सत्ताधारी भाजपा (BJP) में हाल में संगठनात्मक बदलाव हुए थे, जिसमें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) हा संसदीय समिति और केंद्रीय चुनाव समिति से उन्हें हटा दिया गया था। इसके बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया, जिसमें गडकरी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि ‘मेरा मंत्री पद गया तो गया, मुझे फर्क नहीं पड़ता…’।
सोशल मीडिया पर इस वीडियो को शेयर कर कहा गया कि पार्टी में साइड लाइन किए जाने से नितिन गडकरी भाजपा से नाराज हैं और वे मंत्री पद छोड़ रहे हैं। इस वीडियो को आम आदमी पार्टी (AAP) से राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने शेयर किया। वीडियो वायरल होने केंद्रीय मंत्री गडकरी ने इस पर सफाई दी।
सोशल मीडिया पर साझा हो रहे उनके बयान का वीडियो और इसकी असलियत को लेकर उन्होंने एक वीडियो भी साझा किया। इसके जरिए उन्होंने बताने का प्रयास किया कि वीडियो की हकीकत क्या है। वीडियो के साथ ही उन्होंने ट्वीट में लिखा, “कुछ मीडिया संस्थानों और व्यक्तियों द्वारा चलाये जा रहे झूठे अभियान की सच्चाई।”
कुछ मीडिया संस्थानों और व्यक्तियों द्वारा चलाये जा रहे झूठे अभियान की सच्चाई। pic.twitter.com/O7v3MikOYP
— Office Of Nitin Gadkari (@OfficeOfNG) August 25, 2022
एक ट्वीट में गडकरी ने कहा, “आज एक बार फिर मुख्यधारा की मीडिया, सोशल मीडिया का कुछ वर्ग और कुछ लोगों ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया। उनके द्वारा नापाक और मनगढ़ंत अभियान चलाने का प्रयास किया जा रहा है।” उन्होंने इसे सार्वजनिक कार्यक्रमों का वीडियो बताया।
Today, once again, efforts were being made to continue the nefarious & fabricated campaign against me for political mileage on my behest by some section of mainstream media, social media and some persons in particular by concocting my statements…
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) August 25, 2022
गडकरी ने चेतावनी देते हुए कहा, “मैं ऐसे तत्वों के दुर्भावनापूर्ण एजेंडे से कभी परेशान नहीं हुआ हूँ, लेकिन सभी संबंधित लोगों को चेतावनी दी जाती है कि अगर इस तरह की शरारत जारी रहती है तो मैं उन्हें हमारी सरकार, पार्टी और हमारे लाखों लोगों के व्यापक हित में कानून के पास जाने संकोच नहीं करूँगा।” गडकरी ने इस ट्वीट में भाजपा, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रधानमंत्री कार्यालय को भी टैग किया।
…I will not hesitate to take them to the law in the larger interest of our Government, Party and millions of our hardworking Karyakartas.
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) August 25, 2022
Therefore, I’m sharing the link of what I had actually said.👇https://t.co/jk7eR4056r
दरअसल, गडकरी के बयान का वायरल हो रहा यह वीडियो साल 96-97 का है, जब वे महाराष्ट्र के पथ निर्माण मंत्री हुआ करते थे। उस दौरान एक कार्यक्रम में बोलते हुए गडकरी लोगों को अपने बारे में एक किस्सा सुना रहे थे। वीडियो में कहते हैं, “महात्मा गाँधी ने कहा था कि कानून तोड़ने में अगर गरीब और शोषित वर्ग का हित है तो वह गलत नहीं है, लेकिन स्वार्थ के लिए कानून तोड़ा गया तो वह गलत होगा।”
गडकरी आगे बताते हैं, “मैं तब महाराष्ट्र में मंत्री था और अमरावती जिले के मेलघाट तहसील में 2,500 बच्चे कुपोषण से मर गए। हमारे मुख्यमंत्री मनोहर जोशी बोले कि नितिन यह कैसी स्थिति है। ये मेलघाट में साढ़े चार सौ गाँव हैं और एक में भी रास्ता नहीं है। बच्चे स्कूल नहीं जा सकते। बिजली नहीं है।”
एक मीटिंग में वन विभाग के अधिकारी से बातचीत के संदर्भ में गडकरी आगे कहते हैं, “आपने फॉरेस्ट एनवायरमेंट ऐक्ट के आधार पर सब रोक दिया है। इस पर अधिकारी ने कहा सर आई एम सॉरी, आई एम हेल्पलेस। फिर मेरे से रहा नहीं गया। मैंने कहा कि यह तुम्हारे बस का काम नहीं है। मैं इसमें माहिर हूँ। मेरे ऊपर छोड़ दो। मुझे चिंता नहीं कि क्या परिणाम होते हैं। मैं यह काम करूँगा। आपको संभव हो तो मेरे साथ खड़े रहो नहीं तो मुझे फर्क नहीं पड़ता। मेरा गया तो गया पद। मैं राजनीतिक पेशेवर नहीं हूँ।” गडकरी ने बताया कि इसके बाद उन्होंने उस 450 गाँव में रोड बनवाए।