केरल के कोल्लम में मेडिकल प्रवेश परीक्षा- NEET 2022 के दौरान करीब 100 से अधिक छात्राओं को अपने ब्रा उतारने के लिए मजबूर किया गया। चेकिंग के नाम पर परीक्षा देने से पहले अपनी अंडरगारमेंट्स उतारने के लिए कहे जाने से छात्राओं को अपमान के साथ मानसिक तनाव और परेशानी का भी सामना करना पड़ा।
Kerala: Female NEET candidates allegedly forced to remove their undergarments before entering examination hall in Kannur.
— ANI (@ANI) May 7, 2017
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केरल के कोल्लम में NEET एग्जाम सेंटर पर सख्ती के नाम पर छात्राओं के अंडरगारमेंट्स तक उतरवा दिए गए। इसको लेकर अब छात्राओं के परिजनों ने पुलिस में मामला दर्ज कराया है। जबकि कोल्लम के मोर्थम इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलेजी ने छात्राओं के आरोपों से इनकार किया है। वहीं परिजनों की शिकायत पर दर्ज एफआईआर के आधार पर पुलिस जाँच में जुट गई है। यह शिकायत कोट्टारक्का के पुलिस उपाधीक्षक के पास दर्ज कराई गई है।
#Kottarakkara police registered a case against the officials of NEET who were involved in the inspection of female students.
— TIMES NOW (@TimesNow) July 18, 2022
Controversy was over the examination center where female students were allowed to enter the hall only after they were forced to remove their undergarments pic.twitter.com/KFg40aDTHh
इस मामले में दावा किया जा रहा कि ड्रेस कोड के अनुसार, छात्राओं को परीक्षा हॉल में प्रवेश करते समय कोई भी धातु की वस्तु या सामान पहनने की अनुमति नहीं है। इसे परीक्षा में धोखाधड़ी से बचने का उपाय बताया जा रहा है। जबकि एडवाइजरी बेल्ट के बारे में बात करती है और इसमें ब्रा जैसे अंडरगारमेंट्स का कोई भी उल्लेख नहीं है, जिसमें अंडरवायरिंग शामिल हो सकती है।
वहीं पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बाद एक छात्रा के पिता गोपकुमार सूरनाद ने TNM को बताया कि उन्होंने अपनी शिकायत में कहा है कि राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा जारी आधिकारिक सूचना बुलेटिन में धातु के हुक वाली ब्रा पर किसी प्रतिबंध का उल्लेख नहीं है। उन्होंने कहा कि जब उनकी बेटी ने अपने इनरवियर को हटाने से इनकार कर दिया, तो उन्हें परीक्षा न देने के लिए कहा गया। मेरी बेटी लंबे समय से इस परीक्षा की तैयारी कर रही थी। लेकिन वह ठीक से परीक्षा भी नहीं लिख पा रही थी। वह दुखी होकर रोती हुई हमारे पास लौट आई। उन्होंने आगे बताया कि सेंटर पर अनिवार्य रूप से छात्राओं से अपने इनरवियर को हटाने के लिए कहा गया था। बच्चे बहुत असहज थे। उनमें से कई रो रहे थे। अगर ऐसा है तो वे फ्रिस्किंग के दौरान इनरवियर चेक कर सकते हैं। लेकिन उन्हें क्यों हटाएँ? NEET बुलेटिन में ऐसे कोई नियम नहीं हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, छात्राओं ने बताया कि रविवार को जब वे परीक्षा देकर बाहर निकलीं तो उन्हें सारे अंडरगारमेंट्स डिब्बों में एक साथ फेंके हुए मिले। जबकि केरल के मार्थोमा इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में स्थित अयूर चदायमंगलम केंद्र ने यह कहते हुए जिम्मेदारी लेने से इनकार किया है कि छात्राओं की तलाशी और बायोमेट्रिक जाँच बाहरी एजेंसियों द्वारा की गई थी।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के अधिकारियों के अनुसार, मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट में रविवार को करीब 95 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज की गई थी, जिसके लिए इस साल सबसे ज्यादा आवेदन आए थे। कुल 18,72,329 उम्मीदवारों ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET के लिए पंजीकरण कराया था, जिनमें से 10.64 लाख छात्राएँ थीं।