पाकिस्तान में पंजाब प्रान्त की सरकार अब निकाह में ‘मोहम्मद ही अंतिम पैगंबर’ का फॉर्म भरवाएगी। मार्च 2022 के इस प्रस्ताव को पंजाब सरकार की कैबिनेट ने मंजूरी दे कर अनिवार्य बना दिया है। पंजाब मुस्लिम परिवार नियम के मुस्लिम फॅमिली लॉ ऑर्डिनेंस 1961 के कागजातों में में अब ‘खत्म ए नबूवत’ का फार्म जोड़ दिया गया है। यह फैसला शनिवार (30 जुलाई 2022) को लिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पंजाब की प्रांतीय सरकार ने अपने अधीनस्थ सभी क्षेत्रों के अधिकारियों को इस नए कानून को फ़ौरन लागू कर के अमल में लाने के आदेश दिए है। वर्तमान में पाकिस्तान के पंजाब में चौधरी परवेज इलाही के नेतृत्व में सरकार चल रही है। सरकार द्वारा इस आदेश का उल्लंघन करने वालों को कड़ी सजा का अभी फरमान सुनाया गया है।
عقیدہ ختم نبوت ﷺ کا تحفظ
— BOLNetwork (@BOLNETWORK) July 31, 2022
نکاح کیلئے بڑی شرط عائد
پنجاب حکومت کا انتہائی اہم اقدام
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इस नए फार्म के मुताबिक, अब मियाँ-बीवी को लिखित देना होगा कि वो इस बार पर विश्वास करते हैं कि मोहम्मद ही अंतिम पैगंबर हैं। पाकिस्तान में ईसाई समुदाय के फ़राज़ ने मुख्यमंत्री के इस आदेश को ट्वीट किया है। फ़राज़ ने खुद को ईसा मसीह को मानने वाला घोषित करते हुए ईशनिंदा का आरोपित भी लिखा है। ट्वीट के साथ उन्होंने हैशटैग के रूप में #Blasphemy लगाया है।
Punjab Chief Minister Pervez Elahi orders inclusion of ‘Khatam-e-Nabuwat’ (The Prophethood’s Finality) oath in the marriage certificates. #blasphemy pic.twitter.com/cVJpHK42ld
— Faraz Pervaiz (@FarazPervaiz3) July 31, 2022
पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने इस नियम का प्रस्ताव मार्च 2022 में पारित किया था। उस समय वहाँ के कई लोगों ने निकाहनामे के इस नए संशोधन का समर्थन किया था तो पाकिस्तान की निगत दाद और बुशरा ख़ालिक़ जैसी महिला एक्टिविस्टों ने इसका विरोध किया था।