पंजाब में खुलेआम खालिस्तान की माँग करने वाले शिरोमणि अकाली दल के सिमरनजीत सिंह मान ने लोकसभा उपचुनावों में संगरूर से जीत हासिल की है। सिमरनजीत ने चुनाव जीतने के बाद मीडिया में कहा कि ये खालिस्तानी जरनैल सिंह भिंडरावाले की दी गई सीख की जीत हुई है।
समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा साझा वीडियो में सुन सकते हैं कि सिमरनजीत कहते हैं, “ये जीत हमारे पार्टी कार्यकर्ताओं की है और जरनैल सिंह भिंडरावाले ने जो सीख दी उसकी है।”
इस वीडियो को देखने के बाद लोग हैरान हैं कि कैसे एक ऐसा व्यक्ति देश में विधायक चुना जा सकता है जो देश को तोड़ने के सपने देखे। मान को लेकर कहा जा रहा है कि सिमरनजीत को तो तुरंत बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए। ये खुलेआम खालिस्तान की बातें कर रहा है।
An MP got elected in Indian through democracy who is a supporter of Indian division.
— Ranveer Singh (@AntiMlechh) June 26, 2022
Where the hell this country is matching towards?
बता दें कि पंजाब में भगवंत मान के मुख्यमंत्री बनने के बाद संगरूर की सीट खाली थी। ऐसे में उपचुनावों में SAD से सिमरनजीत सिंह मान ने चुनाव लड़ा और 7,10,825 वोटो में से 2, 52, 898 पाकर जीत हासिल की। बाकी बची पार्टियों के प्रत्याशियों में से आप के गुरमैल सिंह को 2, 46, 828 वोट मिले जबकि भाजपा के केवल ढिल्लों को 66, 171 वोट मिले, वहीं कॉन्ग्रेस के दलवीर सिंह गोल्डी के हिस्से 78,844 वोट आए।
मालूम हो कि सिमरनजीत सिंह मान ने पिछले दिनों चुनाव के मद्देनजर दीप सिद्धू और सिद्धू मूसेवाला का बढ़ चढ़कर नाम अपने सोशल मीडिया पर इस्तेमाल किया था। इसके अलावा सिमरनजीत की पहले की प्रोफाइल देखें तो पता चलेगा कि वो हमेशा से खालिस्तानी समर्थकों में आए हैं। ऑपरेशन ब्लू स्टार के कारण उन्होंने पुलिस की नौकरी छोड़ दी थी। इतना ही नहीं उनकी पार्टी के ऊपर ब्लू स्टार की बरसी पर स्वर्ण मंदिर में खालिस्तानी नारे लगाने के इल्जाम भी लगते रहे हैं। उनके कई सोशल मीडिया पोस्ट में खुलेआम खालिस्तान को माँगा गया है।
इसके अलावा भिंडरावाले के लिए भी उनके पोस्टों में संवेदना साफ दिखते ही बनती है। एक पोस्ट में तो सिमरनजीत ने ये भी दिखाने का प्रयास किया था कि हिंदू राष्ट्र में सिखों के हाल बुरे हैं। उन्होंने कहा था कि हिंदुओं को लगता है कि वह सिखों को मशीन गन से डरा देंगे और इससे वह खालिस्तान की माँग नहीं करेंगे। रिपोर्ट यह भी बताती हैं कि वह देशद्रोह जैसे आरोप समेत कई आरोपों में 30 से ज्यादा बार पकड़ा गया लेकिन उसे कभी दोषी नहीं करार दिया गया।