विवादित बयानों के मसीहा मणिशंकर अय्यर एक बार फिर से नया विवाद लेकर लौटे हैं। अबकी उन्होंने अपनी ही पार्टी द्वारा आंध्र प्रदेश के विभाजन को कॉन्ग्रेस का ग़लत निर्णय करार दिया है। उन्होंने वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता जयपाल रेड्डी का राजनीतिक करियर ख़त्म होने के लिए भी इसी निर्णय को दोषी ठहराया। पूर्व केंद्रीय मंत्री जयपाल रेड्डी का निधन रविवार (जुलाई 28, 2019) को हो गया था। 4 बार विधायक और 7 बार सांसद रह चुके रेड्डी के निधन के बाद तेलंगाना कॉन्ग्रेस ने उन्हें एक प्रखर वक्ता और असाधारण बुद्धिजीवी बताया था।
पूर्व कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने रेड्डी के निधन के बाद शोक प्रकट करते हुए उन्हें तेलंगाना का महान बेटा कहा था। उन्होंने आइके गुजराल और मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्रित्व काल में केंद्रीय मंत्री रहते हुए कई जिम्मेदारियाँ संभाली थीं। मणिशंकर अय्यर ने बयान देते हुए कहा है कि रेड्डी के राजनीतिक जीवन का अंत कॉन्ग्रेस के ग़लत निर्णय के कारण हुआ। 2019 लोकसभा चुनाव में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में कॉन्ग्रेस को एक भी सीट न मिलने के लिए भी उन्होंने आंध्र विभाजन वाले निर्णय को ज़िम्मेदार ठहराया। उन्होंने इसे एक ‘रणनीतिक भूल’ करार दिया।
MS Aiyar,Congress: I think it’s a great tragedy that his (Jaipal Reddy)political life was ended not by an action of his own but by a decision of govt to split Andhra Pradesh which has left Congress without a single seat in Andhra&Telangana. It was a serious strategic error.(12.8) pic.twitter.com/83AeGNqJ3Y
— ANI (@ANI) August 12, 2019
कॉन्ग्रेस ने 2014 में आंध्र प्रदेश का विभाजन किया था, जिसके बाद तेलंगाना के रूप में एक नया राज्य अस्तित्व में आया। हाल ही में जब अनुच्छेद 370 को लेकर संसद में बहस चल रही थी, तब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कॉन्ग्रेस को याद दिलाया था कि कैसे आंध्र प्रदेश का विभाजन अलोकतांत्रिक तरीके से किया गया था। शाह ने कहा था कि संसद में आंध्र विभाजन का बिल पारित कराने के लिए सारे दरवाजे बंद कर दिए गए थे और टीवी पर संसद की कार्यवाही का प्रसारण भी रोक दिया गया था।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने भाजपा अध्यक्ष के आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि आंध्र प्रदेश का विभाजन राज्य की सभी नेताओं की राय लेकर किया गया था और वह ख़ुद उस प्रक्रिया में शामिल थे। उन्होंने शाह पर तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप मढ़ा था। आंध्र की सत्ताधारी पार्टी वाईएसआर कॉन्ग्रेस के सांसदों ने कहा था कि उनकी आपत्ति के बावजूद राज्य का विभाजन कर दिया गया। इसका जवाब देते हुए कॉन्ग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनीष तिवारी ने दावा किया कि इस निर्णय के लिए आंध्र प्रदेश की विधानसभा की राय ली गई थी।
#धारा 370पर लोकसभा में जवाब दे रहे @AmitShah
— Zee Rajasthan News (@zeerajasthan_) August 6, 2019
कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश का विभाजन बिना चर्चा के किया -शाह
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अनुच्छेद 370 के अहम प्रावधानों को निरस्त कर जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन करने वाले बिल को संसद में आंध्र प्रदेश की दोनों प्रमुख पार्टियों टीडीपी और वाइएसआर कॉन्ग्रेस का समर्थन मिला। हालाँकि, हालिया लोकसभा चुनाव में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भाजपा और कॉन्ग्रेस, दोनों ही प्रमुख राष्ट्रीय पार्टियों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था। अय्यर के बयान के बाद आंध्र प्रदेश विभाजन से जुड़ा बहस एक बार फिर लौट आया है।