कार्रवाई करार देते हुए कहा कि पुलिस उनसे बात करे। CRPF के कई जवान भी इलाके में तैनात हैं। कई उपद्रवियों को हिरासत में लेकर वहाँ से हटाया गया।
Locals protest anti-encroachment drive in Delhi's Shaheen Bagh
— ANI Digital (@ani_digital) May 9, 2022
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दोपहर के 2 बजे से शाहीन बाग़ मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। अब तक बुलडोजर से सिर्फ एक इमारत के आगे लोहे की रॉड को ही हटाया जा सका है। ये रॉड रेनोवेशन के काम के लिए लगाई गई थी। वहाँ के लोगों ने भी बुलडोजर के डर से खुद ही अतिक्रमण हटाने शुरू कर दिए। सुरक्षा बलों ने किसी भी अनियंत्रित परिस्थिति के लिए आँसू गैस के गोले भी तैयार रखे हैं। सुप्रीम कोर्ट में एक वकील ने इस कार्रवाई के खिलाफ याचिका दायर की है।