SSC स्कैम में फँसे बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के लिए जेल में दिन-रात काटना भारी हो रहा है। वहाँ के कैदी उन्हें ‘चोर-चोर’ कहकर बुला रहे हैं। उनपर भद्दी-भद्दी फब्तियाँ कसी जा रही हैं। हाल ऐसे हो गए कि जेल में पहली रात तो पार्थ को कमोड पर बैठकर गुजारनी पड़ी जबकि अर्पिता ने पहले दिन कुछ खाया ही नहीं, वो सिर्फ रोती रहीं।
बता दें कि अर्पिता मुखर्जी और पार्थ चटर्जी दोनों को अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है। इस दौरान वह जेल में ही रहेंगे। पार्थ को कोलकाता प्रेसीडेंसी जेल के ‘पोइला बैश’ में रखा गया है जबकि उनकी साथी अर्पिता को उनकी जेल से पाँच मिनट की दूरी पर बनी ‘अलीपुर वीमन करेक्शनल होम’ में रखा गया है। अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को अर्पिता जब जेल में आईं तो बहुत दुखीं थीं। वो लगातार रो रही थीं और उन्होंने उस रात डिनर भी नहीं किया।
वहीं पार्थ ने भी शुक्रवार को जेल में पहली रात काटी जो कि उनके लिए काफी दुखदायी थी। कभी बंगाल सरकार में ताकतवर मंत्री रहे चटर्जी के लिए जेल में कोई अलग से सुविधा नहीं थी। उन्हें जेल के सबसे सुरक्षित भाग में रखा गया था जहाँ कभी अमेरिकी सेंटर पर अटैक का मास्टरमाइंड आतंकी अफताब अंसारी रखा जाता था।
6*8 फीट की जेल में बिस्तर के लिए जमीन पर कंबल थे, एक सीलिंग फैन था, एक कमोड था और एक वाटर फिल्टर था। इसके अलावा वहाँ कोई फर्नीचर नहीं था। पार्थ चटर्जी का चूँकि वजन ज्यादा है इसलिए जब वो जेल पहुँचे तो उनसे कुछ ही देर जमीन पर बैठा गया। इसके बाद वह कमोड पर बैठ गए। उन्होंने पूरी रात उसी कमोड पर गुजारी।
जेल प्रशासन ने अगले दिन उन्हें चरपाई और कुर्सी लाकर दी। इसके बाद उन्हें कैदियों के लिए बनाया गया खाना परोसा गया, जिसे देख उन्होंने चॉप-मुरी की माँग की। रविवार शाम को उनकी इस इच्छा को भी जेल प्रशासन ने पूरा किया और उनकी जेल में बने कमोड को भी ठीक करवाया। इसके अतिरिक्त उन्हें जेल में अखबार और किताबों की सुविधा भी दी गई। फिलहाल वह लगातार कानूनी सलाहकारों के साथ संपर्क में हैं। उन्होंने फैसला किया है कि वो अभी विधायक पद से इस्तीफा नहीं देंगे।
जानकारी के मुताबिक, पार्थ चटर्जी पर 24 घंटे निगरानी रखी गई है। उन्हें कम से कम किसी कैदी से मिलने दिया जा रहा है। सीनियर जेलर खुद हर घंटे उनकी जेल में जाकर चीजों का मुआएना करते हैं। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि जेल के कैदियों का व्यवहार उनके प्रति अलग है। रविवार को जब वह अपनी जेल से बाहर आए थे तो उन्हें कैदियों ने चोर-चोर कहा था। अर्पिता के नाम की फब्तियाँ भी कसी गई थीं। साथ ही कई अपशब्द भी उन्हें कहे गए थे। पार्थ ने इस दौरान सब अनसुना कर दिया और वापस अपनी जेल में जाकर बैठ गए।
रिपोर्ट्स बताती हैं कि जेल में जाने के बाद पार्थ का चलना-फिरना बिलकुल बंद हो गया है। वह ज्यादातर बस सोते रहते हैं। जिसकी वजह से उनके पाँव में सूजन आ गई थी। यह देख जेल प्रशासन ने उन्हें डॉक्टर को दिखाया। लेकिन जब डॉक्टर आए तब भी वो सोते ही मिले। एक दोपहर उन्हें दाल-भात-मच्छी परोसी गई जिसे खाकर उन्होंने दोबारा रात में चावल माँगे।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के एसएससी घोटाले में पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को ईडी ने 23 जुलाई 2022 को गिरफ्तार किया था। दोनों की बेल याचिका खारिज करते हुए स्पेशल कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। ईडी को जाँच में अर्पिता के दो फ्लैट से करीब 50 करोड़ रुपए कैश बरामद हुए थे।