Sunday, November 3, 2024
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जालौर में इंद्र मेघवाल की मौत: मृतक की जाति वाले टीचर ने नकारा भेदभाव, स्कूल में 8 में से 5 स्टाफ SC/ST

स्कूल के टीचर गटाराम मेघवाल (मृतक बच्चे की जाति वाले टीचर) ने बताया है कि वो 7-8 साल से स्कूल में पढ़ा रहे हैं, पर उन्होंने भेदभाव कभी महसूस नहीं किया। छोटे बच्चों का भी कहना है कि स्कूल में कोई मटकी नहीं है, सारे लोग टंकी का पानी पीते हैं।

राजस्थान के जालौर में इन दिनों 9 साल के दलित इंद्र मेघवाल की मौत के बाद माहौल गरमा रखा है। मीडिया में इसे सवर्ण-दलित मामला कहकर तूल दिया जा रहा है। राजस्थान की पुलिस भी इस मामले में एससी/एसटी एक्ट के तहत कार्रवाई कर रही है।

मृतक के पिता देवाराम मेघवाल का दावा है कि 20 जुलाई को इंद्र ने अपने हेडमास्टर छैल सिंह की मटकी से पानी पी लिया था। इसी के बाद उसे भद्दी-भद्दी गाली देते हुए पीटा गया, जिससे उसका ब्रेन हैमरेज हो गया और 24 दिन बाद इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।

अब इस मामले में आरोपित हेडमास्टर छैल सिंह की गिरफ्तारी हो गई है। उनके ऊपर एससी/एसटी एक्ट के तहत कार्रवाई हो रही है। लेकिन इसी सब के बीच विरोधाभासी बातें भी सामने आ रही हैं। स्थानीय लोगों के द्वारा इनमें एक बात यह सामने आई है कि मटकी से पानी पीने पर बच्चे को मारने वाला दावा गलत है। इन लोगों के अनुसार स्कूल में एक ही टंकी है और बच्चों से लेकर टीचर उसी टंकी से पानी पीते थे।

शिक्षकों ने नकारा भेदभाव वाला एंगल

सरस्वती स्कूल के टीचर गटाराम मेघवाल (मृतक बच्चे की जाति वाले टीचर) ने बताया है कि वो 7-8 साल से स्कूल में पढ़ा रहे हैं, पर उन्होंने भेदभाव कभी महसूस नहीं किया। छोटे बच्चों का भी कहना है कि स्कूल में कोई मटकी नहीं है, सारे लोग टंकी का पानी पीते हैं।

टीचर ने बताया कि अभी तक खबरों में ये बातें सामने आई हैं कि बच्चे को मटकी से पानी पीने के कारण मारा गया, लेकिन हकीकत तो ये है कि स्कूल में भेदभाव जैसा कुछ नहीं है। वो खुद स्कूल में 8 सालों से पढ़ा रहे हैं। पूरे स्कूल में एक टंकी है और सब उससे पानी पीते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि स्कूल में कुल 8 स्टाफ हैं, जिनमें एससी-एसटी के 5 स्टाफ हैं। ऐसे में भेदभाव का तो सवाल ही नहीं है।

ऑडियो में हेडमास्टर और पिता की बात

अब हकीकत क्या है, ये प्रशासन की जाँच बताएगी। लेकिन इस बीच आरोपित हेडमास्टर की और इंद्र के पिता की एक ऑडियो सामने आई है। इसमें भी टंकी से पानी पीने की बात कहीं नहीं है, लेकिन हेडमास्टर ये कह रहे हैं कि शायद लड़के ने गलती ज्यादा कर दी होगी, इसलिए उन्हें थप्पड़ मारना पड़ा। वो कहते हैं:

“मैं मेरी गलती मान रहा हूँ। मैंने जानबूझकर इतनी तेज नहीं मारा। ज्यादा लगी है तो मैं इलाज का खर्चा देने को तैयार हूँ। मैं माफी माँगता हूँ, खर्चा दे रहा हूँ और क्या करूँ।”

वहीं लड़के के पिता को ऑडियो में कहते सुना जा सकता है कि लड़के के सिर की नस ब्लॉक हो गई है। हाथ-पाँव काम नहीं कर रहे। ये सारी बातें डॉक्टर ने कही हैं।

इस ऑडियो में पिता ने कहीं भी बेटे के मटकी से पानी पीने वाली बात का जिक्र नहीं किया है। वहीं एक अन्य वीडियो में उन्हें मटकी वाली बात पर कहते सुना गया:

“सुराणा गाँव में सरस्वती स्कूल में छैल सिंह के पास मेरा लड़का इंद्र कुमार पढ़ने जाता था। उसके मटकी में से पानी पीने पर जातिवाद कर शिक्षक ने कान पर थप्पड़ मारा, जिससे उसके सिर में हैमरेज होकर नाड़ी ब्लॉक हो गई। मैं बच्चे को लेकर डीसा, पालनपुर, उदयपुर सब जगह घूमा। बाद में मैंने उसको अहमदाबाद में भर्ती कराया, जहाँ उसकी मौत हो गई। मैं रविवार सुबह जालोर के सायला आऊँगा। सब भीम आर्मी, भीम सेना सब पधारना और मुझे न्याय दिलाना, जय भीम।”

सड़कों पर भीम आर्मी, पुलिस पर पथराव

दलित छात्र की मौत के बाद और उनके पिता द्वारा वीडियो में किए गए आह्वान के बाद भीम आर्मी सड़कों पर आ गई। इन लोगों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस ने इन लोगों पर लाठी चलाई। प्रशासन ने बिगड़े हालात देखते हुए जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी। परिवार के लोगों को सरकार ने 5 लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया है। परिजनों की माँग है कि स्कूल की मान्यता रद्द की जाए, उन्हें 50 लाख रुपए मुआवजा दिया जाए और परिवार के 1 सदस्य को सरकारी नौकरी मिले।

1.5 लाख रुपए लेकर नाम लेने की बात

इसके अलावा मीडिया में एक बुजुर्ग को इस मामले पर बात करते सुना जा सकता है। वह बच्चों की लड़ाई जैसे एंगल पर बात करते हैं और कहते हैं कि लड़के के हालत बिगड़ने के बाद उन्होंने छैल सिंह से पाँच लाख रुपए माँगे थे, लेकिन वह डेढ़ लाख रुपए दे पाए।

इसके बाद समझौता हो गया। हेडमास्टर से कहा गया कि अब उनका (हेडमास्टर) कहीं नाम नहीं लिया जाएगा, लेकिन अचानक ये मामला बढ़ गया और ये मटकी वाला एंगल भी सामने आया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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