केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (NCP) के लोकसभा सांसद मोहम्मद फैज़ल की जाँच टूना मछली कथित घोटाले में कर रही है। इस केस में सांसद के रिश्तेदार अब्दुल रज़्ज़ाक भी कोलंबो की एक कम्पनी के साथ CBI के रडार पर बताए जा रहे हैं। सीबीआई के साथ इस जाँच में लक्ष्यद्वीप प्रशासन का विजलेंस विभाग भी शामिल है। इस घोटाले में संबंधित विभाग के कुछ स्थानीय अधिकारियों की संलिप्तता की भी आशंका जताई जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक DIG रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में CBI की 25 सदस्यीय टीम इस कथित भ्रष्टाचार की जाँच कर रही है। टूना मछली की अंतर्राष्ट्रीय मार्किट में कीमत लगभग 400 रुपए प्रति किलो है। इसे LCMF (लक्ष्यद्वीप कॉर्पोरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन) द्वारा स्थानीय मछुआरों से खरीदा गया। बाद में इसे श्रीलंका की राजधानी कोलंबो स्थित SRT जनरल मर्चेंट नाम की कम्पनी को बेचा गया था। लेकिन बदले में ART कम्पनी ने LCMF को पैसे नहीं दिए। इस से स्थानीय मछुआरों को काफी नुकसान उठाना पड़ा।
CBI का मानना है कि मछुआरों के इस नुकसान के पीछे कुछ सरकारी कर्मचारी और अधिकारी भी जिम्मेदार हो सकते हैं। जाँच एजेंसी का मानना है कि मछलियों को SRT कम्पनी को बेचने के दौरान नियमों का उललंघन हुआ है और LCMF ने स्थानीय मछुआरों से भारी मात्रा में मछलियों खरीदने के लिए NCP सांसद मोहम्मद फैज़ल के प्रभाव का प्रयोग किया। फैज़ल का रिश्तेदार अब्दुल रज़्ज़ाक श्रीलंका की उसी कम्पनी में प्रतिनिधि था जिस पर मछलियों के बदले LCMF का पैसा न देने का आरोप है।
फिलहाल CBI की टीम मछलियों के इस डील की सभी नई और पुरानी फाइलें खँगाल रही है। इसी के साथ NCP सांसद मोहम्मद फैज़ान के श्रीलंका की कम्पनी से रिश्तों की भी पड़ताल चल रही है। CBI की जाँच के दायरे में LCMF के अलावा मत्स्य विभाग, PWD, खादी बोर्ड और पशुपालन विभाग भी हैं। वहीं इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए NCP सांसद मोहम्मद फैज़ल ने CBI जाँच की जानकारी होने से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में कोई भ्र्ष्टाचार नहीं है और CBI की जाँच यदि हो रही होगी तो उसमें सच निकल कर सामने आएगा।