पाँच वर्ष पहले जब उत्तर प्रदेश की बात होती थी तो अपराध, दंगा, उपद्रव, माफियागीरी और महिलाओं पर अपराध की चर्चा होती थी। कानून-व्यवस्था की स्थिति दयनीय थी। प्रदेश में माफिया सक्रिय थे। सत्ता और अपराधियों का ऐसा गठजोड़ दिखता था कि त्रस्त जनता ने आस ही छोड़ दी थी। सुखद यह रहा कि 2017 में प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी और योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने।
योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के साथ ही प्रदेश का वातावरण परिवर्तित होने लगा। कानून-व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन हुआ और भयमुक्त प्रदेश बनने लगा। प्रदेश की जनता इस परिवर्तन का अनुभव कर रही है। 2022 में सीएम योगी की प्रचंड बहुमत की सरकार बनने के पीछे के अनेक कारणों में से एक बड़ा कारण यह भी रहा।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने आपराधिक तत्वों के खिलाफ शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाई। उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार की उस अघोषित नीति पर प्रहार किया, जिसके अंतर्गत अपराधी को बचाया जाता था और पीड़ित को सताया जाता था। योगी सरकार ने पुलिस और प्रशासन के काम में राजनीतिक हस्तक्षेप को बंद किया।
दबाव-मुक्त पुलिस/प्रशासन
राजनीतिक हस्तक्षेप बंद होने का परिणाम यह हुआ कि सीएम योगी के शासन में पुलिस व प्रशासन ने निष्पक्षता से अपराधियों, गुंडों, भू-माफियाओं, उपद्रवी तत्वों पर कार्रवाई की। इससे डकैती, लूट, हत्या, दुष्कर्म, छेड़खानी, बलवा, भूमि पर कब्जा और दहेज हत्याओं की घटनाओं पर अंकुश लगा।
उत्तर प्रदेश में अब सड़कों पर नमाज के नाम पर हुड़दंग नहीं होता। राम नवमी के त्योहार पर पूरे प्रदेश में 771 जुलूस निकाले गए और 671 मेले लगाए गए, किंतु कहीं कोई अप्रिय घटना, हिंसा या तनाव की घटना नहीं हुई। पहले ईद और अलविदा की नमाज पर प्रदेश भर में हुड़दंग होता था; मेरठ, मुजफ्फरनगर, मुरादबाद व अन्य स्थान संवेदनशील हुआ करते थे। इन स्थानों पर हिंसा और दंगे का भय बना रहता था।
योगी सरकार आने के पश्चात हुड़दंगियों, दंगाइयों और उपद्रवियों पर निष्पक्षता से कार्रवाई हुई। अयोध्या में पहली बार तीस लाख से अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी और शांतिपूर्ण ढंग से हर्षोल्लास के साथ धार्मिक कार्यक्रम सम्पन्न हुए। अब त्योहारों पर जनता भयभीत नहीं रहती, अपितु उल्लास से मनाते हैं।
प्रदेश की कानून-व्यवस्था सुदृढ़ करने को लेकर योगी सरकार ने पिछले पाँच साल में जो किया और अब दूसरी पारी में उसे और तीव्रता से कर रहे हैं। पहले जो गुंडे और माफिया सत्ता के संरक्षण में समानांतर सत्ता चलाते थे, आज वे स्वयं थाने में आत्मसमर्पण कर रहे हैं।
भय/दंगा-मुक्त प्रदेश
पूर्ववर्ती सरकार के समय प्रदेश में महिलाओं का सड़क पर निकलना खतरनाक हो गया था; बलात्कार, छेड़खानी और महिलाओं के विरुद्ध अपराध के प्रकरणों में नंबर एक था। पाँच वर्ष के सीएम योगी के शासन में प्रदेश महिलाओं के लिए देश का सबसे सुरक्षित राज्य बन गया।
सीएम योगी के कार्यकाल में पिछले पाँच साल में एक भी दंगा नहीं हुआ, जबकि अखिलेश के समय में 2012 से 2017 के बीच लगभग एक हजार दंगे हुए थे। वर्ष 2016 के सापेक्ष वर्ष 2022 के अप्रैल तक डकैती में 77 प्रतिशत, लूट के प्रकरणों में 55 प्रतिशत, हत्या में 34 प्रतिशत, बलवा में 50 प्रतिशत, फिरौती हेतु अपहरण में 37 प्रतिशत और बलात्कार की घटनाओं में 28 प्रतिशत की कमी अंकित हुई है।
योगी सरकार में प्रदेश के 50 कुख्यात माफिया अपराधियों द्वारा अवैध रूप से अर्जित 1438 करोड़ की सम्पत्ति जब्त की और ध्वस्तीकरण करके अवैध कब्जा हटवाया गया। कुल मिलाकर माफियाओं व अन्य अपराधियों की कुल 24 अरब 14 करोड़ की सम्पति का जब्तीकरण अथवा ध्वस्तीकरण किया गया।
ये सब योगी सरकार के सबको सुरक्षा एवं सबको सम्मान, अपराध एवं अपराधियों के प्रति शून्य सहिष्णुता, प्रदेश में शांति और सौहार्द स्थापित करने, महिला सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने, माफिया राज समाप्त करके प्रदेश में कानून व्यवस्था का राज लाने के संकल्प और सुशासन से संभव हुआ। आज प्रदेश की कानून-व्यवस्था इतनी अच्छी है कि शांतिपूर्वक बिना किसी कोलाहल के धार्मिक स्थलों से 64000 अनधिकृत ध्वनि विस्तारक हटाए गए और 57000 ध्वनि विस्तारकों को निर्धारित सीमा में किए गए।
कुछ समय पूर्व चुनाव के समय हुए एक सर्वे में यह सामने आया कि उत्तर प्रदेश के 56 प्रतिशत निवासी मानते हैं कि पिछले पाँच वर्षों में कानून-व्यवस्था में बड़ा सुधार हुआ है, जबकि 22 प्रतिशत लोगों का मानना है कि कानून-व्यवस्था में सुधार हुआ है। कुल मिलाकर 78 प्रतिशत लोग मानते हैं कि राज्य का वातावरण सुरक्षित हुआ है।
सबकी सुरक्षा प्राथमिकता
योगी सरकार में अभूतपूर्व महिला सुरक्षा की व्यवस्था हुई है। वर्ष 2022-23 के बजट में भी दिखा कि कानून-व्यवस्था और महिला सुरक्षा योगी सरकार की प्राथमिकता है। योगी सरकार 2.0 के पहले बजट में महिलाओं पर विशेष ध्यान दिया गया। इसमें राज्य के सभी जनपदों के समस्त 1535 थानों पर महिला बीट आरक्षी नामित करते हुए ‘महिला हेल्प डेस्क’ की स्थापना का प्रावधान किया गया है।
‘महिला हेल्प डेस्क’ के अतिरिक्त 2740 महिला पुलिस कार्मिकों को 10370 महिला बीटों का आवंटन किया गया है। लखनऊ, गोरखपुर और बदायूं में तीन महिला पीएसी बटालियन का गठन किया गया है। सेफ सिटी योजना के अन्तर्गत महिलाओं की सुरक्षा के लिए लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, आगरा, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज में योजना लागू किए जाने हेतु 523 करोड़ 34 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।
इसके अतिरिक्त प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए बजट में विशेष प्रावधान किए गए हैं। आतंकवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए देवबंद में आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) केंद्र का निर्माण कार्य प्रगति पर है। मेरठ, बहराइच, कानपुर, आजमगढ़ एवं रामपुर में ऐसे केंद्रों का निर्माण प्रस्तावित है।
इस बजट में 37 सौ करोड़ रुपए की धनराशि पुलिस सुदृढ़ीकरण और आधारभूत ढाँचों के विकास और पुलिस सुधार के लिए प्रस्तावित किया गया है। प्रदेश पुलिस के आँकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में 97 मामले दर्ज किए गए थे, लेकिन इस बार मात्र 33 घटनाएँ हुईं। इन घटनाओं में कोई भी व्यक्ति न तो गंभीर रूप से घायल हुआ और न ही किसी की मृत्यु हुई है।
स्पष्ट देखा जा सकता है कि भाजपा की सरकार आने के पश्चात उत्तर प्रदेश में कानून का राज स्थापित हुआ है। प्रदेश सभी नागरिकों के लिए सुरक्षित हो गया है। कानून-व्यवस्था अच्छी होने के कारण राज्य में औद्योगिक विकास व निवेश हो रहे हैं। प्रदेश की अर्थव्यवस्था और जनता का जीवन स्तर अच्छा हुआ है। पिछली सरकारों के समय अपराध और गुंडाराज से त्रस्त प्रदेश को पाँच वर्ष में देश का सबसे सुरक्षित राज्य बना देने की सीएम योगी की यह उपलब्धि असाधारण है।